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Saturday, 14 September, 2024
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कुश्ती या राजनीति? विनेश फोगाट, बजरंग पुनिया की राहुल गांधी से मुलाकात, हरियाणा चुनाव लड़ने की संभावना

जानकारी मिली है कि फोगाट को तीन सीटों का विकल्प दिए गए हैं, जबकि पुनिया के पास चुनने के लिए दो विकल्प हैं. हुड्डा ने कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में पहलवानों के लिए टिकट की वकालत की.

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गुरुग्राम: भारतीय कुश्ती संघ में यौन उत्पीड़न के खिलाफ विरोध प्रदर्शन में सबसे आगे रहने वाले ओलंपियन पहलवान विनेश फोगाट और बजरंग पुनिया ने बुधवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मुलाकात की. ऐसी अटकलें हैं कि वो दोनों 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं.

दोनों ने कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल से भी मुलाकात की. इस बीच, दिप्रिंट से बात करते हुए राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कांग्रेस खेमे से पहलवानों के राजनीति में प्रवेश के बारे में न तो पुष्टि की और न ही इनकार किया. उन्होंने कहा, “मैं इस समय क्या कह सकता हूं?”

एक दिन पहले ही, हरियाणा के लिए AICC प्रभारी दीपक बाबरिया ने कहा था कि फोगाट और पुनिया के संभावित नामांकन पर स्पष्टता “परसों” आएगी.

हालांकि, पार्टी के सूत्रों ने पुष्टि की कि नेतृत्व ने पहले ही दोनों को टिकट की पेशकश की है — विनेश को तीन सीटों के विकल्प दिए गए हैं, जबकि बजरंग के पास चुनने के लिए दो हैं.

जानकार लोगों ने संकेत दिया कि फोगाट के लिए तीन सीटों में चरखी दादरी जिले में दादरी और बधरा शामिल हैं, जहां उनका पैतृक गांव बलाली स्थित है. उनके लिए तीसरा विकल्प जींद में जुलाना है, जो उनके पति सोमवीर राठी का जन्मस्थान है.

विनेश की चचेरी बहन बबीता फोगाट भी भाजपा की टिकट पर चरखी दादरी से चुनाव लड़ने की इच्छुक हैं. हालांकि, सत्तारूढ़ पार्टी ने संकेत दिया है कि पूर्व मंत्री सतपाल सांगवान के बेटे सुनील सांगवान, जो जेल अधीक्षक हैं, को यहां से मैदान में उतारा जा सकता है.

बबीता फोगाट, जिन्होंने अपनी बहन गीता फोगाट और पिता महावीर फोगाट के साथ 2016 में आमिर खान अभिनीत दंगल को प्रेरित किया था, ने 2019 में भाजपा के टिकट पर सीट से चुनाव लड़ा था. वे निर्दलीय उम्मीदवार सोमवीर सांगवान से हार गईं.

पुनिया को बहादुरगढ़ और भिवानी की सीटें दी गई हैं, जो दोनों शहरी क्षेत्र हैं और जाट मतदाताओं की अच्छी खासी आबादी है.

हालांकि, सूत्रों के अनुसार बजरंग पुनिया सोनीपत से चुनाव लड़ना चाहते हैं, जहां से कांग्रेस विधायक सुरेन्द्र पंवार चुनाव लड़ रहे हैं, जो फिलहाल प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा दायर एक मामले के संबंध में जेल में हैं.

पुनिया ने झज्जर की बादली सीट पर भी अपनी रुचि दिखाई है, लेकिन कांग्रेस ने पहले ही मौजूदा विधायक कुलदीप वत्स को टिकट दे दिया है, जो एक प्रमुख ब्राह्मण चेहरा हैं.

दिप्रिंट ने फोन कॉल के जरिए बजरंग पुनिया से संपर्क किया. खुद को पुनिया का निजी सहायक बताने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि पुनिया और फोगाट के चुनाव लड़ने पर चर्चा चल रही है और वो इस बारे में और कोई टिप्पणी नहीं कर सकते.

कांग्रेस सूत्रों ने बताया कि हुड्डा ने पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति (सीईसी) की बैठक में पहलवानों को टिकट देने की वकालत की. उन्होंने कहा कि पहलवानों का समर्थन करने से हरियाणा में पार्टी के लिए जनता का समर्थन बढ़ेगा.

सूत्रों ने बताया कि चर्चा के बाद पार्टी की चुनाव समिति सहमत हो गई, लेकिन चुनाव लड़ने और सीटों के चयन का अंतिम फैसला फोगाट और पुनिया पर छोड़ दिया गया है.

संयोग से हुड्डा के बेटे दीपेंद्र, जो रोहतक से कांग्रेस सांसद हैं, 17 अगस्त को पेरिस ओलंपिक से लौटने के बाद विनेश फोगाट को लेने के लिए दिल्ली एयरपोर्ट पर थे. एयरपोर्ट से बलाली तक रोड शो के दौरान वे फोगाट के काफिले में गुरुग्राम तक भी गए.

दिग्गजों को हराकर फाइनल में पहुंचने वाली फोगाट आखिरकार फाइनल तक नहीं पहुंच पाईं क्योंकि महिलाओं की 50 किलोग्राम श्रेणी में उनका वजन 100 ग्राम अधिक था.

राज्य के विभिन्न जिलों की खाप पंचायतों ने भी फोगाट को सम्मानित किया है. उन्होंने केंद्र सरकार के खिलाफ 2020-21 के किसान आंदोलन में भाग लिया था.

पिछले साल महिला पहलवानों ने तत्कालीन भाजपा सांसद और कुश्ती संघ के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. बजरंग पुनिया, विनेश फोगाट और साक्षी मलिक के नेतृत्व में पहलवानों ने दिल्ली के जंतर-मंतर पर लंबा आंदोलन किया था.

विनेश फोगाट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक खुला पत्र लिखा, जिसमें उन्होंने कहा कि वे अपना खेल रत्न और अर्जुन पुरस्कार लौटा देंगी. सरकार द्वारा उनकी मांगों पर धीमी प्रतिक्रिया से नाखुश मलिक ने अंततः खेल से संन्यास की घोषणा कर दी.

पुनिया ने अपना पद्मश्री पुरस्कार भी प्रधानमंत्री मोदी के आवास के बाहर फुटपाथ पर फेंक दिया था.

पिछले साल भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के चुनावों को लेकर विवाद के बीच, राहुल गांधी हरियाणा के झज्जर जिले के छारा गांव में एक अखाड़े में गए थे, जहां उन्होंने पुनिया के साथ ‘कुश्ती’ की थी. छारा गांव झज्जर जिले की बहादुरगढ़ विधानसभा सीट के अंतर्गत आता है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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