लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि धान क्रय केंद्रों पर आने वाले हर अन्नदाता किसान का धान खरीदा जाए और भुगतान समय पर सीधे उनके बैंक खाते में पहुंचे. सोमवार को धान खरीद की समीक्षा बैठक में उन्होंने कहा कि खरीद की गति और तेज होनी चाहिए, ताकि किसानों को किसी भी तरह की दिक्कत न हो.
बैठक में बताया गया कि इस साल कॉमन धान का एमएसपी 2,369 और ग्रेड-ए का 2,389 प्रति क्विंटल तय किया गया है, जो पिछले साल की तुलना में 69 रुपये अधिक है. वर्तमान में 4,227 क्रय केंद्र संचालित हैं. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि इन केंद्रों की संख्या बढ़ाकर 5000 की जाए, ताकि किसानों को सुविधा उनके गांव और कस्बों के पास ही मिल सके.
अधिकारियों के अनुसार, 30 नवंबर तक 1,51,030 किसानों से 9.02 लाख मीट्रिक टन धान की खरीद हो चुकी है. अब तक 1,984 करोड़ रुपये से अधिक की राशि सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है. मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि भुगतान में किसी भी तरह की देरी स्वीकार्य नहीं होगी.
मुख्यमंत्री ने मिड-डे मील और आंगनबाड़ी केंद्रों में फोर्टिफाइड चावल की निर्बाध सप्लाई सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि एफआरके की सप्लाई सुचारु रखने के लिए वेंडरों की संख्या बढ़ाई जाए और तकनीकी दिक्कतें तुरंत दूर की जाएं. बैठक में बताया गया कि अब तक करीब 2,130 मीट्रिक टन एफआरके गुणवत्ता परीक्षण में उत्तीर्ण हुआ है.
धान खरीद केंद्रों पर भीड़ न लगे और किसानों को लौटना न पड़े, इसके लिए मुख्यमंत्री ने आवश्यकता के मुताबिक मैनपावर बढ़ाने को कहा. उन्होंने धान उठान, मिल-मैपिंग और अन्य प्रक्रियाओं को और सरल बनाने पर जोर दिया, ताकि खरीद निरंतर और सुचारु रूप से चलती रहे.
बैठक में खाद और बीज की उपलब्धता पर भी चर्चा हुई. मुख्यमंत्री ने स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी जिले में खाद या बीज की कमी नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि संबंधित विभाग नियमित रूप से स्टॉक और सप्लाई की समीक्षा करें, ताकि किसानों को दोनों चीजें आसानी से उपलब्ध हों.
