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Thursday, 21 November, 2024
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कौन हैं गुजरात के नए सीएम की कैबिनेट में नौ विभाग संभाल रहे भाजपा नेता हर्ष सांघवी?

गुजरात सरकार में राज्य मंत्री सांघवी को नौ विभागों का जिम्मा मिला है जिसमें गृह, आपदा प्रबंधन और पुलिस आवास, खेल, युवा एवं सांस्कृतिक गतिविधियां, एनआरआई, उत्पाद शुल्क और निषेध, सीमा सुरक्षा और जेल आदि शामिल हैं.

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नई दिल्ली: गुजरात के नए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के मंत्रिमंडल में शामिल हर्ष सांघवी एक ऐसे मंत्री है जिन्हें संख्या में सीएम के बराबर विभागों की ही जिम्मेदारी मिली है.

सरकार में राज्य मंत्री 38 वर्षीय सांघवी को नौ विभाग आवंटित किए गए हैं—गृह, आपदा प्रबंधन और पुलिस आवास, खेल, युवा एवं सांस्कृतिक गतिविधियां, एनआरआई, आबकारी और नशाबंदी, सीमा सुरक्षा और जेल आदि. गुजरात में भाजपा के शासनकाल के दौरान सांघवी से पहले प्रदीप सिंह जडेजा, अमित शाह, हरेन पांड्या और गोवर्धन जदाफिया गृह मंत्री के तौर पर कार्यरत रह चुके हैं.

वहीं, मुख्यमंत्री पटेल ने गृह विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग, सूचना एवं प्रसारण, उद्योग, खदान और खनिज, कैपिटल प्रोजेक्ट, शहरी विकास, शहरी आवास और नर्मदा और बंदरगाह संबंधी विभाग अपने पास रखे हैं.

हर्ष सांघवी कौन हैं?

सांघवी 2012 में सबसे कम उम्र के विधायक बने थे, जब मात्र 27 साल की उम्र में वह पहली बार माजुरा निर्वाचन क्षेत्र से निर्वाचित हुए थे.

2010 से वह भाजपा युवा मोर्चा के राज्य प्रमुख बने. इससे पहले सांघवी ने अनुराग ठाकुर, जो अब सूचना एवं प्रसारण मंत्री हैं, और सांसद पूनम महाजन के साथ भी काम किया है, जब ये लोग भाजपा युवा इकाई के अध्यक्ष थे.

लेकिन कोविड महामारी के दौरान एक विधायक के तौर पर उनके काम, बेरोजगार युवाओं के लिए रोजगार मेलों के आयोजन, और अपने निर्वाचन क्षेत्र सूरत में बुक बैंक स्थापित करने के फैसले और आदिवासी क्षेत्रों में किए गए कार्यों आदि ने उन्हें गुजरात भाजपा में सबसे अधिक पसंदीदा युवा चेहरों में एक बना दिया.

वह 2014 के लोकसभा चुनाव के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के निर्वाचन क्षेत्र वाराणसी पहुंच एक बैकरूम बॉय भी थे और उन्होंने मोदी के कार्यक्रमों से पहले भारतीय प्रवासियों के साथ संपर्क स्थापित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इसने उन्हें प्रधानमंत्री मोदी, गृह मंत्री अमित शाह और भाजपा के मौजूदा प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटिल के विश्वस्त सहयोगियों में एक बना दिया.

2017 के विधानसभा चुनाव के दौरान सांघवी ने पाटिल के मार्गदर्शन में सूरत में प्रधानमंत्री मोदी का रोड शो आयोजित करने में अहम भूमिका निभाई थी. इस रोड शो में 25000 हजार बाइक पर सवार 50,000 युवाओं ने भी हिस्सा लिया था. रैली में 3डी लेजर शो शामिल था और 11 किलोमीटर लंबी एक साड़ी भी बांधी गई थी जिस पर विभिन्न सरकारी योजनाओं के नाम छपे थे.

गुजरात भाजपा के उपाध्यक्ष जनकभाई एम. पटेल ने दिप्रिंट को बताया कि सांघवी की संगठनात्मक क्षमताओं ने प्रधानमंत्री को काफी प्रभावित किया है.

