scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमराजनीतिBMC चुनावों से पहले क्यों हो रहा है मुंबई में नगरपालिका वार्डों का परिसीमन, शिवसेना को होगा फायदा

BMC चुनावों से पहले क्यों हो रहा है मुंबई में नगरपालिका वार्डों का परिसीमन, शिवसेना को होगा फायदा

राज्य चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते बीएमसी द्वारा दिए गए परिसीमन के उस मसौदा प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जो वार्ड की सीमाओं को संशोधित करता है और नौ नई सीटों को जोड़ता है.

Text Size:

मुंबई: बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने मुंबई निकाय चुनावों से पहले वार्डो के परिसीमन के लिए जो कवायद की है उससे नौ नई सीटों के साथ सीटों की संख्या बढ़ाने के प्रस्ताव से सत्तारूढ़ शिवसेना को फायदा हो सकता है.

राज्य चुनाव आयोग ने पिछले हफ्ते बीएमसी द्वारा दिए गए परिसीमन के उस मसौदा प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया जो वार्ड की सीमाओं को संशोधित करता है और नौ नई सीटों को जोड़ता है.

बीएमसी के 24 वार्डों में कुल 227 सीटें हैं. परिसीमन के बाद, इसकी संख्या बढ़कर 236 हो गयी है. बता दें कि मुंबई में निकाय चुनाव मार्च महीने के अंत या अप्रैल के शुरुआत में होने हैं.

यह परिसीमन उन 12 प्रशासनिक वार्डों को प्रभावित करेगा जहां सीटों को जोड़ा गया है, उन्हें पुनर्गठित किया गया है और उनकी सीमाओं को फिर से रेखांकित किया गया है.

दिप्रिंट द्वारा 2017 के चुनाव परिणामों के विश्लेषण से पता चलता है कि इनमें से पांच में शिवसेना के पास सबसे अधिक पार्षद हैं. भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कम से कम दो वार्डों में स्पष्ट रूप से मजबूत स्थिति में है, जबकि कम से कम तीन अन्य वार्डों में शिवसेना और भाजपा एक दूसरे के साथ कड़ी टक्कर में हैं.

दिप्रिंट का विश्लेषण इस अर्थ में सांकेतिक है कि यह इन प्रशासनिक वार्डों के भीतर हर एक पार्षद वार्ड की सीमाओं को ध्यान में नहीं रखता है, और सिर्फ उस वार्ड में पार्टियों के दबदबे को देखता है. इसके अलावा, नई सीमाओं को भी अभी अंतिम रूप नहीं दिया गया है. किसी पार्टी विशेष को मिलने वाले मतों की संख्या किसी विशेष वार्ड के जनसंख्या वाले हिस्से पर निर्भर करती है, और सीमाओं को अंतिम रूप देने के बाद इसमें बदलाव हो सकता है.

इस परिसीमन से प्रभावित हो सकने वाले प्रशासनिक वार्ड हैं :- आर-नॉर्थ, आर-सेंट्रल, आर-साउथ, एच-ईस्ट, एल, जी-साउथ, एफ-साउथ, एम-ईस्ट, एम-वेस्ट, के-ईस्ट, बी और ई; जो वर्ली, भायखला, परेल, अंधेरी, बांद्रा, दहिसर, चेंबूर, कुर्ला और मानखुर्द जैसे इलाकों में आते हैं.

आर-नॉर्थ, एच-ईस्ट, एल, जी-साउथ और एफ-साउथ में शिवसेना की मजबूत पकड़ है. आर-सेंट्रल और आर-साउथ में बीजेपी को स्पष्ट रूप से बढ़त है. जिन वार्डों में शिवसेना और भाजपा आपस में कड़ी टक्कर में हैं, वे हैं – के-ईस्ट, एम-वेस्ट और ई .

मुंबई के तीन भौगोलिक क्षेत्रों, आइलैंड सिटी (द्वीपीय शहर), पूर्वी उपनगर और पश्चिमी उपनगर – जिसमें ये 12 नगरपालिका वार्ड हैं – इनमें से प्रत्येक में तीन अतिरिक्त सीटें जोड़ी गई हैं.

