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Friday, 10 May, 2024
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पूर्वांचल पर खट्टर क्यों दिखा रहे हैं दिलचस्पी- स्थानीय लोगों को 75% कोटा और छठ पूजा को दे रहे हैं बढ़ावा

रविवार को छठ पूजा उत्सव में भाग लेते हुए, सीएम खट्टर ने सरकार द्वारा दी जाने वाली भूमि पर, पानीपत में तीन घाटों और एक सूर्यमंदिर के निर्माण की घोषणा की.

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गुरुग्राम: हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर रविवार को छठ पूजा मनाने के लिए, राज्य के पूर्वांचली प्रवासियों के बीच पहुंचे. जिसे देख ऐसा लगता है कि खट्टर की नजर उनके वोटों पर है, क्योंकि उन्होंने राज्य में तीन घाटों और एक सूर्यमंदिर के निर्माण की भी घोषणा की.

घाटों पर की जाने वाली सूर्य पूजा से जुड़ी छठ पूजा, पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार के भोजपुरी भाषी क्षेत्रों के लोगों, पूर्वांचलियों के लिए सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है.

सामुदायिक अनुमान बताते हैं कि हरियाणा में लगभग 40 लाख पूर्वांचली हैं, जिनमें से लगभग एक-चौथाई मतदाता के रूप में पंजीकृत हैं.

हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों ने कहा कि खट्टर की पूर्वांचल आउटरीच एक विरोधाभास प्रतीत होती है क्योंकि उनकी सरकार स्थानीय युवाओं के लिए 75 प्रतिशत निजी नौकरियों (30,000 रुपये तक मासिक वेतन की पेशकश) को आरक्षित करने की कोशिश कर रही है.

भाजपा की सहयोगी जननायक जनता पार्टी के चुनावी वादे के अनुरूप 2021 में घोषित कोटा को इस महीने की शुरुआत में पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया था, लेकिन जेजेपी के डिप्टी सीएम दुष्यंत सिंह चौटाला ने कहा है कि वे इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम में अपील करेंगे.

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दिप्रिंट से बात करते हुए, राजनीतिक विश्लेषक पवन कुमार बंसल ने कहा कि पूर्वांचल के लोग अब बड़ी संख्या में हरियाणा में बसे हुए हैं, और खट्टर की पहुंच का उद्देश्य स्पष्ट रूप से अगले साल के चुनावों – लोकसभा और 2024 के हरियाणा विधानसभा चुनावों से पहले उन्हें लुभाना है.

उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि खट्टर ने अरविंद केजरीवाल से प्रेरणा ली है, जिन्हें “दिल्ली में प्रवासियों के बीच बड़ा समर्थन प्राप्त है”, और जिनकी आम आदमी पार्टी (आप) अगले साल फिर से हरियाणा में चुनाव लड़ने की सोच रही है.

उन्होंने कहा, “हालांकि, जब हम निजी क्षेत्र में स्थानीय निवासियों के लिए 75 प्रतिशत कोटा के कानून को देखते हैं, जिसे नवंबर 2021 में बीजेपी-जेजेपी सरकार ने डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के दबाव में पारित किया था, तो खट्टर की पहुंच विरोधाभासी लगती है, क्योंकि अगर हाई कोर्ट ने कानून रद्द नहीं किया होता तो पूर्वांचल के लोगों को इससे परेशानी होती.”

बंसल ने कहा, “जिस दिन खट्टर ने छठ पूजा में भाग लिया, उनके डिप्टी सीएम ने मीडियाकर्मियों से कहा कि सरकार हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.”


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समारोह में क्या बोले खट्टर

खट्टर ने दिल्ली के भाजपा सांसद मनोज तिवारी और करनाल के सांसद संजय भाटिया के साथ छठ पूजा में शामिल लोगों को संबोधित किया.

उन्होंने कहा कि यह त्योहार राज्य में लगभग 300 स्थानों पर मनाया गया और 5 लाख से अधिक लोगों ने उत्सव में भाग लिया.

उन्होंने “पूर्वाचल के भाइयों और बहनों” के योगदान की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने हरियाणा के विकास में बहुत बड़ा योगदान दिया है.

खट्टर ने कहा, “यदि हरियाणा ने उद्योग और कृषि के क्षेत्र में विकास देखा है, तो यह पूर्वाचल के लोगों की कड़ी मेहनत, परिश्रम और विशेषज्ञता के कारण है, जिन्होंने राज्य के विकास में योगदान देने के लिए दिन-रात अथक परिश्रम किया.”

उन्होंने 5 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से पानीपत में तीन घाटों के निर्माण और सरकार द्वारा दी जाने वाली जमीन पर पानीपत के महराना गांव में दो नहरों के बीच एक सूर्यमंदिर के निर्माण की भी घोषणा की.

खट्टर ने मंदिर निर्माण के लिए 21 लाख रुपये के अनुदान की भी घोषणा की.

कार्यक्रम में बोलते हुए, तिवारी ने कहा कि हरियाणा की किसी भी पिछली सरकार ने राज्य में रहने वाले पूर्वाचल के लोगों की चिंताओं के बारे में कभी नहीं सोचा था, और उन्होंने इस कदम के लिए खट्टर को धन्यवाद दिया.

