लखनऊ: मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बुधवार को लोकभवन सभागार में आयोजित कार्यक्रम में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग में नवचयनित 2,425 मुख्य सेविकाओं और 13 फार्मासिस्टों को नियुक्ति पत्र सौंपें. दो दशक बाद विभाग में इतनी बड़ी भर्ती हो रही है. इसे महिलाओं के सशक्तिकरण और स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत बनाने की दिशा में अहम कदम माना जा रहा है.
बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग की निदेशक सरनीत कौर ब्रोका ने बताया कि अभ्यर्थियों का चयन उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा पूरी तरह निष्पक्ष और पारदर्शी प्रक्रिया से हुआ है. मुख्यमंत्री ने स्वयं नियुक्ति पत्र दिए. इस अवसर पर महिला कल्याण, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य और राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) प्रतिभा शुक्ला भी मौजूद रहीं.
उत्तर प्रदेश अधीनस्थ सेवा चयन आयोग द्वारा चयनित मुख्य सेविकाओं एवं फार्मासिस्टों को नियुक्ति-पत्र वितरण हेतु लखनऊ में आयोजित कार्यक्रम में… https://t.co/gsEE3FpuCT
— Yogi Adityanath (@myogiadityanath) August 27, 2025
अधिकारियों का मानना है कि यह नियुक्तियां न केवल आंगनबाड़ी सेवाओं को नई ऊर्जा देंगी बल्कि महिला और बाल विकास योजनाओं की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी.
योगी सरकार के पिछले आठ साल में बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग ने कई कदम उठाए हैं. इस दौरान 75 जिलों में 19,424 आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की भर्ती हुई. 3,000 से अधिक सहायिकाओं को कार्यकत्री पद पर प्रमोशन दिया गया. मिनी आंगनबाड़ी की 22,290 कार्यकत्रियों को मुख्य में तब्दील कर उनका मानदेय 5,500 रुपये से बढ़ाकर 8,000 रुपये किया गया. वहीं, 320 मानदेय कर्मियों को नियमित सेवा में लिया गया.
बीते वर्षों में 182 मृतक मुख्य सेविकाओं के आश्रितों को अनुकम्पा नियुक्ति दी गई. 20 साल बाद समूह ‘ग’ की मुख्य सेविकाओं को समूह ‘ख’ के 197 बाल विकास परियोजना अधिकारी पदों पर पदोन्नत किया गया. इसके अलावा इस साल 20,000 से अधिक आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों की पारदर्शी भर्ती भी की गई.
योगी सरकार ने पिछले आठ वर्षों में प्रदेश के 8.50 लाख से अधिक युवाओं को सरकारी नौकरी दी है. वहीं, निजी क्षेत्र और एमएसएमई के जरिए 2 करोड़ से अधिक रोजगार अवसर भी सृजित किए गए. सरकार का कहना है कि यह नियुक्तियां खास तौर पर महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन और सामाजिक सशक्तिकरण का मार्ग प्रशस्त करेंगी.