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Friday, 22 November, 2024
होमराजनीति‘बाबरी को किसने गिराया’ महाराष्ट्र में नई लड़ाई, शिवसेना, BJP & MNS में लगी श्रेय लेने की होड़

‘बाबरी को किसने गिराया’ महाराष्ट्र में नई लड़ाई, शिवसेना, BJP & MNS में लगी श्रेय लेने की होड़

महाराष्ट्र में हिंदुत्व की अपनी साख को लेकर BJP और MNS ने, शिव सेना के लंबे समय से चले आ रहे इस नैरेटिव को चुनौती दी है कि वो बाबरी मस्जिद गिराने के लिए ज़िम्मेवार थी.

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मुम्बई: इस रस्साकशी में कि किसका हिंदुत्व ज़्यादा शुद्ध है, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (एमएनएस) शिवसेना के लंबे समय से चले आ रहे इस दावे को निशाना बना रही हैं, कि उसके सदस्यों ने ही अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिराया था.

पिछले सप्ताह में बीजेपी नेता प्रतिपक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एमएनएस विधायक राजू पाटिल ने 1992 में बाबरी मस्जिद को गिराने का श्रेय लेने के लिए शिव सेना पर खुला हमला बोला है.

रविवार को मुम्बई में एक रैली में बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि वो उस जगह मौजूद थे जब ढांचे को गिराया गया, और उन्होंने आरोप लगाया कि वहां पर ‘एक भी शिवसेना नेता नज़र नहीं आया था’.

इसी तरह पाटिल ने, जो कल्याण ग्रामीण से एमएनएस विधायक हैं, पिछले साल एक ट्वीट में एक बजरंग दल पदाधिकारी का ये कहते हुए हवाला दिया कि जिस समय बाबरी मस्जिद को गिराया गया, उस समय शिवसेना का कोई सदस्य मौजूद नहीं था.

शिवसेना हमेशा से यही कहती आ रही है कि उसके सदस्य ही बाबरी मस्जिद गिराने के ज़िम्मेवार थे.

अगस्त 2020 में राम मंदिर के लिए भूमिपूजन समारोह के दिन, जिसके लिए शिवसेना का कोई नेता आमंत्रितों की सूची में नहीं था, पार्टी ने सोशल मीडिया पर ‘धन्यवाद बालासाहेब’ के हैशटैग से एक अभियान चलाया था, जिसका आशय सेना संस्थापक बाल ठाकरे से था.

पार्टी के मुखपत्र सामना में, शिवसेना नेतृत्व ने एक संपादकीय भी प्रकाशित किया, जिसमें सबसे ऊपर बाल ठाकरे का ये कहते हुए हवाला दिया गया था, ‘बाबरी पड़ली ती पदनारया शिव सैनिकांचा माला अभिमान आहे (मुझे उन शिव सैनिकों पर गर्व है जिन्होंने बाबरी मस्जिद को गिराया था)’.

शिवसेना अध्यक्ष और महाराष्ट्र मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने पिछले सोमवार को मुम्बई में एक परियोजना के उद्घाटन के अवसर पर बाबरी मस्जिद को गिराए जाने में अपनी पार्टी की भूमिका को याद किया था. सीएम ठाकरे ने बीजेपी पर तंज़ करते हुए ये भी कहा था कि बाबरी मस्जिद विध्वंस के समय उसके पार्टी सदस्य रेंगकर बिलों में घुस गए थे.

शिवसेना, बीजेपी और एमएनएस तीनों के बीच, अपने अपने हिंदुत्व की साख का प्रदर्शन करने की होड़ रही है, जो पिछले एक महीने में और तेज़ हो गई है.


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‘हमारी ग़लती सिर्फ ये रही कि हमने श्रेय नहीं लिया’

रविवार को बीजेपी की एक रैली में बोलते हुए फडणवीस ने कहा कि जो लोग मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटवाने से ‘डर रहे हैं’, वो बाबरी मस्जिद गिराने का श्रेय लेने की कोशिश कर रहे हैं.

