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Monday, 20 October, 2025
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नीलेश घैवाल कहां है? फरार पुणे गैंगस्टर के राजनीतिक लिंक्स ने महाराष्ट्र में सियासी बहस छेड़ दी है

ऐसा माना जाता है कि घईवाल 2000 के दशक की शुरुआत में अंडरवर्ल्ड में शामिल हो गया था. उसके खिलाफ लुकआउट सर्कुलर (एलओसी) जारी किया गया है.

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मुंबई: नीलेश घैवाल कहां है और उसका महाराष्ट्र की राजनीति से क्या संबंध है? यह सवाल राज्य में राजनीतिक टकराव का कारण बन गया है. सत्ता पक्ष ‘महायुति’ और विपक्षी ‘महा विकास आघाडी’ (एमवीए) के नेता इस मुद्दे पर एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.

18 सितंबर को पुणे के कोथरुड इलाके में हुए रोड रेज (सड़क झगड़े) की घटना ने घैवाल और उसके गिरोह के सदस्यों पर सवाल खड़े कर दिए हैं. गिरोह के छह लोगों ने रास्ते को लेकर दो स्थानीय लोगों से झगड़ा किया और 36 वर्षीय प्रकाश धुमाल और 19 वर्षीय एक अन्य युवक पर गोली चला दी. दोनों घायल हुए. सभी आरोपी मौके से फरार हो गए, लेकिन पुलिस ने बाद में पांच आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया.

पुलिस के अनुसार, आरोपी नीलेश घैवाल के साथी हैं. घैवाल पुणे का कुख्यात गैंगस्टर है, जो बीते दो दशकों से सक्रिय है और माना जाता है कि उसके राजनीतिक संबंध भी हैं. पुणे में हुई इस फायरिंग की घटना पर मामला दर्ज किया गया है. इस घटना ने स्थानीय लोगों और नेताओं दोनों को हिला दिया है.

घैवाल पर हत्या, हत्या की कोशिश और वसूली जैसे दर्जनभर से ज्यादा गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं. वह फिलहाल जमानत पर बाहर था और अब फरार है.

शक है कि वह विदेश भाग गया है, इसलिए उसके खिलाफ ‘लुक आउट सर्कुलर’ (LOC) जारी किया गया है. पुलिस यह भी जांच कर रही है कि उसने पासपोर्ट और वीजा कैसे हासिल किया. पुणे पुलिस ने बताया कि घैवाल के खिलाफ महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) लगाया गया है और अपराध शाखा उसकी जांच कर रही है.

पुणे पुलिस ने यह भी कहा है कि वे घैवाल की संपत्तियों की जांच कर रहे हैं और उसके नाम पर दर्ज 10 फ्लैट सील किए जाएंगे.

इंटरपोल ने घैवाल के खिलाफ ‘ब्लू कॉर्नर नोटिस’ जारी किया है और उसका पासपोर्ट रद्द करने की कोशिशें की जा रही हैं.

नीलेश घैवाल कौन हैं?

नीलेश घैवाल महाराष्ट्र के कर्जत-जामखेड़ इलाके के सोनेगांव गांव का रहने वाला है और उसने मास्टर डिग्री हासिल की है.

माना जाता है कि घैवाल ने 2000 के शुरुआती दशक में गैंगस्टर गजानन मर्ने के साथ काम करना शुरू करने के बाद अंडरवर्ल्ड की राह पकड़ ली. मर्ने और घैवाल दोनों को एक हत्या के मामले में सात साल की सजा हुई थी. सजा पूरी करने के बाद दोनों अलग हो गए.

इसके बाद घैवाल ने अपना खुद का गैंग बनाया. उसने वसूली का रैकेट चलाया और पुणे व आसपास के जिलों—अहिल्यानगर, बीड़ और धाराशिव—में हत्या, हत्या की कोशिश और आर्म्स एक्ट के तहत कई मामले दर्ज हुए.

घैवाल से जुड़ा एक मामला दत्तवाड़ी फायरिंग का है, जिसमें प्रतिद्वंदी मर्ने गैंग के सदस्य सचिन कुदले की मई 2010 में हत्या कर दी गई थी. घैवाल को जून 2010 में गिरफ्तार किया गया था और 30 सहयोगियों के साथ उस पर महाराष्ट्र कंट्रोल ऑफ ऑर्गनाइज्ड क्राइम एक्ट (MCOCA) के तहत मामला दर्ज किया गया था. सात साल जेल में बिताने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने घैवाल को जमानत दी. 2019 में विशेष MCOCA अदालत ने गवाहों के मुकर जाने के कारण घैवाल और अन्य आरोपियों को बरी कर दिया, क्योंकि अभियोजन पक्ष आरोप साबित नहीं कर सका.

