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Friday, 26 September, 2025
होमरिपोर्टविंध्यवासिनी धाम से लेकर शाकम्भरी तक, यूपी के मंदिरों में नवरात्र पर श्रद्धालुओं का सैलाब

विंध्यवासिनी धाम से लेकर शाकम्भरी तक, यूपी के मंदिरों में नवरात्र पर श्रद्धालुओं का सैलाब

नवरात्रि में इस बार यूपी के देवी मंदिर न सिर्फ आस्था का केंद्र बने हैं, बल्कि सुविधाओं और विकास की नई तस्वीर भी पेश कर रहे हैं.

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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में शारदीय नवरात्रि केवल धार्मिक उत्सव नहीं, बल्कि आस्था, संस्कृति और महिला शक्ति की विराट छवि बनकर सामने आ रही है. योगी आदित्यनाथ सरकार ने बीते आठ वर्षों में प्राचीन देवी मंदिरों का कायाकल्प कर श्रद्धालुओं को आधुनिक सुविधाओं से जोड़ दिया है. यही वजह है कि प्रदेश के प्रमुख शक्तिपीठों में लाखों भक्त माता के दरबार में पहुंच रहे हैं.

नवरात्र के पहले चार दिनों में ही प्रदेश के देवी मंदिरों में 40 लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर चुके हैं. अनुमान है कि सप्तमी, अष्टमी और नवमी के दौरान यह संख्या एक करोड़ के पार जा सकती है.

मीरजापुर के विंध्यवासिनी धाम में रोज़ाना 3.5 से 4 लाख श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. विंध्याचल कॉरिडोर ने भक्तों की सहूलियत बढ़ा दी है. अबतक यहां 12 लाख लोग माता के दरबार में मत्था टेक चुके हैं.

गंगा तट पर स्थित अलोप शंकरी शक्तिपीठ में प्रतिदिन सवा लाख से अधिक श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं. कल्याणी देवी और ललिता देवी मंदिर में भी रोज़ाना लाखों भक्त उमड़ रहे हैं. योगी सरकार ने यहां 6 करोड़ रुपये से यात्री शेड, पेयजल और सौंदर्यीकरण जैसी सुविधाएं विकसित की हैं.

गोरखपुर के तरकुलहा देवी मंदिर में रोज़ाना 50 हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. नवमी पर यह संख्या एक लाख तक पहुंचने की संभावना है. वहीं कुसम्ही जंगल स्थित बुढ़िया माई मंदिर में भी रोज़ाना 30 हजार से अधिक लोग आस्था के साथ पहुंच रहे हैं.

वाराणसी के विशालाक्षी मंदिर में रोज़ाना 8 से 10 हजार श्रद्धालु दर्शन कर रहे हैं, जबकि दुर्गाकुंड स्थित कुष्मांडा मंदिर में यह संख्या प्रतिदिन एक लाख तक पहुंच गई है. जौनपुर का शीतला चौकिया धाम रोज़ाना 70 हजार भक्तों का केंद्र बन गया है.

सहारनपुर के शाकम्भरी और त्रिपुर बाला सुंदरी मंदिरों में रोज़ाना लाखों भक्त उमड़ रहे हैं. बलरामपुर के देवीपाटन धाम में प्रतिदिन 50 हजार श्रद्धालु पहुंच रहे हैं. भदोही का सीता समाहित स्थल अब सौंदर्यीकरण के बाद दर्शनीय केंद्र बन गया है.

आगरा का 300 साल पुराना चामुंडा देवी मंदिर भी आस्था का बड़ा केंद्र बन चुका है. मथुरा का नरी सेमरी मंदिर ब्रजमंडल की परंपराओं के साथ भक्तों को आकर्षित कर रहा है. झांसी के पंचकुइया और महाकाली मंदिर जैसे केंद्रों पर भी लाखों की भीड़ जुट रही है.

नवरात्र के दौरान मिशन शक्ति 5.0 भी महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण का संदेश दे रहा है. सरकार के प्रयासों से आस्था और विकास का संगम बन चुका यह पर्व, श्रद्धालुओं के लिए एक नया अनुभव लेकर आया है.

नवरात्रि में इस बार यूपी के देवी मंदिर न सिर्फ आस्था का केंद्र बने हैं, बल्कि सुविधाओं और विकास की नई तस्वीर भी पेश कर रहे हैं.

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