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Friday, 4 October, 2024
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गडकरी ने वाहन निर्माताओं से की स्क्रैपिंग सेंटर बनाने की अपील, कहा- इससे नए वाहनों की बिक्री बढ़ेंगी

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि स्क्रैपिंग और रिसाइक्लिंग से घटकों की लागत में 30-40% की कमी आएगी. उन्होंने कहा कि इससे स्टील के आयात में 65 लाख टन की कमी आएगी और 35,000 से अधिक नौकरियां पैदा होंगी.

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नई दिल्ली: वाहन स्क्रैपिंग की सुव्यवस्थित प्रणाली की आवश्यकता पर प्रकाश डालते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने मंगलवार को कहा कि पुराने वाहनों को स्क्रैप करने पर जोर देने से ऑटोमोबाइल उद्योग को नए वाहनों की बिक्री में 18-20 प्रतिशत की वृद्धि करने में मदद मिल सकती है.

उद्योग निकाय सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (SIAM) के 64वें वार्षिक सम्मेलन में सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री ने वाहन निर्माताओं से देश भर में स्क्रैपिंग सेंटर स्थापित करने में निवेश करने को कहा.

गडकरी ने कहा कि वर्तमान में देश में केवल 63 स्क्रैपिंग सेंटर हैं, जबकि 60 ऐसे सेंटर निर्माणाधीन हैं और 40 पाइपलाइन में हैं. हालांकि, यह देखते हुए कि भारत में लगभग 3 करोड़ वाहन हैं, ऐसे में अभी भी ऐसे और सेंटर की आवश्यकता है.

उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कि यह आर्थिक रूप से व्यवहार्य उद्यम है जो आपको अधिक लाभ प्राप्त करने में सहायता करेगा.”

उन्होंने कहा कि स्क्रैपिंग और रिसाइक्लिंग के कारण निर्माता वाहनों में प्रयोग किए जाने वाले घटकों की लागत को 30-40 प्रतिशत तक कम करने में सक्षम होंगे, जिससे अंतिम उत्पाद की लागत कम होगी और उनके प्रॉफिट मार्जिन में वृद्धि होगी.

“तो, यह दोहरे फायदे वाली बात है. कृपया अपने फिटनेस और स्क्रैपेज सेंटर स्थापित करने पर विचार करें. स्क्रैपिंग की वजह से जर्मनी में इसकी बिक्री में 12 प्रतिशत और अमेरिका में 15 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई…भारत में…मुझे लगता है कि आपकी बिक्री में 18 से 20 प्रतिशत की वृद्धि होगी.”

गडकरी ने जोर देकर कहा कि इससे स्टील के आयात में 65 लाख टन की कमी आएगी और 35,000 अतिरिक्त नौकरियां पैदा होंगी. मंत्री ने कहा कि परिवहन में दो मुख्य चुनौतियाँ हैं जिनसे निपटने की आवश्यकता है- जीवाश्म ईंधन के लिए उच्च आयात बिल और वायु प्रदूषण.

“हम 22 लाख करोड़ रुपये का जीवाश्म ईंधन आयात कर रहे हैं…अब, नैतिकता, पारिस्थितिकी और पर्यावरण समाज के तीन महत्वपूर्ण स्तंभ हैं. और जहां तक पारिस्थितिकी और पर्यावरण का सवाल है, यह वास्तव में एक बहुत ही गंभीर समस्या है. परिवहन की वजह से, हम वायु प्रदूषण में 30 से 40 प्रतिशत का योगदान करते हैं.”

केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि उनकी टिप्पणियों को पेट्रोल और डीजल के इस्तेमाल का विरोध करने के रूप में समझा जा रहा है, लेकिन उन्होंने कहा, “मैं पेट्रोल या डीजल के खिलाफ नहीं हूं. लेकिन मैं आपको देश की जरूरतों के बारे में बता रहा हूं.”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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