भोपाल: मध्यप्रदेश खनिज नीलामी के क्षेत्र में देश में अग्रणी बनकर उभरा है. मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य ने वर्ष 2022-23 में 29 खनिज ब्लॉकों की नीलामी कर देश में पहला स्थान प्राप्त किया. हाल ही में प्रदेश ने क्रिटिकल मिनरल्स की नीलामी कर केंद्र सरकार की नीति को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने का गौरव भी हासिल किया है.
खनिज ब्लॉकों की सर्वाधिक नीलामी के लिए मध्यप्रदेश को भारत सरकार ने वर्ष 2022 और 2025 में खनन मंत्रियों के सम्मेलन में क्रमशः प्रथम और द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि खनिजों की प्रचुरता और राज्य सरकार की निवेश अनुकूल नीतियों के कारण मध्यप्रदेश देश की औद्योगिक प्रगति में अहम भूमिका निभा रहा है. खनन क्षेत्र की उपलब्धियों से न केवल राज्य की अर्थव्यवस्था मजबूत हो रही है, बल्कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को पूरा करने में भी मध्यप्रदेश अपना महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. इसी क्रम में कटनी में 23 अगस्त को खनिज औद्योगिक विकास पर केन्द्रित कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है.
मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में प्रदेश ने खनिज राजस्व संग्रहण में उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में राज्य ने पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करते हुए पहली बार 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त किया. 2023-24 में यह आंकड़ा 4,958 करोड़ रुपये था.
अब तक प्रदेश ने कुल 103 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी की है, जिससे भविष्य में लगभग 1.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक राजस्व मिलने का अनुमान है. अक्टूबर 2024 में भोपाल में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव मिले थे.
खनिज विभाग ने अब तक ग्रेफाइट, रॉक फॉस्फेट, गोल्ड, मैंगनीज और कॉपर सहित कई खनिज ब्लॉकों की नीलामी की है. हाल ही में जबलपुर और कटनी जिलों में सोने की खोज की गई है. वहीं पन्ना और छतरपुर में हीरे के विशाल भंडार प्रमाणित हुए हैं.
बालाघाट की मलाजखण्ड तांबा खदान देश की सबसे बड़ी तांबा खदान है, जबकि पन्ना की मझगवां हीरा खदान देश की एकमात्र सक्रिय हीरा खदान है.
अवैध खनन और परिवहन पर नियंत्रण के लिए राज्य में 41 एआई-आधारित ई-चेकगेट स्थापित किए जा रहे हैं. साथ ही, ड्रोन और उपग्रह आधारित निगरानी प्रणाली से खदानों की जियो-टैगिंग और 3-डी इमेजिंग कर सटीक निगरानी की जा रही है.
जिला खनिज निधि के माध्यम से शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, महिला-बाल कल्याण, स्वच्छता और कौशल विकास जैसे क्षेत्रों में अब तक 16,452 परियोजनाएं स्वीकृत की गई हैं. इनमें से 7,583 परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं.