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Wednesday, 13 August, 2025
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हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम कैसे तय होता है?

क्या आप जानते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम हर व्यक्ति के लिए अलग क्यों होता है? दरअसल, यह आपकी सेहत से जुड़े जोखिम और क्लेम की संभावना पर तय होता है.

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अचानक आने वाले मेडिकल खर्चे, गंभीर बीमारी या एक्सीडेंट की स्थिति में एक अच्छा हेल्थ इंश्योरेंस आपको आर्थिक और मानसिक राहत देता है. लेकिन इसे चुनते समय उम्र, स्वास्थ्य स्थिति, कवरेज, बीमा किसके लिए है और प्रीमियम कितना होगा, जैसी बातों पर ध्यान देना ज़रूरी है.

क्या आप जानते हैं कि हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम हर व्यक्ति के लिए अलग क्यों होता है? दरअसल, यह आपकी सेहत से जुड़े जोखिम और क्लेम की संभावना पर तय होता है. बीमा कंपनियां अपनी गाइडलाइंस, रिसर्च, पुराने डेटा और अनुभव के आधार पर प्रीमियम निर्धारित करती हैं. बीमा से जुड़ी जानकारी के लिए आप acko.com जैसी वेबसाइटों पर जाकर विभिन्न पॉलिसी की तुलना कर सकते हैं और अपने लिए सही प्लान चुन सकते हैं.

हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम तय करने वाले कारक कौन से हैं?

हेल्थ इंश्योरेंस प्रीमियम तय करने के लिए कई अलग-अलग कारकों पर निर्भर किया जाता है. आइए, इन सभी कारकों को एक-एक करके समझते हैं.

⦁ बीमाधारक की उम्र – प्रीमियम तय करने का सबसे अहम कारक है आपकी उम्र. सीधी सी बात है, जैसे-जैसे आपकी उम्र बढ़ती है, विभिन्न बीमारियों जैसे मधुमेह, गठिया, उच्च रक्तचाप, आदि का खतरा भी बढ़ता है. एक 25 साल के युवक की तुलना में 55 साल के व्यक्ति को गंभीर बीमारी होने की संभावना ज्यादा होती है. इसलिए, ज्यादा उम्र वाले व्यक्ति को अधिक प्रीमियम देना पड़ता है.

इसलिए हेल्थ इंश्योरेंस कम उम्र में ही ले लेना चाहिए. अगर आप 25-30 साल की उम्र में पॉलिसी खरीदते हैं, तो आपको कम प्रीमियम देना होगा. और यह प्रीमियम लंबे समय तक कम ही रहेगा, भले ही आपकी उम्र बढ़ जाए.

⦁ बीमा राशि – बीमा राशि वह अधिकतम राशि है, जो इंश्योरेंस कंपनी किसी मेडिकल इमरजेंसी के दौरान आपको देती है. यह राशि आप खुद तय करते हैं. अगर आपकी बीमा राशि ज्यादा है, तो आपका प्रीमियम भी ज्यादा होगा.

उदाहरण के लिए, अगर आप 5 लाख रुपये की बीमा राशि लेते हैं, तो आपका प्रीमियम 10 लाख रुपये की बीमा राशि की तुलना में कम होगा. ध्यान रहे, यह राशि आपकी ज़रूरतों पर निर्भर करती है. इसलिए अगर आप महानगरों में रहते हैं, जहां इलाज महंगा है, तो ज़्यादा बीमा राशि लेना ही समझदारी होगी.

⦁ मेडिकल हिस्ट्री – जब आप हेल्थ इंश्योरेंस के लिए आवेदन करते हैं, तो इंश्योरेंस कंपनी आपकी मेडिकल हिस्ट्री की जांच करती है. अगर आपको पहले से कोई बीमारी है, जैसे मधुमेह, उच्च रक्तचाप, या कोई और गंभीर बीमारी, तो आपका प्रीमियम बढ़ सकता है.

जिन लोगों की मेडिकल हिस्ट्री अच्छी होती है, यानी जिन्हें कोई गंभीर बीमारी नहीं होती, उन्हें कम प्रीमियम देना पड़ता है. इसलिए, आवेदन करते समय अपनी मेडिकल हिस्ट्री के बारे में सही और पूरी जानकारी देना बहुत ज़रूरी है। जैसे ACKO Medical Insurance में भी मेडिकल हिस्ट्री के आधार पर प्रीमियम तय किया जाता है.

⦁ जीवनशैली – आपकी जीवनशैली भी प्रीमियम तय करने में एक अहम भूमिका निभाती है. धूम्रपान करने वाले और शराब पीने वाले लोगों को ज्यादा प्रीमियम देना पड़ता है, क्योंकि उन्हें बीमारियों का खतरा ज्यादा होता है.

स्वस्थ जीवनशैली वाले लोग, जो नियमित व्यायाम करते हैं और सही खानपान का ध्यान रखते हैं, उन्हें कम प्रीमियम देना पड़ता है. कुछ कंपनियां तो स्वस्थ जीवनशैली अपनाने वालों को प्रीमियम में छूट भी देती हैं.

