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Wednesday, 1 October, 2025
होमरिपोर्टसीएम डॉ. मोहन यादव ने भोपाल से किया राज्य स्तरीय वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ

सीएम डॉ. मोहन यादव ने भोपाल से किया राज्य स्तरीय वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ

उन्होंने बताया कि भोपाल के वन विहार से शुरू हुई यह व्यवस्था आगे प्रदेश के अन्य नेशनल पार्कों में भी लागू होगी. कार्यक्रम में राज्य सरकार की ओर से 626 पर्यटन समितियों को 18 करोड़ 74 लाख रुपए से अधिक की पुरस्कार राशि भी दी गई.

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भोपाल: मध्यप्रदेश आने वाले टूरिस्ट के लिए 1 अक्टूबर का दिन खास रहा. अब राजधानी भोपाल स्थित वन विहार राष्ट्रीय उद्यान में सफारी के लिए डीजल गाड़ियों की जगह इलेक्ट्रिक वाहन चलेंगे. इस बदलाव के बाद पर्यटक बिना इंजन और हॉर्न के शोर के, शांति के साथ जंगल सफारी का आनंद उठा सकेंगे.

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मंगलवार को वन विहार से राज्य स्तरीय वन्यजीव सप्ताह का शुभारंभ किया. इस मौके पर उन्होंने 40 इलेक्ट्रिक वाहनों को हरी झंडी दिखाई और वन्यजीव संरक्षण के लिए कर्मचारियों व पर्यटन विकास समितियों को पुरस्कार दिए. साथ ही, गिद्ध संरक्षण पर रिपोर्ट और वाइल्ड लाइफ से जुड़ी किताब का विमोचन किया. कार्यक्रम के दौरान ‘भारत के वन्यजीव-उनका रहवास एवं आपसी संचार’ विषय पर फोटो प्रदर्शनी का भी उद्घाटन किया गया.

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश वन्यजीव संरक्षण में लगातार नए कदम उठा रहा है. उन्होंने कहा, “चीता, बाघ, घड़ियाल और गिद्ध हमारी पहचान हैं. अब प्रदेश में कोबरा को भी बसाया जा रहा है. यह पहल इको-टूरिज्म की दिशा में एक बड़ा कदम है.”

उन्होंने बताया कि भोपाल के वन विहार से शुरू हुई यह व्यवस्था आगे प्रदेश के अन्य नेशनल पार्कों में भी लागू होगी. कार्यक्रम में राज्य सरकार की ओर से 626 पर्यटन समितियों को 18 करोड़ 74 लाख रुपए से अधिक की पुरस्कार राशि भी दी गई.

सीएम यादव ने कहा कि प्रदेश में 11 नेशनल पार्क, 9 टाइगर रिजर्व, 36 वाइल्डलाइफ सेंक्चुरी और एक कंजर्वेशन रिजर्व है. “प्रदेश की 30% से अधिक भूमि वनों से ढकी है. पिछले साल यहां 13.81 लाख टूरिस्ट आए. दुनिया भर से लोग मध्यप्रदेश में वन्यजीव देखने आते हैं,” उन्होंने कहा.

उन्होंने उज्जैन और जबलपुर में नए चिड़ियाघरों की योजना का जिक्र करते हुए कहा कि राज्य सरकार हर नेशनल पार्क के पास जू एंड रेस्क्यू सेंटर विकसित कर रही है, ताकि घायल जंगली जानवरों को समय पर इलाज मिल सके. उन्होंने कहा, “हमारा लक्ष्य है कि मध्यप्रदेश वन्यजीवों के संरक्षण और उपचार में देश का आदर्श राज्य बने.”

सीएम ने जानकारी दी कि तवा नदी में जल्द ही मगरमच्छ छोड़े जाएंगे.

मुख्यमंत्री ने किसानों के लिए भावांतर योजना की पुनः शुरुआत की घोषणा की. उन्होंने कहा कि सोयाबीन उत्पादक किसानों को उनकी फसल का सही मूल्य दिलाने के लिए यह योजना दोबारा लागू की गई है.

उन्होंने बताया कि इस साल केंद्र सरकार ने सोयाबीन का एमएसपी 5328 रुपए प्रति क्विंटल तय किया है, जो पिछले साल से 528 रुपए ज्यादा है. उन्होंने कहा, “प्रदेश के सभी किसान 3 अक्टूबर से भावांतर योजना में पंजीयन कराएं और 24 अक्टूबर से मंडियों में सोयाबीन बेचना शुरू करें. राज्य सरकार भावांतर की राशि सीधे किसानों के खातों में डालेगी.”

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