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Tuesday, 24 December, 2024
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‘गुलाम नहीं आजाद,’ गुलाम नबी आज़ाद के पद्म भूषण सम्मान पर कांग्रेस नेताओं की खेमेबाजी आई सामने

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य के पद्म भूषण कबूल करने से मना करने का उल्लेख करते हुए लिखा, 'यह सही है. वह गुलाम नहीं आजाद बनना चाहते हैं.'

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नई दिल्ली : 73वें गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या केंद्र सरकार ने पद्म पुरस्कारों का ऐलान किया जिसमें कांग्रेस के दिग्गज नेता गुलाम नबी आज़ाद का भी नाम था. गुलाम नबी आज़ाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया. इस ऐलान के बाद से सोशल मीडिया पर भाजपा के नेता उनका समर्थन कर रहे हैं. वहीं कांग्रेस नेता अप्रत्यक्ष रूप से उनके ऊपर निशाना साध रहे हैं.

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बंगाल के पूर्व सीएम बुद्धदेव भट्टाचार्य के पद्म भूषण कबूल करने से मना करने का उल्लेख करते हुए लिखा, ‘यह सही है. वह गुलाम नहीं आजाद बनना चाहते हैं.’ कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने गुलाम नबी आज़ाद के ऊपर ‘गुलाम, आज़ाद नहीं’ वाक्य का इस्तेमाल करते हुए निशाना साधा.

गुलाम नबी आज़ाद कांग्रेस के जी-23 नेताओं में शामिल हैं. कई मौकों पर उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर निशाना भी साधा था और नेतृत्व परिवर्तन की पहली आवाज़ उठाई थी.

हालांकि, कांग्रेस के कुछ नेताओं जैसे कपिल सिब्बल, राज बब्बर और आनंद शर्मा ने गुलाम नबी आज़ाद को बधाई भी दी.

कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘गुलाम नबी जी को जन सेवा और संसदीय लोकतंत्र में उनके आजीवन समृद्ध योगदान के लिए योग्य सम्मान के लिए हार्दिक बधाई.’

उनके सहयोगी कपिल सिब्बल ने ट्वीट किया, ‘गुलाम नबी आजाद को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया है. बधाई हो भाईजान. यह विडंबना है कि कांग्रेस को उनकी सेवाओं की जरूरत नहीं है जबकि राष्ट्र सार्वजनिक जीवन में उनके योगदान को स्वीकार करता है.’

कांग्रेस नेता राज बब्बर ने पोस्ट में लिखा, ‘बधाई हो गुलाम नबी आजाद साहब! आप एक बड़े भाई की तरह हैं और आपका त्रुटिहीन सार्वजनिक जीवन और गांधीवादी आदर्शों के प्रति प्रतिबद्धता हमेशा एक प्रेरणा रही है. #PadmaBhushan राष्ट्र के लिए आपकी 5 दशकों की सेवा की एक आदर्श पहचान है.’

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने भी आजाद को बधाई दी.

इतना ही नहीं गुलाम नबी आज़ाद का समर्थन असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने भी किया है सिब्बल के बयान को ट्विटर पर कोट करते हुए हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा, ‘मैं गुलाम नबी आजाद को कई सालों से जानता हूं. वह प्रतिष्ठित राजनेता, सज्जन और राष्ट्रवादी हैं. आजाद जी को पद्म भूषण प्रदान करने के निर्णय के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार.’

हालांकि, पीएम मोदी और गुलाम नबी आज़ाद की केमिस्ट्री राज्यसभा का अपना कार्यकाल पूरा करके रिटायर हो रहे थे तो देखने को मिली थी प्रधानमंत्री विपक्ष के नेता की तारीफ करते हुए इतने भावुक हो उठे कि उनकी आंखों से आंसू छलक पड़े थे.

बता दें कि गुलाम नबी आजाद, कपिल सिब्बल और आनंद शर्मा सभी कांग्रेस की विद्रोही टीम ‘जी -23’ का हिस्सा रहे हैं, जिसने साल 2020 में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर कांग्रेस में परिवर्तन और जमीन पर सक्रिय संगठन की मांग की थी. इसके बाद कांग्रेस पार्टी में दरार देखने को मिली.

यही नहीं पद्म पुरस्कार के ऐलान के बाद गुलाम नबी आजाद के ट्विटर बायो से कांग्रेस का नाम हटाए जाने की अफवाह फैलने लगी. इस पर आजाद ने लिखा कि मेरे प्रोफाइल से कुछ भी हटाया या जोड़ा नहीं गया है जैसा वो पहले था वैसे ही है. कुछ लोग भ्रामक बातें फैला रहे हैं.

प्रणब मुखर्जी के बाद कांग्रेसी नेता को मिला पद्म पुरस्कार

साल 2008 के बाद पद्म पुरस्कार पाने वाले गुलाम नबी आजाद दूसरे कांग्रेसी नेता हैं. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को 2008 में पद्म विभूषण से नवाजा गया था. उस दौरान वे यूपीए सरकार में मंत्री भी थे. बता दें कि उसके बाद प्रणब मुखर्जी को 2019 में भारत रत्न सम्मान भी दिया गया.

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