⦁ लिंग – बीमा कंपनियां पुरुषों और महिलाओं के लिए अलग-अलग बीमा प्रीमियम तय करती हैं क्योंकि दोनों के स्वास्थ्य जोखिम अलग होते हैं. आमतौर पर, पुरुषों से अधिक प्रीमियम लिया जाता है क्योंकि उनमें हृदय रोग और धूम्रपान जैसी समस्याओं का खतरा ज्यादा होता है, जिससे उनके क्लेम करने की संभावना बढ़ जाती है. वहीं, 20 से 30 साल की महिलाओं से बीमा कंपनियां ज्यादा प्रीमियम ले सकती हैं, क्योंकि इस उम्र में उनमें मातृत्व संबंधी खर्चों और गर्भावस्था से जुड़े दावों की अधिक संभावना होती है.

⦁ पॉलिसी का प्रकार – हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसियां कई प्रकार की होती हैं, जैसे:

⦁ व्यक्तिगत पॉलिसी – यह पॉलिसी सिर्फ एक व्यक्ति के लिए होती है.

⦁ पारिवारिक फ्लोटर पॉलिसी – यह पॉलिसी पूरे परिवार को कवर करती है. इसमें एक ही बीमा राशि होती है, जिसे परिवार के सभी सदस्य ज़रूरत पड़ने पर इस्तेमाल कर सकते हैं.

⦁ सीनियर सिटीजन पॉलिसी – यह पॉलिसी विशेष रूप से वरिष्ठ नागरिकों के लिए होती है।

हर प्रकार की पॉलिसी का प्रीमियम अलग होता है. अगर आप एक साथ कई लोगों को कवर करना चाहते हैं, तो फैमिली फ्लोटर पॉलिसी व्यक्तिगत पॉलिसी की तुलना में ज़्यादा सुविधाजनक और थोड़ी सस्ती हो सकती है.

⦁ राइडर्स और ऐड-ऑन्स – राइडर्स और ऐड-ऑन्स आपकी पॉलिसी को और भी बेहतर बनाते हैं. ये अतिरिक्त कवर होते हैं, जिन्हें आप अपनी बेसिक पॉलिसी में जोड़ सकते हैं.

उदाहरण के लिए, अगर आप क्रिटिकल इलनेस राइडर प्लान लेते हैं, तो गंभीर बीमारी होने पर आपको एकमुश्त राशि मिलेगी. इसी तरह, मैटरनिटी कवर गर्भवती महिलाओं के लिए होता है. ध्यान रहे, जितने ज़्यादा राइडर्स और ऐड-ऑन्स आप चुनते हैं, आपका प्रीमियम भी उतना ही ज़्यादा होता है.

⦁ वेटिंग पीरियड – हर पॉलिसी में कुछ बीमारियों के लिए एक वेटिंग पीरियड होता है, यानी एक निश्चित समय तक आप उस बीमारी का इलाज नहीं करवा सकते.

उदाहरण के लिए, कुछ पॉलिसियों में पुरानी बीमारियों के लिए 2-4 साल का वेटिंग पीरियड होता है. अगर आप वेटिंग पीरियड को कम करना चाहते हैं, तो कुछ कंपनियां अतिरिक्त प्रीमियम लेकर यह सुविधा प्रदान कराती हैं.

⦁ स्थान या शहर – हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम तय करने में आपका शहर या स्थान भी अहम् भूमिका निभाता है. महानगरों में इलाज का खर्च ज्यादा होता है, इसलिए प्रीमियम भी ज्यादा होता है. वहीं, छोटे शहरों और कस्बों में प्रीमियम कम होता है.

⦁ कंपनी की प्रतिष्ठा – कुछ बड़ी और भरोसेमंद इंश्योरेंस कंपनियों का प्रीमियम थोड़ा ज्यादा हो सकता है, क्योंकि वे बेहतर सेवाएं, क्लेम सेटलमेंट में आसानी और ज़्यादा नेटवर्क अस्पताल प्रदान करती हैं. वहीं , नई और छोटी कंपनियों का प्रीमियम कम हो सकता है.

हेल्थ इंश्योरेंस – सिर्फ खर्च नहीं, निवेश!

कोई भी इंश्योरेंस कंपनी आपके हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम तय करते समय कई बातों का ध्यान रखती है, जैसे आपकी उम्र, स्वास्थ्य स्थिति, जीवनशैली और आपकी ज़रूरतें. यह समझना ज़रूरी है कि प्रीमियम सिर्फ एक रकम नहीं है, बल्कि यह इन सभी चीज़ों का मिला-जुला रूप है.

इसलिए, जब आप हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते हैं, तो सिर्फ कम प्रीमियम वाली पॉलिसी को ही न देखें. इसके बजाय, आपको बीमा राशि, नेटवर्क अस्पतालों की सूची, कंपनी का क्लेम सेटलमेंट रेशियो (कितनी तेज़ी से वे दावों का निपटान करते हैं), और पॉलिसी के सभी नियम और शर्तें भी ध्यान से पढ़नी चाहिए.

सबसे सही तरीका है कि आप अपनी स्वास्थ्य ज़रूरतों को अच्छे से समझें और फिर उसी के हिसाब से सबसे अच्छी पॉलिसी चुनें. हेल्थ इंश्योरेंस को सिर्फ एक खर्च नहीं, बल्कि एक जरूरी निवेश समझना चाहिए जो बुरे वक्त में आपकी और आपके परिवार की आर्थिक सुरक्षा करता है. तो इंतज़ार किस बात का? आज ही अपनी जरूरतों के अनुसार एक सही हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी चुनें और भविष्य के लिए निश्चिंत हो जाएं!


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