लखनऊ: संस्कृत भाषा को बढ़ावा देने के लिए उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने एक अनूठी पहल की है. मुख्यमंत्री कार्यालय से जारी होने वाली प्रेस रिलीज अब हिंदी के अलावा संस्कृत भाषा में भी जारी होगी. सीएम योगी के निर्देश पर मुख्यमंत्री कार्यालय एवं सूचना विभाग ने कवायद शुरू कर दी है. इसी कड़ी में सोमवार को सीएम कार्यालय ने संस्कृत में प्रेस रिलीज जारी कर इसकी शुरुआत की गई.
अभी तक सरकार की ओर से हिंदी में प्रेस रिलीज़ जारी की जाती थी.संस्कृत भाषा में प्रेस रिलीज जारी करने वाले पहले मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बने हैं. सीएम कार्यालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि संस्कृत में विज्ञप्ति जारी करने का अर्थ यह नहीं है कि हिंदी में विज्ञप्ति जारी करना बंद हो जाएगा. योगी आदित्यनाथ सरकार प्रदेश में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए तत्पर है.
संस्कृत भारती की ओर से आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान सीएम योगी ने कहा, ‘ संस्कृत भारत के डीएनए में बसी है. लेकिन अब यह सिर्फ पुरोहित कार्य तक सीमित रह गई है. विज्ञान की सीमा जहां खत्म होती है, वहां से आगे का मार्ग संस्कृत प्रशस्त करता है. भारतीयकरण नहीं करने से विद्या कमजोर हुई है.’
बजट में भी रखा था संस्कृत का विशेष ध्यान
बीते फरवरी माह में पेश किए गए बजट में योगी सरकार ने संस्कृत शिक्षा के लिए खजाना खोला था. बजट में सरकार ने संस्कृत शिक्षा के प्रचार-प्रसार के लिए 314.51 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है. योगी सरकार ने संस्कृत पाठशाला को आर्थिक सहायता के लिए 242 करोड़ रुपए दिए हैं.
संस्कृत स्कूल और डिग्री कॉलेज के लिए भी सरकार ने 30 करोड़ रुपए जारी किए हैं. काशी विद्यापीठ में संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 21 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है. वहीं, बजट में 21.51 करोड़ रुपए का प्रावधान सम्पूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी के लिए भी किया गया है.
सोमवार को जब पीएम मोदी लोकसभा में दूसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के बाद लोकसभा पहुंचे और सदन की शपथ ली..उस दौरान पीएम मोदी के अधिकतर सांसदों ने संस्कृत में ही शपथ ली है. इससे साफ होने जा रहा है कि आने वाले सालों में लुप्त होती संस्कृत को बढ़ावा देने के लिए योगी और मोदी सरकार मिल कर काम करने जा रही हैं.