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गुरूवार, 8 मई, 2025
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ऑपरेशन सिंदूर ‘जारी’, 100 से ज्यादा आतंकी मारे गए—ऑल पार्टी मीटिंग में सरकार ने दी जानकारी

बैठक में विभिन्न दलों के नेताओं ने सरकार का समर्थन किया, हालांकि कई नेताओं ने जम्मू-कश्मीर के पुंछ में पाकिस्तान के संघर्ष विराम उल्लंघन और नागरिकों की मौत पर चिंता व्यक्त की.

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नई दिल्ली: गुरुवार को हुई सर्वदलीय बैठक में सरकार ने कहा कि ऑपरेशन सिंदूर—जिसके तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने 7 मई को पाकिस्तान और पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ स्थानों पर आतंकी ढांचे को निशाना बनाया—में “कम से कम 100” आतंकियों को मार गिराया गया है और यह अभियान अब भी जारी है, दिप्रिंट को जानकारी मिली है.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस बैठक की अध्यक्षता की जिसमें लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे सहित विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता शामिल हुए. खड़गे और गांधी ने बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अनुपस्थिति पर सवाल उठाया.

बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि सिंह ने नेताओं को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर एक “चल रहा अभियान” है और इसी कारण इसके तकनीकी विवरण साझा नहीं किए जा सकते. रिजिजू ने यह भी बताया कि सशस्त्र बलों के अधिकारी बैठक में इसलिए मौजूद नहीं थे क्योंकि वे अभियान में व्यस्त थे.

बैठक में शामिल दो नेताओं ने दिप्रिंट को बताया कि ऑपरेशन सिंदूर पर कोई औपचारिक प्रस्तुति नहीं दी गई, लेकिन रक्षा मंत्री ने इस संबंध में कुछ बातें पार्टी नेताओं से साझा कीं.

दिप्रिंट से बात करते हुए एक विपक्षी नेता ने कहा कि सिंह ने बैठक में बताया कि इस अभियान में “100 आतंकवादी” मारे गए हैं. एक अन्य विपक्षी नेता ने रक्षा मंत्री के हवाले से कहा कि भारत के पास उपलब्ध जानकारी के अनुसार “इस अभियान में 100 लोग, जिनमें कट्टरपंथी आतंकी शामिल हैं, मारे गए हैं.”

सूत्रों ने बताया कि पाकिस्तानी सरकार का यह दावा कि इस अभियान के दौरान उसने भारतीय लड़ाकू विमानों को भी निशाना बनाया, बैठक में उठा. एक विपक्षी सांसद ने दिप्रिंट को बताया, “यह मुद्दा सामने आया, लेकिन नेताओं, जिनमें एनडीए के सदस्य जैसे शिवसेना (शिंदे) और एनसीपी (अजित पवार) शामिल थे, ने इसे पाकिस्तान से फैलाई गई फेक न्यूज़ करार दिया. स्वाभाविक रूप से, सरकार इस मुद्दे को पूरी तरह टालने में सफल रही.”

खड़गे ने, गांधी के साथ खड़े होकर, संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस ने सरकार द्वारा उठाए जा रहे कदमों को पूरा समर्थन दिया है. हालांकि, उन्होंने बैठक में प्रधानमंत्री की अनुपस्थिति पर भी सवाल उठाया.

खड़गे ने कहा, “जैसे पिछली सर्वदलीय बैठक में, इस बार भी पीएम बैठक में शामिल नहीं हुए. कोई बात नहीं. शायद उन्हें लगता है कि वे संसद से ऊपर हैं. हम सही समय पर सवाल उठाएंगे. लेकिन फिलहाल हम किसी की आलोचना नहीं करना चाहते.”

राहुल ने जोड़ा, “हमने पूरा समर्थन दिया है और जैसा कि खड़गे जी ने कहा, कुछ बातें सार्वजनिक रूप से नहीं कही जानी चाहिए.”

