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Friday, 27 December, 2024
होमराजनीति‘सुन रही हो बहनों, अभी तो 1 हजार दिए हैं, आगे इसे और बढ़ाऊंगा’ MP चुनाव से पहले शिवराज का चुनावी दांव

‘सुन रही हो बहनों, अभी तो 1 हजार दिए हैं, आगे इसे और बढ़ाऊंगा’ MP चुनाव से पहले शिवराज का चुनावी दांव

जबलपुर के गैरीसन मैदान में सभा में मुख्यमंत्री ने लाभार्थियों के खातों में राशि हस्तांतरित की. इससे पहले उन्होंने कन्या पूजन किया और ‘लाडली बहनों’ के पैर भी पखारे.

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नई दिल्ली: “सुन रही हो बहनों, अभी तो एक हजार दिया है, पैसे का इंतजाम करता हूं, आगे इसे और बढ़ाऊंगा” ये कहना है मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का. शनिवार को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री लाडली बहना योजना के तहत गरीब और मध्यम वर्ग की करीब 1.25 करोड़ महिलाओं के खातों में एक-एक हजार रुपये हस्तांतरित किए. इस योजना के माध्यम से 23 से 60 साल आयुवर्ग की महिलाओं को हर महीने की 10 तारीख को एक-एक हजार रुपये जारी किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री ने यहां के गैरीसन मैदान में एक ‘‘क्लिक’’ कर लाभार्थियों के खातों में यह राशि हस्तांतरित की. इससे, पहले उन्होंने कन्या पूजन किया और ‘लाडली बहनों’ के पैर भी पखारे.

इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की मध्यप्रदेश इकाई के अध्यक्ष वी डी शर्मा, जबलपुर के सांसद राकेश सिंह, भाजपा की राष्ट्रीय सचिव पंकजा मुंडे और प्रदेश सरकार के मंत्री व अन्य वरिष्ठ नेता मौजूद थे.

‘‘नर्मदा मैया, शिवराज भैया’’ के नारों के बीच मुख्यमंत्री ने घोषणा की कि अभी इस योजना की शुरुआत हुई है, धीरे-धीरे पैसों का इंतजाम होता जाएगा और वह इस राशि को बढ़ा कर प्रति माह तीन हजार रुपये कर देंगे.

उन्होंने कहा कि आज का दिन ना सिर्फ अद्भुत बल्कि महिला सशक्तिकरण की दिशा में ऐतिहासिक भी है.

महिलाओं के आर्थिक स्वावलंबन, उनके स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में सतत सुधार तथा परिवार के निर्णय में उनकी भूमिका सुदृढ़ करने के लिए मुख्यमंत्री ने इसी साल मार्च में लाडली बहना योजना की शुरुआत की थी.

मुख्यमंत्री चौहान ने इस अवसर पर हर गांव में लाडली बहना सेना गठित करने की भी घोषणा की. उन्होंने कहा कि यह सेना सरकारी योजनाओं को लागू करने में सहयोग करेगी और अन्याय एवं शोषण के खिलाफ आवाज भी उठाएगी. उन्होंने महिलाओं से बड़ी संख्या में इस सेना में शामिल होने की अपील की.

अधिकारियों ने बताया कि इस योजना में अब तक 1.25 करोड़ से अधिक महिलाओं ने पंजीयन कराया है, जिनमें 6,84,363 पेंशनभोगी महिलाएं भी शामिल हैं. इनमें 17 प्रतिशत महिलाएं अनुसूचित जाति से हैं जबकि अनुसूचित जनजाति की लगभग 20 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग की 47 प्रतिशत एवं सामान्य वर्ग की लगभग 15 प्रतिशत महिलाएं योजना में शामिल हैं.


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