नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि अनुकूल नीतियों के कारण भारत ने बहुत कम समय में सेमीकंडक्टर विनिर्माण में 1.5 ट्रिलियन रुपये का निवेश आकर्षित किया है, साथ ही उन्होंने इस उद्योग को “भारत पर दांव लगाने” के लिए प्रेरित किया.
सेमीकॉन इंडिया 2024 के उद्घाटन पर बोलते हुए, जिसमें वैश्विक सेमीकंडक्टर दिग्गजों और हितधारकों ने भाग लिया, मोदी ने कहा कि भारत में आने का यह सही समय है, और यह उद्योग भी सही समय पर सही जगह पर है.
उन्होंने कहा, “21वीं सदी के भारत में ‘चिप्स आर नेवर डाउन’. आज का भारत दुनिया को यह भरोसा देता है कि ‘व्हेन चिप्स आर डाउन, यू कैन बेट ऑन इंडिया’ (जब भी समस्याएं आती हैं तो आप भारत पर भरोसा कर सकते हैं.)”
प्रधानमंत्री ने भारत के बाजार को एक “विशेष डायोड” की विशेषताओं वाला बताया जिसमें एक नहीं बल्कि दो दिशाओं में ऊर्जा का संचालन होता है जिसमें एक ओर इंडस्ट्री निवेश करती है और वैल्यू क्रिएट करती है, और दूसरी तरफ सरकार स्थिर नीति और ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस देती है.
उन्होंने जोर देकर कहा कि उद्योग को देश की सुधारवादी सरकार की “त्रि-आयामी शक्ति”, एक बढ़ता हुआ विनिर्माण आधार और एक महत्वाकांक्षी बाजार मिलता है. मोदी ने कहा, “यह आपको कहीं और मिलना मुश्किल है,” उन्होंने कहा कि भारत के लिए चिप्स केवल तकनीक नहीं बल्कि करोड़ों लोगों की आकांक्षाओं को पूरा करने का एक माध्यम है.
टैलेंट की उपलब्धता के बारे में बात करते हुए मोदी ने कहा कि भारत ने दुनिया की डिजाइनिंग क्षमताओं में 20 प्रतिशत का योगदान दिया है. उन्होंने कहा कि देश 85,000 तकनीशियनों, इंजीनियरों और अनुसंधान एवं विकास के साथ सेमीकंडक्टर कार्यबल तैयार करने की दिशा में काम कर रहा है.
मोदी ने यह भी बताया कि सरकार ने भारत में सेमीकंडक्टर विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं, जिसमें फेसिलिटीज़ स्थापित करने के लिए 50 प्रतिशत मदद भारत सरकार दे रही है. इसके अलावा, राज्य सरकारें भी अपने स्तर से लाभ दे रही हैं.
उन्होंने कहा, “बहुत कम समय में, भारत ने अपनी नीतियों के कारण ही इस क्षेत्र में 1.5 ट्रिलियन रुपये से अधिक का निवेश आकर्षित किया है. और, आज कई परियोजनाएं पाइपलाइन में हैं.”
उद्योग को समर्थन का आश्वासन देते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “इस वर्ष, लाल किले की प्राचीर से, मैंने कहा था कि हमारा सपना है कि सभी वैश्विक उपकरणों में भारत निर्मित चिप्स हों. भारत सेमीकंडक्टर पावरहाउस बनने के लिए हर संभव प्रयास करेगा.”
उन्होंने कहा कि भारत का इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग 150 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का है और अब बड़ा लक्ष्य इस क्षेत्र को इस दशक के अंत तक 500 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक ले जाना है. उन्होंने कहा कि इससे भारतीयों के लिए 60 लाख अतिरिक्त नौकरियां पैदा होंगी, साथ ही सेमीकंडक्टर उद्योग को भी लाभ होगा.
मोदी ने कहा, “हमारा लक्ष्य भारत में इलेक्ट्रॉनिक विनिर्माण का 100 प्रतिशत काम करना है, जिसका मतलब है कि देश सेमीकंडक्टर चिप्स के साथ-साथ अपने तैयार माल भी बनाएगा. भारत का सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम न केवल भारत के लिए, बल्कि वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला मुद्दों का समाधान देता है.”
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