बैठक में AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने भी सशस्त्र बलों और सरकार की सराहना की. उन्होंने लश्कर-ए-तैयबा के एक संगठन, दि रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF), जिसने 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमें 26 लोग मारे गए थे, के खिलाफ वैश्विक अभियान चलाने का सुझाव भी दिया. बाद में टीआरएफ ने इस दावे को वापस ले लिया.

ओवैसी ने कहा, “मैंने यह भी सुझाव दिया कि सरकार अमेरिका से अनुरोध करे कि वह टीआरएफ को आतंकवादी संगठन घोषित करे. हमें फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में पाकिस्तान को ग्रे लिस्ट में डालने के प्रयास भी करने चाहिए.”

सांसद ने कहा, “कई अंतरराष्ट्रीय मीडिया संस्थानों ने यह रिपोर्ट दी है कि बठिंडा में एक राफेल (लड़ाकू विमान) गिरा है. भारतीय वायुसेना को इसका खंडन करना चाहिए, ताकि हमारे सशस्त्र बलों का मनोबल प्रभावित न हो.”

इस मुद्दे पर संसद का विशेष सत्र बुलाने की मांग भी उठी. एक स्रोत के अनुसार, सीपीएम के राज्यसभा नेता जॉन ब्रिटास ने बैठक में कहा कि स्थिति को शांत करने के प्रयास किए जाने चाहिए. “ब्रिटास ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को उद्धृत करते हुए कहा कि युद्ध शुरू करना आपके हाथ में होता है लेकिन उसे कैसे समाप्त करना है, यह आपके हाथ में नहीं होता,” एक सूत्र ने जोड़ा.

सरकार को विपक्ष के साथ-साथ जेडीयू जैसे सहयोगियों से भी बैठक में सराहना मिली.

आप के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने बुधवार को ऑपरेशन पर मीडिया ब्रीफिंग के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी और विंग कमांडर व्योमिका सिंह को विदेश सचिव विक्रम मिस्री के साथ पेश करने के लिए सरकार की प्रशंसा की.

कई नेताओं ने नियंत्रण रेखा (LoC) पर पाकिस्तान द्वारा संघर्षविराम के उल्लंघन और जम्मू के पुंछ सेक्टर में नागरिकों की मौत को लेकर चिंता जताई. “सवाल उठे कि एलओसी के पास बसे गांवों को समय रहते खाली क्यों नहीं कराया गया,” एक सांसद ने कहा.

शिवसेना (शिंदे) के श्रीकांत शिंदे ने दिप्रिंट को बताया कि उनकी पार्टी ने सरकार को पूरा समर्थन दिया, जबकि भारत के खिलाफ पाकिस्तानी और चीनी दुष्प्रचार पर चिंता जताई.

वहीं, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने कहा, “ऑपरेशन सिंदूर तब तक पूरा नहीं होगा जब तक आप छह आतंकियों को पकड़कर भारत नहीं लाते. उन्हें इंडिया गेट के सामने खड़ा करो और जिन महिलाओं का सिंदूर इन्होंने मिटाया, उन्हें पहचानने दो… वरना कई फर्जी मुठभेड़ हो जाती हैं. उन्हें पहचान के बाद मारो और उनकी लाशें पाकिस्तानी सीमा में फेंक दो. तभी बदला पूरा होगा. यही हमने कहा.”

मंत्री रिजिजू ने कहा कि बैठक में शामिल हर नेता ने “देश के सामने खड़ी बड़ी चुनौती को पहचानते हुए जिम्मेदारी और परिपक्वता के साथ अपनी बात रखी.”

उन्होंने राजनाथ सिंह के हवाले से कहा, “हम सरकार बनाने के लिए राजनीति नहीं करते, बल्कि देश बनाने के लिए करते हैं. भारत एक परिपक्व लोकतंत्र है और यह इस बात से झलकता है कि यहां कोई राजनीतिक खींचतान नहीं हुई और सभी पार्टियां एक स्वर में बोल रही हैं.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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