scorecardresearch
Friday, 15 November, 2024
होमराजनीति'ज़रूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा'- अधीर रंजन ने लोकसभा से सस्पेंड होने पर BJP पर निशाना साधा

‘ज़रूरत पड़ी तो सुप्रीम कोर्ट जाऊंगा’- अधीर रंजन ने लोकसभा से सस्पेंड होने पर BJP पर निशाना साधा

संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने चौधरी के निलंबन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था. इस दौरान विपक्षी बेंच में कोई भी मौजूद नहीं था. जोशी ने उन पर सदन को "परेशान" करने का आरोप लगाया था.

Text Size:

नई दिल्ली: कांग्रेस मुख्यालय में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा से अपने निलंबन पर कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वो सुप्रीम कोर्ट का रुख करेंगे.

दरअसल, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला करने और मंत्रियों को परेशान करने के आरोप में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को 10 अगस्त को सदन से सस्पेंड कर दिया गया था. यह पहली बार था जब लोकसभा में कांग्रेस नेता को सस्पेंड किया गया. चौधरी के निलंबन का प्रस्ताव संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने पेश किया था.

चौधरी ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “अगर जरूरत पड़ी तो मैं सुप्रीम कोर्ट जा सकता हूं.”

कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता चौधरी ने ‘अनियंत्रित व्यवहार’ के कारण सदन से निलंबित किए जाने के बाद कहा, “यह एक नई घटना है जिसे हमने संसद में अपने करियर में पहले कभी महसूस नहीं किया है. यह विपक्ष की आवाज को दबाने के लिए सत्ता पक्ष द्वारा एक जानबूझकर की गई साजिश है. इससे संसदीय लोकतंत्र की भावना कमजोर होगी.”

जब उनसे पूछा गया कि क्या सदन में दलीलें देने से निलंबन हो जाता है, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि उनकी टिप्पणी ‘किसी को ठेस पहुंचाने के इरादे से नहीं’ थी.

बीजेपी शासित केंद्र सरकार के कदम को ‘प्रतिगामी’ बताते हुए कांग्रेस नेता ने कहा कि यह संसदीय लोकतंत्र की भावना को कमजोर करेगा.

उन्होंने भारत गठबंधन की आलोचना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा. चौधरी ने कहा हैं, “मोदी जी इंडिया शब्द के विरोध में क्यों हैं? इंडिया और भारत में कोई अंतर नहीं है.” उन्होंने कहा कि पीएम मोदी, स्टार्ट अप इंडिया और मेक इन इंडिया की बात करते हैं तब उन्हें अच्छा लगता है लेकिन जब विपक्ष इंडिया शब्द का प्रयोग करता है तो उन्हें अपत्ति क्यों होती है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस में भाषण खत्म करने के तुरंत बाद, संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने चौधरी के निलंबन के लिए एक प्रस्ताव पेश किया था. इस दौरान विपक्षी बेंच में कोई भी मौजूद नहीं था. जोशी ने उन पर सदन को “परेशान” करने का आरोप लगाया था. जिसके बाद प्रस्ताव ध्वनि मत से पारित हो गया था. अविश्वास प्रस्ताव पर बहस के दौरान चौधरी ने मोदी की तुलना नीरव मोदी और हिंदू महाकाव्य महाभारत के कौरवों के पिता धृतराष्ट्र से करने की कोशिश की थी.

इसके अलावा आम आदमी पार्टी के सांसद राघव चड्ढा को भी शुक्रवार को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट लंबित रहने तक “नियमों के घोर उल्लंघन और कदाचार” के लिए राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था.

3 अगस्त को, आप के एकमात्र लोकसभा सांसद, सुशील कुमार रिंकू को “अनियंत्रित व्यवहार” के कारण निलंबित कर दिया गया था. यह कार्रवाही तब की गई थी जब सदन दिल्ली सेवा विधेयक पर विचार कर रहा था.


यह भी पढ़ें: मानसून सत्र से पता चलता है कि संसद में बहस अभी ख़त्म नहीं हुई है


 

share & View comments