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Monday, 18 November, 2024
होमराजनीति'गरीबों को भूखा नहीं रहने दूंगा, मैं जानता हूं कि भूखे रहना क्या होता है'- पीएम नरेंद्र मोदी

‘गरीबों को भूखा नहीं रहने दूंगा, मैं जानता हूं कि भूखे रहना क्या होता है’- पीएम नरेंद्र मोदी

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सागर जिले में आयोजित सभा में कहा कि प्रधानमंत्री जी ने ऐसे फैसले किए हैं जो बुंदेलखंड की तस्वीर भी बदलेंगे और यहां की जनता की तकदीर भी बदल देंगे.

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सागर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्यप्रदेश में हैं. पीएम मोदी ने कहा कि एमपी की धरती पर अनुसूचित जाति और जनजाति के लिए व्यापक प्रयास किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार ने कई ऐसी योजनाएं बनाई हैं जिसके तहत नागरिकों को लाभ मिल रहा है. मध्य प्रदेश में चलाई गई समरसता यात्रा और संत रविदास मंदिर इसका सबसे बड़ा उदाहरण है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को सागर के बड़तूमा में संत रविदास मंदिर और स्मारक की आधारशिला रखी. इस मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि पराधीनता सबसे बड़ा पाप है. उन्होंने कहा कि इसी भावना के साथ देश गुलामी की मानसिकता से मुक्ति के साथ आगे बढ़ रहा है.

मोदी ने यहां सागर से कोटा-बीना रेल लाइन दोहरीकरण का लोकार्पण एवं विभिन्न सड़क परियोजनाओं का शिलान्यास भी किया. इस मौके पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने ऐसे फैसले किए हैं जो बुंदेलखंड की तस्वीर भी बदलेंगे और यहां की जनता की तकदीर भी बदल देंगे.

भूखा रहना क्या होता है? 

प्रधानमंत्री ने कोरोना महामारी के समय का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने तय किया कि मैं गरीबों को भूखा नहीं रहने दूंगा, क्योंकि मैं जानता हूं कि भूखे रहना क्या होता है. मुझे आपका सुख-दुख समझने के लिए किताबें नहीं ढूंढनी पड़तीं क्योंकि मैं आपके परिवार का हिस्सा हूं. उन्होंने कहा, “इसलिए मैंने गरीब कल्याण अन्न योजना शुरू की, जिसमें कोरोना के समय और उसके बाद भी मुफ्त अनाज वितरित किया गया.”

रविदास जी का दोहा सुनाते हुए प्रधानमंत्री ने कहा, “ऐसा चाहूं राज मैं, जहां मिलै सबन को अन्न, छोट बड़ों सब से, रैदास रहें प्रसन्न. आजादी के अमृतकाल में हम देश को गरीबी-भूख से मुक्त करने के लिए हम प्रयास कर रहे हैं.” उन्होंने कहा कि पहले योजनाएं चुनावी मौसम के हिसाब से आती थीं. लेकिन अब ऐसा नहीं है.


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पिछड़े लोगों की समाज में इज्जत बढ़ी

प्रधानमंत्री ने कहा कि कोई भी दलित, वंचित बिना घर के ना रहे, इसके लिए प्रधानमंत्री आवास भी दिए जा रहे हैं. जल-बिजली कनेक्शन भी मुफ्त दिया गया है. आज एससी-एसटी समाज के लोग खुद अपने पैरों पर खड़े हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि आज पिछड़े-आदिवासी क्षेत्रों में पानी पहुंच रहा है.

प्रधानमंत्री ने कहा कि भोपाल के गोविंदपुरा में जो ग्लोबल स्किल पार्क बन रहा है उसका नाम भी संत रविदास जी के नाम पर रखा गया है. बाबा साहब के जीवन से जुड़े प्रमुख स्थानों को भी पंच तीर्थ के रूप में विकसित करने का जिम्मा हमने उठाया है.

उन्होंने कहा कि जनजातीय समाज के गौरवशाली इतिहास को अमर करने के लिए म्यूजियम बना रहे हैं. भगवान बिरसा मुंडा के जन्मदिन को, देश के जनजातीय गौरव दिवस के रूप में मनाने की परंपरा शुरू की है. मध्यप्रदेश में भी हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम गोंड समाज की रानी कमलापति के नाम पर रखा गया है. पातालपानी स्टेशन का नाम टंट्या मामा के नाम पर किया है. उन्होंने कहा कि आज पहली बार देश में दलित, पिछड़ा और आदिवासी परंपरा को वो सम्मान मिल रहा है. जिसके लिए ये सर्व समाज के लोग हकदार थे.

प्रधानमंत्री ने कहा कि समरसता की भावना से ओत-प्रोत 20 हजार से ज्यादा गांवो की, 300 से ज्यादा नदियों की मिट्टी आज इस इमारत का हिस्सा बनेगी. उन्होंने कहा कि एक मुट्ठी मिट्टी के साथ-साथ एमपी के लाखों परिवारों ने समरसता भोज के लिए एक एक मुट्ठी अनाज भी भेजा है. इसके लिए जो पांच समरसता यात्राएं चल रही थी. आज उनका भी सागर की धरती पर समागम हुआ है.

पीएम मोदी ने कहा, “मैं मानता हूं कि ये समरसता यात्राएं यहां खत्म नहीं हुई है बल्कि यहां से सामाजिक समरसता के एक नए युग की शुरुआत हुई है. उन्होंने इस कार्य के लिए मध्य प्रदेश सरकार का अभिनंदन किया और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का अभिनंदन किया.”

पीएम के फैसले बुंदेलखंड की तस्वीर बदलने वाले

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सागर जिले में आयोजित सभा में कहा कि प्रधानमंत्री जी ने ऐसे फैसले किए हैं जो बुंदेलखंड की तस्वीर भी बदलेंगे और यहां की जनता की तकदीर भी बदल देंगे.

उन्होंने कहा, “बीना में पेट्रोकेमिकल्स बीना रिफाइनरी पर आधारित पेट्रोकेमिकल्स उत्पाद पर 50 हजार करोड़ का निवेश आने वाला है. इसी बुंदेलखंड की धरा पर केन और बेतवा बहुत जल्द काम प्रारंभ होने वाला है. बुंदेलखंड में 20 लाख एकड़ जमीन पर सिंचाई होगी बुंदेलखंड की धरती पंजाब और हरियाणा को मात करेगी.” मुख्यमंत्री ने बताया कि 44 हजार करोड़ की योजना का उपहार प्रधानमंत्री जी ने बुंदेलखंड की जनता को दिया है.

संत रविदास मंदिर-स्मारक 11.29 एकड़ जमीन पर 100 करोड़ रुपए की लागत से बनाया जाना है. इसकी दीवारों पर संत रविदास के दोहे और शिक्षाएं उकेरी जाएंगी. पूरा प्रोजेक्ट नागर शैली में होगा. कला वीथिका बनेगी.भक्त निवास के साथ कई अन्य चीजें भी बनेंगी.


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