लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि भारत की अखंडता और एकता के साथ कोई खिलवाड़ स्वीकार्य नहीं है. शुक्रवार को लखनऊ में ‘भारत रत्न’ लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 150वीं जयंती के अवसर पर आयोजित ‘रन फॉर यूनिटी’ कार्यक्रम का शुभारंभ करते हुए उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने जिस अखंड भारत का सपना देखा था, उसे साकार करना हर भारतीय का कर्तव्य है.
मुख्यमंत्री ने सरदार पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि उनकी सच्ची श्रद्धांजलि तभी होगी जब हम उनके आदर्शों को अपने आचरण में उतारें. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल का जीवन, त्याग और समर्पण आज भी हर भारतीय के लिए प्रेरणास्रोत है. उन्होंने कहा, “इस राष्ट्रीय एकता दिवस पर हमें संकल्प लेना चाहिए कि जाति, धर्म, भाषा और क्षेत्र से ऊपर उठकर भारत की एकता को सुदृढ़ करेंगे.”
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में 2014 से उन राष्ट्रनिर्माताओं को सम्मान देने की परंपरा शुरू हुई, जिन्होंने भारत को एक सूत्र में बांधने का कार्य किया. उन्होंने बताया कि आज पूरे देश में 600 से अधिक स्थानों पर ‘रन फॉर यूनिटी’ का आयोजन किया गया है, जो युवाओं में राष्ट्रभक्ति और एकता की भावना को मजबूत कर रहा है.
योगी ने कहा कि भारतीय परंपरा में कहा गया है— “शिवो भूत्वा शिवं यजेत,” यानी जिसे हम पूजते हैं, उसके समान बनने का प्रयास करना चाहिए. उन्होंने कहा, “केवल भाषणों में नहीं, बल्कि व्यवहार में भी एकता और अखंडता के मूल्यों को अपनाना ही सच्ची श्रद्धांजलि है.” उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में गुजरात के केवड़िया में निर्मित ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ आज राष्ट्रीय प्रेरणास्थली बन चुकी है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने स्वतंत्रता के बाद ब्रिटिश साजिशों को नाकाम करते हुए 563 रियासतों को भारत में विलय कराकर अखंड भारत की नींव रखी. सीएम ने कहा, “जब हैदराबाद और जूनागढ़ ने भारत में शामिल होने से इनकार किया, तब लौह पुरुष ने पहले संवाद का मार्ग चुना, लेकिन जब राष्ट्र की एकता पर संकट आया, तो उन्होंने कठोर निर्णय लेकर भारत की अखंडता को सुरक्षित किया.”
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाकर सरदार पटेल के संकल्प को साकार किया. “यह कदम उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि है.”
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरदार पटेल की 150वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष्य में उत्तर प्रदेश से एक सांस्कृतिक दल और हस्तशिल्पियों का प्रतिनिधिमंडल केवड़िया जाएगा. राज्यपाल के नेतृत्व में 12 नवंबर को केवड़िया में सरदार पटेल को श्रद्धांजलि दी जाएगी. योगी ने कहा कि यह पहल ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘स्वदेशी अभियान’ को मजबूती देने के साथ ही प्रदेश के कारीगरों को आत्मनिर्भर बनाने का अवसर है.
मुख्यमंत्री ने बताया कि प्रदेश के सभी 75 जिलों में ‘रन फॉर यूनिटी’ आयोजित की गई, जिसमें लाखों युवाओं, विद्यार्थियों, स्वयंसेवी संस्थाओं और नागरिकों ने भाग लिया. योगी ने कहा, “यह केवल एक दौड़ नहीं, बल्कि भारत की एकता, अखंडता और सामाजिक सौहार्द का प्रतीक है.”
मुख्यमंत्री ने लोगों से आह्वान किया कि वे जातिवाद, परिवारवाद और छुआछूत के आधार पर समाज को बांटने वालों का विरोध करें. उन्होंने कहा, “हमें हर उस शक्ति का विरोध करना चाहिए जो राष्ट्र की एकता को कमजोर करने का प्रयास करती है. राष्ट्रीय एकता दिवस का यही संदेश है — हम सब मिलकर भारत की एकता और सामाजिक सौहार्द को सशक्त बनाएं.”
इस अवसर पर उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक, वित्त मंत्री सुरेश खन्ना, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चौधरी भूपेंद्र सिंह, महापौर सुषमा खर्कवाल, राज्यसभा सांसद बृजलाल सहित अनेक जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे.


