नई दिल्ली: कांग्रेस की गुजरात इकाई की राज्य में दो राज्यसभा सीटों पर उप चुनाव एकसाथ कराने की याचिका पर सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को चुनाव आयोग को नोटिस भेजा. न्यायालय ने चुनाव आयोग से 24 जून तक जवाब देने के लिए कहा है. मामले की अगली सुनवाई 25 जून को होगी.
यह याचिका गुजरात कांग्रेस नेता परेशभाई धनानी ने दायर की है. केंद्रीय मंत्री अमित शाह और स्मृति ईरानी के राज्यसभा से इस्तीफा देने के बाद यह सीटें खाली हुई हैं.
बता दें कि चुनाव आयोग की ओर से 15 जून को जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार दोनों सीटों के लिए चुनाव पांच जुलाई को ही होने हैं. हालांकि चुनाव आयोग ने इस मामले में स्पष्ट किया है कि राज्यसभा सहित दोनों सदनों की सभी रिक्तियों पर उपचुनाव के लिए उन्हें ‘अलग-अलग रिक्तियां’ माना जाएगा और अलग-अलग अधिसूचना जारी की जाएगी तथा चुनाव भी अलग-अलग होंगे.
यह जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 147 से 151 के प्रावधानों के अनुरूप है और इस तरह के मामलों में आयोग लगातार काम कर रही है.
बता दें कि चुनाव आयोग की अधिसूचना की मुताबिक अमित शाह और स्मृति ईरानी को चुनाव जीतने का प्रमाणपत्र 23 और 24 मई को दिया गया है. इससे दोनों के चुनाव में एक दिन का अंतर होने पर आयोग ने राज्य की दोनों सीटों को अलग-अलग माना लेकिन चुनाव एक ही दिन होने की बात कही. जिसके बाद कांग्रेस ने विरोध करना शुरू कर दिया. अगर दोनों सीटों के लिए चुनाव एक ही दिन होते हैं भाजपा की जीत निश्चित होगी और वरीयता के हिसाब से वोट भी नए सिरे से तय होंगे.
क्या है चुनाव का पेंच
एक साथ चुनाव अगर होते तो एक सीट कांग्रेस को मिलती वहीं दूसरी पर भाजपा कायम रहती. विधायकों की संख्या पर अगर नजर डालें तो गुजरात में राज्यसभा का चुनाव जीतने के लिए उम्मीदवार को महज 61 वोट चाहिए. गुजरात की 182 सदस्यीय विधान सभा में भाजपा के 100 और कांग्रेस के नेतृत्व वाले विपक्ष के 75 सदस्य हैं जबकि सात स्थान रिक्त हैं.
और नियम के अनुसार एक ही बैलेट पर चुनाव से उम्मीदवार एक ही वोट डाल पाएगा ऐसी स्थिति में कांग्रेस एक सीट पर आसानी से जीत हासिल कर सकती है क्योंकि कांग्रेस के पास 71 विधायक हैं. लेकिन जब से चुनाव आयोग ने नोटिफिकेशन जारी किया है कि विधायक अलग- अलग वोट करेंगे तभी कांग्रेस पार्टी इसका विरोध कर रही है. क्योंकि बीजेपी विधायक जिनकी संख्या 100 है वह दो बार वोट डालकर आसानी से जीत दर्ज कर लेंगे.
गुजरात से राज्यसभा में 11 सांसद आते हैं. फिलहाल चार कांग्रेस के हैं और पांच भाजपा के जबकि दो सीटें खाली हैं.
चुनाव आयोग ने उपचुनाव 5 जुलाई को सुबह 9 बजे से 4 बजे तक कराने की घोषणा की है. इसी दिन वोटों की गिनती भी कर ली जाएगी.
कांग्रेस का आरोप है कि निर्वाचन आयोग भाजपा के ईशारोंं पर काम कर रहा है और इसका उपयोग राजनीतिक प्रचार के लिये कर रही है. वहीं 15 जून को अपने बयान में चुनाव आयोग ने कहा था कि दिल्ली उच्च न्यायालय के 1994 और 2009 के दो फैसलों का हवाला दिया है जिसमें जनप्रतिनिधित्व कानून के प्रावधानों के तहत एक ही राज्य में अलग अलग उपचुनाव कराने की व्यवस्था का समर्थन किया था.