समारोह में 30 पूर्वाचल संघों ने खट्टर का अभिनंदन किया.

‘नजरअंदाज नहीं किया जा सकता’

पूर्वांचल परिवार समन्वय समिति, पानीपत के संयोजक पारस नाथ सिंह ने कहा कि समुदाय ने हरियाणा में एक ब्लॉक का गठन किया है जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता है.

उन्होंने कहा, “आज हरियाणा में हमारी आबादी 40 लाख से कम नहीं है और इनमें से कम से कम 10 लाख ने खुद को मतदाता के रूप में पंजीकृत कराया है. हमारे सदस्य पानीपत और फ़रीदाबाद में बड़ी संख्या में हैं. दोनों जिलों के अलावा, हमारे सदस्य गुरुग्राम, झज्जर, रोहतक, अंबाला, पंचकुला और कई अन्य जिलों में मौजूद हैं. हमारे समुदाय के सदस्यों ने राज्य के विकास में बहुत योगदान दिया है.”

उन्होंने कहा, ”खट्टर हरियाणा के पहले मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने छठ पूजा के उपलक्ष्य में राज्य स्तरीय समारोह का आयोजन किया है.”

उन्होंने आगे कहा, ”इससे पहले, पूर्व सीएम भूपिंदर सिंह हुड्डा हमारे दुर्गा पूजा कार्यक्रम में शामिल हुए थे, लेकिन वह तब सीएम नहीं थे.”

कोटा कानून पर टिप्पणी करने के लिए पूछे जाने पर सिंह ने कहा कि यह और कुछ नहीं बल्कि “सरकार का एजेंडा” है.

उन्होंने कहा, “हम शुरू से ही जानते थे कि कानून न्यायिक जांच में टिक नहीं पाएगा.”

पूर्वाचल कल्याण संघ के संयोजक मदन सिंह ‘मास्टर’ ने कहा, ”खट्टर का इशारा ठीक था, लेकिन पूर्वाचल के लोगों को उम्मीद है कि उनकी सरकार उन्हें शासन में प्रतिनिधित्व देगी.”

“जब तक हमारे लोगों को विधानसभा और नगर निगमों में आवाज नहीं मिलेगी, हमारे लोगों की आकांक्षाओं को ठीक से संबोधित नहीं किया जाएगा,” ‘मास्टर’ ने आगे कहा, जो 1991 में एक श्रमिक के रूप में पानीपत आए थे और अब शहर में अपना खुद का हथकरघा उद्योग चलाते हैं (हथकरघा उद्योग में तकनीशियनों को ‘मास्टर’ उपनाम मिलता है, उन्होंने अपना नाम समझाते हुए कहा).

उन्होंने कहा, “अगस्त 2021 में, राज्य सरकार ने मुझे पानीपत नगर निगम के लिए पार्षद के रूप में नामित किया. लेकिन कुछ ही दिनों में मुझे हटा दिया गया और एक स्थानीय नेता के दबाव में मेरी जगह किसी अन्य व्यक्ति को नामांकित कर दिया गया. लेकिन मुझे अभी भी 13-दिवसीय पार्षद के रूप में जाना जाता है.”

उन्होंने कहा कि पूर्वांचल समाज चाहता है कि भाजपा पानीपत शहर या पानीपत ग्रामीण विधानसभा सीट समुदाय के किसी सदस्य को सौंपे.

उन्होंने आगे कहा, “पानीपत में हमारे लगभग 2 लाख पूर्वाचलवासी हैं. वास्तविक जनसंख्या इससे कहीं अधिक है क्योंकि उनमें से कई लोग हरियाणा में मतदाता के रूप में पंजीकृत नहीं हैं.”

‘मास्टर’ ने कहा, ”पानीपत के किसी भी उद्योग में चले जाइए, आप पाएंगे कि इकाई के 1 या 2 मालिकों और 3 से 4 प्रबंधकों के मुकाबले, पूर्वांचल के 40 से 50 लोग होंगे जो वहां श्रमिक हैं.”

उन्होंने कोटा कानून को भी खारिज करते हुए कहा कि ऐसा कानून काम नहीं करता.

मास्टर ने कहा, “पश्चिम बंगाल में क्या हुआ, जहां उन्होंने स्थानीय निवासियों के लिए 25 प्रतिशत कोटा रखा था? ट्रेड यूनियनों के कारण उद्योग बर्बाद हो गए. यहां तक कि हरियाणा में भी, जिन उद्योगों में 50 प्रवासियों के बीच पांच स्थानीय श्रमिक हैं, उनके मालिकों को राजनीतिक हस्तक्षेप और स्थानीय नेताओं के मुद्दों का सामना करना पड़ता है.”

उन्होंने कहा कि पूर्वांचल समुदाय भी अपने लिए एक कॉलोनी की मांग कर रहा है, और बड़ी संख्या में पूर्वांचली महिलाओं को काम और बच्चों को पालने में मदद के लिए शिशुगृह के लिए प्रस्तावित, सूर्यमंदिर के पास जमीन का एक अतिरिक्त हिस्सा भी मांग रहा है.

(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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