क्यों किया जा रहा है यह परिसीमन?

1991 में जनगणना के आंकड़े प्रकाशित होने के बाद, बढ़ी हुई आबादी के आधार पर बीएमसी में सीटों की संख्या को 170 से बढ़ाकर 221 कर दिया गया था. 2001 की जनगणना के बाद भी बीएमसी सीटों की संख्या एक बार फिर से बढ़ाकर 227 कर दी गई. 2011 की जनगणना के अनुसार, मुंबई की आबादी 1.24 करोड़ है, लेकिन इसके प्रकाशन के बाद किसी तरह का परिसीमन नहीं किया गया था.

अब कोविड महामारी के कारण 2021 की जनगणना प्रक्रिया बाधित हो गई है.

बीएमसी के अनुसार, उपरोक्त क्षेत्रों में जनसंख्या काफी बढ़ी है और इसलिए उन्हें बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए इन वार्डों का परिसीमन करना आवश्यक है.

वर्तमान में 227 सदस्यीय बीएमसी में शिवसेना के 97, भाजपा के 82, कांग्रेस के 29, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के 8 और समाजवादी पार्टी के 6 पार्षद हैं.

बूथ स्तरीय समन्वय बनाम जमीनी स्तर का कार्य

भाजपा विधायक आशीष शेलार ने कहा, ‘इस परिसीमन की शुरुआत शिवसेना के मन में समाये डर की वजह से हुई है.’

उन्होंने कहा, ‘वे अपनी रणनीति के तहत अपनी सीटों की संख्या बढ़ाना चाहते हैं. उन्होंने इसे पूरे शहर के लिए नहीं बल्कि कुछ ही वार्डों के लिए किया है.’

उन्होंने आगे कहा कि बूथ स्तर पर अपने मजबूत समन्वय के कारण भाजपा जीत को लेकर आश्वस्त है.

हालांकि, शिवसेना ने इस आरोप पर पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी ने भी 2016 में अपनी संभावनाओं को बेहतर बनाने के लिए ऐसा ही किया था.

मुंबई की मेयर किशोरी पेडनेकर ने दिप्रिंट को बताया, ‘ऐसा नहीं है कि परिसीमन से हमें कोई खास फायदा होगा, यह हमारे जमीनी स्तर के काम पर निर्भर करता है. भाजपा हम पर केवल इस वजह से आरोप लगा रही है क्योंकि उसने 2016 में स्वयं भी ऐसा ही किया था और इसलिए वे केवल उसी दिशा में सोच सकते हैं.’ उन्होंने कहा, ‘इसलिए, अंतिम परिसीमन जो भी हो, हम और हमारे उम्मीदवार उसका सामना करेंगे.’

इस बीच, कांग्रेस ने इस कदम का स्वागत किया है.

बीएमसी में कांग्रेस पार्षद रवि राजा ने कहा, ‘हम इस पुनर्गठन अभ्यास का अध्ययन कर रहे हैं. कई जगहों पर जनसंख्या का असंतुलन था और अब वे इसे संतुलित करते दिख रहे हैं. उम्मीदवार अब अपने- अपने वार्ड पर उचित ध्यान दे सकेंगे, क्योंकि कुछ वार्डों में आबादी लगभग एक लाख या उससे भी अधिक हो गई थी. अब, इसे 50,000 तक लाया गया है.’

उनका कहना है कि पूर्वी उपनगरों और द्वीपीय शहर क्षेत्रों में कांग्रेस को इसका लाभ होगा. उन्होंने कहा, ‘पुनर्गठन इसी तरीके का है कि कांग्रेस और शिवसेना को इसका फायदा मिल सकता है.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


यह भी पढ़ें- क्यों निर्मला सीतारामण के इस बजट को चुनावी बजट कह भी सकते हैं और नहीं भी कह सकते हैं


 

share & View comments