आगरा: यमुनापार क्षेत्र में लंबे समय से चली आ रही पेयजल संकट की समस्या अब खत्म होने जा रही है. योगी सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाते हुए जल निगम के जरिए पोइया घाट पर यमुना नदी में 85 मिलियन लीटर प्रतिदिन (एमएलडी) क्षमता का विशाल इंटकवेल और उससे जुड़ा 55 एमएलडी का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (डब्ल्यूटीपी) बनाने का कार्य शुरू कर दिया है. यह परियोजना पूरी होने के बाद यमुनापार के 55 हजार घरों में सुबह और शाम शुद्ध पेयजल की नियमित आपूर्ति सुनिश्चित की जाएगी.
इस योजना के तहत पोइया घाट, खंदौली की ओर यमुना नदी में 85 एमएलडी क्षमता का इंटकवेल बनाया जा रहा है, जो नदी के भीतर तीन से सात मीटर गहराई तक होगा. जल निगम की टीम ने फिलहाल मिट्टी के नमूने लेने का कार्य शुरू कर दिया है, ताकि निर्माण के लिए सबसे उपयुक्त स्थान चुना जा सके. इंटकवेल से आधा किलोमीटर की दूरी पर 55 एमएलडी क्षमता का वाटर ट्रीटमेंट प्लांट बनाया जाएगा. यमुना से उठाया गया पानी सीधे प्लांट में पहुंचेगा, जहां उसका शोधन कर शुद्ध पेयजल के रूप में आपूर्ति की जाएगी.
परियोजना को समयबद्ध तरीके से पूरा करने के लिए 231 किलोमीटर लंबी पाइपलाइन बिछाने का काम भी तेजी से चल रहा है. इसके साथ ही घर-घर जल कनेक्शन देने की प्रक्रिया भी शुरू हो चुकी है. जल निगम को उम्मीद है कि एक से डेढ़ साल के भीतर यह योजना पूरी हो जाएगी, जिसके बाद यमुनापार के नागरिकों को पेयजल संकट से पूरी तरह राहत मिलेगी.
यमुनापार के कई क्षेत्रों में पाइपलाइन न होने के कारण लोगों को विशेषकर गर्मी के मौसम में भारी पेयजल संकट का सामना करना पड़ता था. निजी टैंकरों की मनमानी वसूली से परेशान नागरिकों की शिकायतें रोजाना नगर निगम और कलेक्ट्रेट तक पहुंचती थीं. इस समस्या को गंभीरता से लेते हुए योगी सरकार ने यह नई पेयजल योजना शुरू की है, जिससे लोगों को टैंकर निर्भरता से मुक्ति मिल सके.
मंडलायुक्त शैलेंद्र सिंह ने बताया कि प्रदेश सरकार हर नागरिक को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने और उनके जीवन स्तर को सुधारने के लिए प्रतिबद्ध है. आगरा के यमुनापार क्षेत्र के 55 हजार घरों को पेयजल उपलब्ध कराने की इस परियोजना की हर सप्ताह समीक्षा की जा रही है, ताकि कार्य तय समय में पूरा हो सके.
इस वृहद पेयजल परियोजना से यमुनापार के ट्रांस यमुना कॉलोनी प्रथम व द्वितीय, फाउंड्री नगर, शाहदरा, राज नगर, सीता नगर, नगला रामदास, कालिंदी विहार और कछपुरा सहित कई अन्य इलाके सीधे तौर पर लाभान्वित होंगे.
यह परियोजना पूरी होने के बाद आगरा के यमुनापार क्षेत्र के निवासियों को न केवल शुद्ध जल की आपूर्ति मिलेगी, बल्कि वर्षों से चली आ रही पेयजल समस्या का स्थायी समाधान भी सुनिश्चित होगा.