फडणवीस ने कहा, ‘मैं देवेंद्र फडणवीस ढांचे को गिराने के लिए वहां मौजूद था. और…उससे पहले वहां पर राम मंदिर (प्रचार) के लिए कार सेवा के दौरान मैंने 18 दिन जेल में बिताए थे’.

उन्होंने आगे कहा: ‘कौन सा महाराष्ट्र नेता वहां उपस्थित था जब बाबरी गिराई गई? वहां पर शिवसेना का एक भी नेता मौजूद नहीं था, एक भी नहीं था. बाबरी के गिरने के बाद कुल 32 लोग अभियुक्त बनाए गए. इन 32 अभियुक्तों में मुझे महाराष्ट्र से आपका एक भी नेता नज़र नहीं आता’.

फडणवीस ने आगे दावा किया कि बीजेपी की ग़लती बस ये थी, कि उसने अपना प्रचार नहीं किया और अनुशासन को नहीं तोड़ा. उनके अनुसार एक बार जब मस्जिद गिरा दी गई, तो बीजेपी और उससे जुड़े विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) जैसे संगठनों ने संयुक्त रूप से फैसला किया, कि वो बाबरी मस्जिद के विध्वंस का श्रेय नहीं लेंगे.

महाराष्ट्र की महा विकास अघाड़ी (एमवीए) गठबंधन सरकार में शिवसेना के कांग्रेस तथा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के साथ गठबंधन पर छिपे तौर पर तंज़ करते हुए फडणवीस ने कहा, ‘ये तय किया गया कि जिन्होंने इस काम को किया वो सब राम सेवक थे, कार सेवक थे…और आप अब उन लोगों के साथ बैठे हैं जिन्होंने राम का विरोध किया था, और सवाल उठाए थे कि क्या राम वास्तव में थे भी या नहीं’.

एमएनएस विधायक पाटिल ने पिछले हफ्ते शिवसेना पर परोक्ष रूप से हमला करते हुए, एक ट्वीट में बजरंग दल की मुम्बई इकाई के अध्यक्ष शंकर गायकर का हवाला दिया जिसमें मराठी में कहा गया था: ‘मैं अपने लोगों के साथ बाबरी मस्जिद के ऊपर चढ़ा था और हमने उस ढांचे को गिराया. अगर ये साबित हो जाए कि कोई शिव सैनिक वहां मौजूद था, तो मैं उनके लिए अपना जीवन बलिदान करने के लिए तैयार हूं’.

गायकर के हवाले के साथ पाटिल ने जोड़ा: ‘आयतया पिठावर रेगोतया मारनारयांचा माहिति साथी (ये उन लोगों की सूचना के लिए है जो अपनी लाइनें दूसरों से लेते हैं)’- ये कटाक्ष उन लोगों पर था जो कथित तौर पर दूसरों के काम का अनुचित श्रेय ले रहे हैं.


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‘शिवसेना की भागीदारी साबित करने के लिए बहुत से दस्तावेज़’

शिवसेना एमएलसी मनीषा कायंडे ने दिप्रिंट से कहा कि बहुत सारे दस्तावेज़ और आख़बारों की कतरनें हैं, जिनमें दिखाया गया है कि बाबरी स्थल पर बहुत से शिवसेना सदस्य मौजूद थे जब कई दूसरे पुलिस की हिरासत में थे.

बीजेपी की ओर इशारा करते हुए कायंडे ने कहा, ‘जो लोग अब बाबरी मस्जिद गिराने का श्रेय लेने का प्रयास कर रहे हैं, उन्होंने जांच आयोग के सामने ये रुख़ इख़्तियार किया था, कि उनका उससे कोई लेना-देना नहीं था. तो फिर वो अब श्रेय क्यों ले रहे हैं?’

उन्होंने आगे कहा कि जहां तक एमएनएस का सवाल है, तो उनके बहुत से नेता उस समय शिवसेना सदस्य थे जब बाबरी मस्जिद गिराई गई थी. एमएनएस का गठन 2006 में हुआ था.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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