उन्होंने कहा, ‘सांघवी ने केवल संगठनात्मक कार्य ही नहीं किया, बल्कि महामारी की पहली और दूसरी लहर के दौरान किए उनके सामाजिक कार्य भी सराहनीय रहे हैं. वे पहले विधायक थे जिन्होंने सूरत नगर निगम हॉल में 200 आइसोलेशन वार्ड शुरू कराए. तमाम उपकरणों से लैस उनके आइसोलेशन वार्ड देखकर अन्य विधायकों ने भी उनका अनुसरण किया. दूसरी लहर के दौरान उन्हें पीपीई किट पहनकर अस्पतालों का दौरा करते देखा गया, और उन्होंने गंभीर रोगियों के लिए ऑक्सीजन सिलेंडर और बेड की व्यवस्था की.’

पटेल ने बताया कि अपने क्षेत्र में ऐसे लोगों के लिए बुक बैंक स्थापित करने के फैसले, जो किताबें खरीदने में सक्षम नहीं है, और हर साल किए जाने वाले रोजगार मेलों के आयोजन ने सांघवी को राज्य में एक यूथ आइकन बना दिया है.

हालांकि, सांघवी कोविड की दूसरी लहर के दौरान उस समय विवादों में भी घिर गए जब एंटी-वायरल ड्रग रेमेडिसिविर की कमी के बीच इस नेता ने 5,000 रेमेडिसिविर इंजेक्शन मुफ्त में बांटे थे.

बाद में उन्होंने गुजरात हाई कोर्ट को बताया कि सूरत स्थित भाजपा के कार्यालय की तरफ से ‘दया और मानवता’ के नाते से जरूरतमंद मरीजों को एंटी-वायरल दवा की शीशियां बांटी गई थीं.


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सूरत—एक महत्वपूर्ण निर्वाचन क्षेत्र

दिप्रिंट ने जिन अन्य भाजपा नेताओं ने बात की उनका कहना था कि सांघवी की तरफ से युवाओं और आदिवासियों के लिए किया गया काम ही उनकी सफलता का कारण है.

उन्हें ‘बेहद कर्मठ’ बताते हुए राज्य के भाजपा नेता संदीप ने बताया कि कैसे सांघवी ने आदिवासी क्षेत्रों में सिकल सेल एनीमिया पर काम करना शुरू किया, क्योंकि उनके एक दोस्त की इस बीमारी के कारण मौत हो गई थी.

भाजपा के एक अन्य नेता ने कहा कि मोदी के विदेश दौरों से पहले भारतीय प्रवासियों तक संपर्क बनाने में सांघवी की भागीदारी, चाहे वह उनकी 2014 की ऑस्ट्रेलिया यात्रा हो या 2017 की इजराइल यात्रा, 38 वर्षीय इस नेता की राजनीतिक सफलता के पीछे एक बड़ा फैक्टर है.

हालांकि, गुजरात के एक पूर्व मंत्री ने कहा कि पाटिल ने सुनिश्चित किया कि सांघवी को 2022 के विधानसभा चुनाव से पहले राज्य, खासकर सूरत में प्रशासन पर नजर रखने के लिए गृह विभाग मिले.

सूरत भाजपा के लिए बेहद अहम है क्योंकि यह 2015-16 में यही पाटीदार आरक्षण आंदोलन का केंद्र था.

सीएम पटेल की कैबिनेट में सूरत के चार मंत्री शामिल हैं—पूर्णेश मोदी, हर्ष सांघवी, वीनू मोर्डिया और मुकेश पटेल. यहां तक कि पाटिल और रेलवे राज्य मंत्री दर्शन जरदोश भी सूरत से ही हैं.

भाजपा के वरिष्ठ नेताओं का यह भी कहना है कि सांघवी को गृह विभाग आवंटित करने का भाजपा का फैसला एक राजनीतिक संदेश है, साथ ही जोड़ा कि राज्य के गृह मंत्री के पद के लिए उनके नाम पर निर्णय लेने वालों—मोदी, शाह और पाटिल—के बीच आम सहमति थी.


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