नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के एक गुर्जर मुस्लिम नेता गुलाम अली खटाना को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को राज्य सभा के लिए मनोनीत किया.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के आदिवासी मोर्चे और अल्पसंख्यक मोर्चे के नेता, जम्मू-कश्मीर के लिए पार्टी प्रवक्ता, और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक कार्यकर्ता, 51 वर्षीय गुलाम अली ऊपरी सदन के लिए मनोनीत होने वाले पहले गुर्जर मुसलमान हैं.
गृह मंत्रालय की ओर से जारी एक नोटिफिकेशन में कहा गया, ‘भारत के संविधान के अनुच्छेद 80 के खंड (1) के उप-खंड (ए) में दी गई शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए, जो उसी अनुच्छेद के खंड (3) में शामिल है, राष्ट्रपति एक मनोनीत सदस्य के सेवानिवृत्त होने से रिक्त हुई जगह को भरने के लिए गुलाम अली को राज्य सभा के लिए नामित करती हैं.’
खटाना ने, जो जम्मू से आते हैं, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है और वो छात्र राजनीति में सक्रिय हुआ करते थे. एक बड़े राजनीतिक मंच पर उनका पदार्पण 2001 में हुआ, जब वो जम्मू-कश्मीर नेशनल पैंथर्स पार्टी में शामिल हुए.
टेलीफोन पर हुए एक इंटरव्यू में उन्होंने दिप्रिंट को बताया, ‘मैं राजा हरि सिंह से प्रेरित था, जो एक महान सुधारक थे, और लोगों के लिए काम करना चाहता था. कुछ साल पैंथर्स पार्टी में गुज़ारने के बाद मुझे अपने आधार को विस्तार देने की ज़रूरत महसूस हुई और मैं आरएसएस के साथ जुड़ गया’.
खटाना 2008 में बीजेपी में शामिल हुए और उन्होंने दो साल तक संगठन के लिए काम किया, जिसके बाद वो बीजेपी में चले गए, जहां उन्हें बीजेपी अल्पसंख्यक मोर्चे तथा आदिवासी मोर्चे का प्रभारी बना दिया गया.
उन्होंने कहा, ‘2010 में आखिरकार मैं बीजेपी में शामिल हो गया और तभी से मैंने उत्तर प्रदेश, जम्मू, गुजरात और कई दूसरे सूबों में आदिवासी मोर्चे के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य के रूप में काम किया है. मैं अल्पसंख्यक मोर्चे का भी एक प्रमुख सदस्या था और मैंने आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों, दलितों, आदिवासियों, तथा अन्य लोगों के साथ मिलकर जमीनी स्तर पर काम किया है’.
उन्होंने आगे कहा, ‘हमेशा से मेरा उद्देश्य बीजेपी को जेएंडके में एक मुख्यधारा की राजनीतिक पार्टी बनाने की दिशा में काम करना रहा है’.
खटाना बीजेपी के जेएंडके सचिव, जम्मू में डोडा और रामबन के मुस्लिम-बहुल इलाकों के प्रभारी और पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता भी रहे हैं.
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‘बेहद खुश हूं कि मेरे जैसे मामूली पार्टी कार्यकर्ता को नामित किया गया’
राज्य सभा के लिए मनोनीत किए जाने के बारे में बात करते हुए, खटाना ने कहा उन्हें ‘बेहद खुशी’ महसूस हो रही है.
उन्होंने कहा, ‘मैंने कभी ईनाम की परवाह नहीं की है. मैं अपना काम करने में यकीन रखता हूं और ये शायद उसी का फल है कि मेरे जैसे एक मामूली पार्टी कार्यकर्ता को ऐसे पद के लिए नामित किया गया है. जब (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी सत्ता में आए तब उन्होंने कहा था कि उपेक्षित समुदायों को राजनीतिक रूप से सशक्त किया जाएगा और अब वो यही कर रहे हैं’.
उन्होंने कहा, ‘मेरे लिए पार्टी (बीजेपी) परिवार से पहले आती है और मैं पार्टी नेतृत्व का आभारी हूं कि उसने मुझे आदिवासियों और अल्पसंख्यक वर्गों के लिए काम करने का मौका दिया’.
खटाना ने कहा कि इससे दूसरे पार्टी कार्यकर्ता भी दोगुनी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित होंगे. उन्होंने कहा, ‘पार्टी कार्यकर्ता जानते हैं कि अगर वो ईनाम की उम्मीद रखे बिना निस्वार्थ भाव से सेवा करते रहेंगे, तो वो निगाहों में जरूर आएंगे’.
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