नई दिल्ली: पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस रविवार रात को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचे. पश्चिम बंगाल में पंचायत चुनावों के दौरान व्यापक हिंसा को लेकर राज्यपाल बोस केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर सकते हैं.
नई दिल्ली की अपनी यात्रा के उद्देश्य के बारे में एक सवाल पर, सीवी आनंद बोस ने संवाददाताओं से कहा, “मैं यहां एक सामान्य उद्देश्य से आया था. एक छात्र के रूप में, मैंने तमसो मा ज्योतिर्गमय के बारे में सुना था, किसी ने मुझे बताया था कि यह अंत में प्रकाश के बारे में था. एक विनम्र छात्र के रूप में, मैं अपने प्रोफेसरों से पूछना चाहता था कि इसका क्या मतलब है.”
मतदान के दिन हिंसा की कई घटनाएं सामने आईं, जिसका असर पूरे राज्य में पंचायत चुनावों पर पड़ा. इस बीच, पश्चिम बंगाल राज्य चुनाव आयोग ने रविवार को कहा कि पुलिस ने राज्य भर में चुनाव संबंधी हिंसा में 10 लोगों की मौत की पुष्टि की है.
इससे पहले, रविवार को राज्य चुनाव आयोग (एसईसी) ने पांच जिलों के 697 बूथों पर 10 जुलाई को पुनर्मतदान की घोषणा की थी.
राज्य चुनाव पैनल ने बताया कि पुरुलिया, बीरभूम, जलपाईगुड़ी, नादिया और दक्षिण 24 परगना जिलों में सोमवार को पुनर्मतदान होगा.
इससे पहले, पश्चिम बंगाल भाजपा के राज्य महासचिव जगन्नाथ चट्टोपाध्याय ने राज्य चुनाव आयोग को 8 जुलाई के मतदान को शून्य घोषित करने और नए सिरे से पंचायत चुनाव कराने के लिए लिखा था.
“आपको याद होगा कि कल भाजपा के पश्चिम बंगाल प्रतिनिधिमंडल ने आपसे मुलाकात की थी और आपसे उन बूथों की पहचान करने के लिए सीसीटीवी/वीडियो फुटेज की समीक्षा करने के लिए कहा था, जहां बूथ, लूटपाट, मतदान अधिकारियों को भाग लेते/धांधली में मदद करते हुए देखा गया था/जहां भाजपा उम्मीदवारों के एजेंट्स को जबरदस्ती पोलिंग स्टेशन छोड़ने को मजबूर किया गया. पत्र में कहा गया.”
30 में से 20 जिलों में त्रिस्तरीय पंचायत चुनावों में व्यापक हिंसा, मतपत्रों की लूट और धांधली हुई.
मुर्शिदाबाद, कूच बिहार, मालदा, दक्षिण 24 परगना, उत्तरी दिनाजपुर और नादिया जैसे कई जिलों से बूथ कैप्चरिंग, मतपेटियों को नुकसान पहुंचाने और पीठासीन अधिकारियों पर हमले की खबरें आईं.
राज्य में कड़ी सुरक्षा के बीच पंचायत चुनाव के लिए मतदान 8 जुलाई को सुबह 7 बजे शुरू हुआ था. अनुमानित 5.67 करोड़ मतदाताओं ने पश्चिम बंगाल के ग्रामीण इलाकों में 73,887 सीटों के लिए 2.06 लाख उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला किया था.
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