नई दिल्ली: राजस्थान के टोंक से विधानसभा चुनाव लड़ रहे कद्दावर कांग्रेस नेता सचिन पायलट बीत मतगणना के बीच चर्चा में है. बता दें कि सचिन पायलट शुरुआती रुझानों में बीजेपी के अजीत सिंह मेहता से पीछे चल रहे हैं. सचिन पायलट राजस्थान के पूरे चुनाव के दौरान चर्चा में रहे हैं. शुरुआत में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से गहमागहमी को लेकर सचिन चर्चा में रहे थे, लेकिन बाद पार्टी नेतृत्व ने दोनों को साथ बिठाया और चुनाव लड़ने तक संयम बरतने की बात कहीं. उसके बाद चुनाव प्रचार में दोनों नेताओं ने मिलकर चुनाव प्रचार किया. लेकिन बाद में जब नामांकन के दौरान उन्होंने घोषणा की कि वह तलाकशुदा हैं तो यह एक और चर्चा का विषय बन गया था. बता दें कि साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सचिन ने बीजेपी के पूर्व मंत्री यूनुस खान को 54,179 वोटों से हराया था.
साल 2018 का विधानसभा चुनाव जब कांग्रेस ने जीता था तो उसमें सचिन की महत्वपूर्ण भूमिका मानी जाती थी. हालांकि, पार्टी ने अशोक गहलोत पर भरोसा जताया और सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से संतुष्ठ होना पड़ा. राजस्थान में कांग्रेस ने साल 2018 में कुल 100 सीटें जीती थीं. साल 2020 में सचिन पायलट ने अपने 19 विधायकों के साथ बगावत कर दी थी, लेकिन बाद में पार्टी के शीर्ष नेतृत्व ने उन्हें मना लिया और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार अस्थिर होने से बच गई. हालांकि, उस वक्त सरकार गिराने के लिए कुल 30 विधायकों की जरूरत थी लेकिन सचिन पायलट के खेमे में उतने विधायक ही नहीं आए.
चुनाव में जब सचिन नामांकन पत्र दाखिल कर रहे थे तो उन्होंने अपने चुनावी एफिडेविट में बताया कि वह तलाकशुदा हैं. इसके बाद चारों ओर चर्चा होने लगी कि सचिन सारा का तलाक कैसे हुआ? इसके अलावा चारों ओर यह भी चर्चा हो रही थी कि सारा से सचिन के तलाक की खबरों से क्या कांग्रेस को नुकसान होगा? साल 2004 में सचिन और सारा ने विवाह किया था.
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