scorecardresearch
Thursday, 21 November, 2024
होमराजनीति'इस बिल को परिसीमन या जनगणना की जरूरत नहीं', राहुल गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक का किया समर्थन

‘इस बिल को परिसीमन या जनगणना की जरूरत नहीं’, राहुल गांधी ने महिला आरक्षण विधेयक का किया समर्थन

राहुल गांधी ने कहा, महिलाओं ने आज़ादी के आंदोलन में भी भाग लिया. लेकिन मेरे हिसाब से यह बिल अधूरा है क्योंकि इसमें OBC आरक्षण की बात नहीं है."

Text Size:

नई दिल्ली: ‘मैं महिला आरक्षण विधेयक के समर्थन में खड़ा हूं.’ संसद में चल रहे विशेष सत्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को लोकसभा में महिला आरक्षण बिल को अपना समर्थन देते हुए केंद्र सरकार पर जमकर निशाना साधा और कहा कि ये जो आपका बिल है उसे आज से ही लागू कीजिए आज ही पास कीजिए.

राहुल गांधी आगे बोले, “यह महिला आरक्षण विधेयक एक बड़ा कदम है और मुझे यकीन है कि इस कमरे में हर कोई – सत्ता पक्ष और विपक्ष – इस बात से सहमत है कि यह हमारे देश की महिलाओं के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है.

उन्होंने आगे कहा, “भारत की महिलाओं को सत्ता हस्तांतरित करने की दिशा में सबसे बड़ा कदम था पंचायती राज, जहां उन्हें आरक्षण दिया गया और बड़े पैमाने पर राजनीतिक व्यवस्था में प्रवेश करने की अनुमति दी गई. हर कोई इस बात का समर्थन करेगा कि यह हमारे देश की महिलाओं के लिए बहुत बड़ा कदम है. महिलाओं ने आज़ादी के आंदोलन में भी भाग लिया. लेकिन मेरे हिसाब से यह बिल अधूरा है क्योंकि इसमें OBC आरक्षण की बात नहीं है.”

लोकसभा में इस पर बोलते हुए राहुल गांधी ने आगे कहा, “इसमें दो बात नहीं है, पहली बात तो यह कि आपको इस बिल के लिए एक नई जनगणना और नया परिसीमन करना होगा. मेरी नजर में इस बिल को अभी से महिलाओं को लोकसभा और राज्यसभा में 33% आरक्षण देकर लागू कर देना चाहिए.”

सरकार कई मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है

राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए आगे कहा, “सरकार कई मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश करती है. इसमें से एक मुद्दा है जातिगत जनगणना. मुझे बिल्कुल समझ नहीं आता कि क्या कारण है कि जैसे ही विपक्ष जातिगत जनगणना का मुद्दा उठाता है, भाजपा अन्य मुद्दों को लाकर अचानक ध्यान भटकाने की कोशिश करती है ताकि OBC समुदाय और भारत के लोग दूसरी तरफ देखने लगें.”

मैं जानता हूं कि मेरे दोस्त लोगों का ध्यान दूसरे मुद्दों से भटकाते हैं.’ बेशक, अडाणी का मुद्दा है.

उन्होंने आगे कहा, कल चर्चा सुनते समय सेंगोल का मुद्दा उठा और अंग्रेजों से भारत की जनता को सत्ता हस्तांतरण के बारे में बातचीत हुई. भारत की जनता को सत्ता सौंपने से पहले अंग्रेजों ने स्वतंत्रता आंदोलन के नेतृत्व से पूछा, “हम सत्ता किसे हस्तांतरित करने जा रहे हैं?” हमारे स्वतंत्रता सेनानियों की ओर से एक क्रांतिकारी उत्तर आया “भारत के लोगों को सत्ता हस्तांतरित करें.”

इसलिए, हमारे देश ने अपनी स्थापना से ही सभी महिलाओं को वोट दिया, जो उस समय क्रांतिकारी थी हमने हर एक समुदाय को वोट भी दिया और वोट ने सत्ता हस्तांतरण के लिए एक तंत्र के रूप में काम किया.

इस मुद्दे पर बात करते हुए उन्होंने नए संसद भवन की तारीफ करते हुए कहा कि, “ये संसद भवन सुन्दर है, अच्छे मेज और कुर्सी भी है लेकिन यहां भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू की कमी है. राष्ट्रपति एक महिला हैं, जो आदिवासी समुदाय से हैं. इस प्रक्रिया में राष्ट्रपति को भी शामिल होना चाहिए था. ”


यह भी पढ़ें: ‘तत्काल लागू न करना नाइंसाफी’, प्रस्तावित नारी वंदन अधिनियम का सोनिया गांधी ने किया समर्थन


share & View comments