घैवाल का भाई सचिन भी इस मामले में आरोपी था. इसके बाद भी घैवाल पर कई गंभीर मामले चले, लेकिन 2023 में उसे कई मामलों में जमानत मिलने के बाद जेल से रिहा कर दिया गया.

राजनीतिक घमासान

घैवाल के फरार होने की खबरें सामने आने के बाद, महाराष्ट्र में विपक्ष ने उस पर सत्तारूढ़ गठबंधन से संबंध होने का आरोप लगाया है और महायुति नेताओं के साथ उसकी तस्वीरें दिखाकर सवाल उठाए हैं.

पिछले हफ्ते यह राजनीतिक विवाद तब और बढ़ गया जब जांच में यह सामने आया कि देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में गृह राज्यमंत्री और शिवसेना विधायक योगेश कदम ने सचिन घैवाल को हथियार का लाइसेंस देने की अनुमति दी थी.

शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (एसपी) के हमले के बाद कदम ने सफाई देते हुए कहा कि जब सचिन घैवाल ने हथियार के लाइसेंस के लिए आवेदन किया था, तब उसके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं था.

हालांकि, कदम के पिता रामदास कदम ने यह कहकर नया विवाद खड़ा कर दिया कि यह अनुमति विधानसभा में “एक उच्च पद पर बैठे व्यक्ति” की सलाह पर दी गई थी.

शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने पिछले हफ्ते मीडिया से कहा, “रामदास कदम ने बीजेपी नेता की ओर इशारा किया है. उसी के निर्देश पर योगेश कदम ने फायरिंग मामले के आरोपी के भाई को गन लाइसेंस दिया, जबकि पुणे पुलिस आयुक्त ने इस आवेदन को खारिज कर दिया था.”

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हालांकि कहा कि अंतिम लाइसेंस अभी पुलिस के पास लंबित है. उन्होंने मीडिया से कहा, “अनुमति दी ही नहीं गई, तो आरोपों का सवाल ही नहीं उठता.”

बीजेपी नेता और विधान परिषद अध्यक्ष राम शिंदे और एनसीपी (एसपी) के कर्जत-जामखेड़ विधायक रोहित पवार के बीच भी घैवाल को लेकर जुबानी जंग जारी है.

पिछले हफ्ते एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में रोहित पवार ने आरोप लगाया कि राम शिंदे ने योगेश कदम पर दबाव डालकर सचिन घैवाल को हथियार का लाइसेंस दिलवाया. उन्होंने यह भी कहा कि राम शिंदे ने नीलेश घैवाल को फर्जी पासपोर्ट पर लंदन भागने में मदद की. इसके जवाब में राम शिंदे ने रोहित पवार पर हमला करते हुए कहा कि 2019 के विधानसभा चुनावों के दौरान रोहित और उनके परिवार का घैवाल से संपर्क था.

राम शिंदे ने मीडिया से कहा कि 2019 में उन्हें हराने के लिए रोहित के पिता ने घैवाल से मुलाकात की थी और यह गैंगस्टर रोहित की मां द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में भी दिखाई दिया था.

शिवसेना नेता रविंद्र धंगेकर और बीजेपी विधायक चंद्रकांत पाटिल के बीच भी घैवाल को लेकर विवाद जारी है. दोनों दल सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा हैं.

धंगेकर ने अप्रत्यक्ष रूप से पाटिल पर अपने सहयोगी समीर पाटिल के जरिए घैवाल से संबंध होने का आरोप लगाया है. उन्होंने समीर पर घैवाल को फर्जी पासपोर्ट दिलाने और चंद्रकांत पाटिल पर देश से बाहर भेजने में मदद करने का आरोप लगाया है.

बदले में, भाजपा नेताओं ने कथित तौर पर धंगेकर पर लगाम लगाने की मांग की है.

दिप्रिंट ने धंगेकर, पाटिल, पवार और शिंदे से कॉल के जरिए संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन रिपोर्ट प्रकाशित होने तक कोई जवाब नहीं मिला. जैसे ही जवाब मिलेगा, रिपोर्ट को अपडेट किया जाएगा.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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