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Saturday, 18 May, 2024
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यशवंत सिन्हा ने दिए विपक्ष के राष्ट्रपति उम्मीदवार होने के संकेत, कहा- यह विपक्षी एकता के लिए काम करने का समय है

पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार बनने के विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार करने से मना कर दिया था.

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नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को संकेत दिया कि उन्होंने विपक्षी नेताओं के द्वारा उन्हें अपना राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाने के प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया है.

यशवंत सिन्हा ने मंगलवार को एक एक ट्वीट किया जिससे उनके राष्ट्रपति चुनाव में विपक्ष के उम्मीदवार होने की अटकलों को बल मिल गया है.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने ट्वीट किया, ‘मैं ममता जी का आभारी हूं जिन्होंने टीएमसी में मुझे जो सम्मान और प्रतिष्ठा दी. अब वह समय आ गया है जब एक बड़े राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए मुझे पार्टी से हटकर विपक्षी एकता के लिए काम करना होगा. मुझे यकीन है कि वह इस कदम को स्वीकार करेंगी.’

उधर, रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा था कि अगले महीने होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपना उम्मीदवार चुनने के मकसद से मंगलवार को विपक्षी दल बैठक करेंगे.

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बता दें कि सिन्हा का यह ट्वीट ऐसे समय में आया है जब 17 विपक्षी दल आगामी राष्ट्रपति चुनाव के लिए अपने संयुक्त उम्मीदवार पर विचार-विमर्श कर रहे हैं.

इससे पहले विपक्षी पार्टियों ने तीन वरिष्ठ नेताओं के सामने राष्ट्रपति चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा था जिसे तीनों उम्मीदवारों ने ठुकरा दिया था.

पश्चिम बंगाल के पूर्व राज्यपाल गोपालकृष्ण गांधी ने सोमवार को राष्ट्रपति चुनाव में संयुक्त उम्मीदवार बनने के विपक्ष के प्रस्ताव को स्वीकार करने से मना कर दिया था.

इससे पहले राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अध्यक्ष शरद पवार और जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने भी इस मुकाबले में उतरने से मना कर दिया है.

कई विपक्षी दलों के नेताओं ने पिछले बुधवार को एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार से राष्ट्रपति चुनाव के लिए संयुक्त विपक्ष का उम्मीदवार बनने का आग्रह किया लेकिन पवार ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक में इस प्रस्ताव को अस्वीकार कर दिया था.

पवार द्वारा प्रस्ताव को अस्वीकार करने के बाद बनर्जी ने बाद में संभावित विपक्षी उम्मीदवारों के रूप में अब्दुल्ला और गांधी के नामों का सुझाव दिया था.

नए राष्ट्रपति के चुनाव की प्रक्रिया 15 जून से शुरू हो चुकी है और नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 29 जून है. जरूरी हुआ तो चुनाव 18 जुलाई और मतगणना 21 जुलाई को होगी.


यह भी पढ़ें: राष्ट्रपति चुनाव के लिए पवार, अब्दुल्ला के बाद गोपालकृष्ण गांधी ने भी विपक्ष का प्रस्ताव ठुकराया


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