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Monday, 6 May, 2024
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क्यों अब आपके आस-पास के मंदिरों व आश्रमों को चुन-चुन कर गिन रही है भाजपा?

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यह प्रयास स्थानीय ‘प्रभावशाली व्यक्तियों’ की पहचान करना है, लेकिन इस प्रयोग से पार्टी किसी और फायदे को प्राप्त करने की आशा कर रही है।

नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) हिन्दू धार्मिक स्थानों – मंदिरों,मठों और आश्रमों की जनगणना आयोजित करने की तैयारी कर रही है – जो प्रत्येक मतदान केंद्र के अंतर्गत आते है।

किसी क्षेत्र की जाति संरचना पर भी डेटा एकत्रित किया जाएगा क्योंकि अब 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव के लिए कमर कस रही है।

बीजेपी ने प्रत्येक बूथ के लिए तैयार की जाने वाली सूची में कहा है,”प्रत्येक मंदिरों ,मठों और आश्रमों (क्षेत्र के अंतर्गत) की लिस्ट जो बूथ में आते हो और समाजिक समिकरण की सूची भी तैयार होनी चाहिए” ।

भाजपा नेता ने कहा,मंदिर की जनगणना,पार्टी को 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले “प्रभावशाली व्यक्तियों ” की पहचान करने में मदद मिलेगी।

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“हर क्षेत्र में प्रभावशाली व्यक्ति है”। बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया कि एक पुजारी या किसी धार्मिक स्थान की अध्यक्षता करने वाला व्यक्ति चुनाव के दौरान महत्व रखता हैं। “वे कई अनुयायियों के फैसले को प्रभावित करने की क्षमता रखते है। उन्होंने कहा कि उन प्रभावशाली व्यक्तियों से लाभ प्राप्त करना किसी भी सीट को जीतने के लिए महत्वपूर्ण है”।

नेता ने कहा, ‘सामाजिक समीकरण’ का मतलब है, हर बूथ के लिए प्रतिशत की संख्या में जाति डेटा का संयोजन।

बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह को सूक्ष्म चुनाव प्रबंधन के लिए जाना जाता है, इस अभ्यास के साथ वो एक नए स्तर की तैयारी कर रहे हैं। यह डेटा ज़ाहिर तौर पर प्रभावशाली व्यक्तियों को पहचानने के लिए एकत्रित किया जा रहा है, लेकिन यह डेटा पार्टी को किसी विशेष क्षेत्र की धार्मिक गतिशीलता के बारे में एक विचार भी देगा।

ये तैयारी उस समय में आती है जब विपक्षी दल राज्य दर राज्य -विशिष्ट गठजोड़ों को एकजुट करने की मांग कर रहे हैं, जिसमें मुख्य रूप से पार्टियां कुछ जातियों और उप-जातियों पर प्रभाव रखती हैं।

इस दौरान भाजपा अभियान सत्र में प्रवेश कर चुकी है विपक्षी आरोपों के बीच की भाजपा 2019 में मतदाताओं के ध्रुवीकरण के लिए “हिंदुत्व राजनीति” पर वापस लौटने की कोशिश कर रही है। परंपरागत रूप से ब्राह्मण-बनिया पार्टी के रूप में माना जाता है, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकप्रियता के चलते भाजपा 2014 में विभिन्न जातियों पर अपने प्रभाव का विस्तार करने में कामयाब रही ।

पांच बाइकर्स, संघ से संबंध

कार्य सूची में जो अलग कार्य प्रति बूथ पांच बाइकर्स,पांच व्हाट्सएप ग्रुप, सरकारी योजनाओं के लाभार्थी, एनजीओ, और पांच स्मार्टफोन उपयोगकर्ताओं को सूचीबद्ध करना । पार्टी ऐसी पांच जगहों का चुनाव भी करेगी जहाँ कमल खिल सके।

प्रत्येक बूथ क्षेत्राधिकार में दो से तीन लोगों की पहचान की जाएगी जो लोगों को व्यस्त रखने और एससी / एसटी और ओबीसी समुदायों के नए सदस्यों को नामांकित करे ।


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“यह अभ्यास सभी मुमकिन गतिशीलता को कवर करेगा जो चुनावों में एक भूमिका निभा सकती हैं”। बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने कहा, “हम यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी समुदायों को समान रूप से भाग लेने का अवसर मिले”।

पार्टी कार्यकर्ताओं से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के कार्यकर्ताओं के साथ निरंतर समन्वय स्थापित करने के लिए कहा गया है। भाजपा नेता ने कहा, “संघ मतदाताओं को मतदान केंद्रों तक लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं, समन्वय प्रबंधन का सार है।”

भाजपा के जनरल सेक्रेटरी के द्वारा राज्यानुसार कार्यो प्रगति सुनिश्चित करने के लिए एक पखवाड़े की समीक्षा आयोजित की जाएगी। प्रत्येक बैठक एक क्षेत्र पर केंद्रित होगी, जिसमें आम तौर पर 10 बूथ शामिल होते हैं।

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