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Thursday, 25 September, 2025
होमरिपोर्टजीएसटी बचत उत्सव को लेकर जनभावनाओं से रूबरू होने K-Mart पहुंचे मुख्यमंत्री साय

जीएसटी बचत उत्सव को लेकर जनभावनाओं से रूबरू होने K-Mart पहुंचे मुख्यमंत्री साय

इस बीच उन्होंने रोजमर्रा का सामान खरीदते हुए अन्य ग्राहकों से आत्मीयतापूर्वक वार्तालाप किया.

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रायपुर: राजधानी रायपुर के सरोना स्थित शुभम “के मार्ट” में रोजमर्रा की ज़रूरत का सामान खरीद रहे लोग उस समय सुखद आश्चर्य से भर उठे, जब उन्होंने देखा कि जीएसटी बचत का लाभ उन्हें मिल रहा है या नहीं, इसे देखने स्वयं प्रदेश के मुखिया पहुंचे हैं.

दरअसल, जीएसटी बचत उत्सव को लेकर जनभावनाओं से रूबरू होने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय “शुभम के मार्ट” पहुंचे. उन्होंने खुद ग्राहक बनकर 1,645 रुपये के घरेलू सामान की शॉपिंग की और यूपीआई से भुगतान भी किया. इस दौरान उन्होंने खरीदारी कर रहे लोगों से बातचीत की और जीएसटी दरों में कटौती से घरेलू सामानों के मूल्य में आए फर्क के बारे में जानकारी ली.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने मार्ट में ज़रूरत के सामान खरीदे और जीएसटी दरों में कमी का लाभ लिया. इस दौरान उन्होंने आत्मीयता से लोगों का हालचाल जाना. उन्होंने खरीदारी कर रही गृहिणियों से घरेलू बजट पर आए असर की जानकारी ली, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों से उनकी दिनचर्या के बारे में पूछताछ की.

इस बीच उन्होंने रोजमर्रा का सामान खरीदते हुए अन्य ग्राहकों से आत्मीयतापूर्वक वार्तालाप किया.

इस दौरान उन्होंने खरीददारों से चर्चा करते हुए जीएसटी सुधारों पर विचार सुने. लोगों ने बताया कि दवाइयों और राशन की कीमत घटने से उन्हें बड़ी राहत मिली है. मुख्यमंत्री मुस्कुराते हुए बोले, “यही तो असली मकसद है कि सुधार की गूंज आम जनता तक पहुंचे.” इसके बाद उन्होंने खुद भी सामान खरीदा और नई कीमतें देखकर कहा, “यह सुधार केवल कागज पर नहीं, बल्कि हर परिवार की ज़िंदगी में दिखाई देने वाला परिवर्तन है.”

मुख्यमंत्री साय ने सभी से स्वदेशी की मुहिम का साथ देने का आग्रह भी किया.

मुख्यमंत्री से चर्चा करते हुए खरीदारी कर रहे रिटायर्ड एयरफोर्स अधिकारी टी. पी. सिंह ने कहा कि आने वाले समय में जब इस दौर का इतिहास लिखा जाएगा, तब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में हुए जीएसटी सुधार को ऐतिहासिक बजट क्रांति के रूप में दर्ज किया जाएगा.

उन्होंने कहा, “पहले हम जितने पैसों में 30 दिन का राशन लेते थे, अब उन्हीं पैसों से 40 दिन से अधिक का राशन ले पा रहे हैं. हमारे प्रधानमंत्री ही इतना बड़ा साहसिक निर्णय ले सकते थे, कोई और ऐसा नहीं कर पाता.”

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