कोलकाता. पश्चिम बंगाल में तृणमूल कांग्रेस और ममता बनर्जी के मूल चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने कहा है कि आगामी चुनाव भारत में लोकतंत्र की प्रमुख लड़ाई है. उन्होंने ये भी कहा कि ‘पश्चिम बंगाल अपनी बेटी को ही चुनेगा.’
उन्होंने कहा, ‘बंगाल का चुनाव भारत में लोकतंत्र की लड़ाइयों में से एक होगी. बंगाल के लोग अपना संदेश देने के लिए तैयार हैं और सही कार्ड – बांग्ला निजेर मेये के चाय – के प्रदर्शन के लिए कमर कस चुके हैं.’
बीजेपी के प्रदर्शन पर की थी भविष्यवाणी
चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने इससे पहले संकेत दिया था कि अगर बीजेपी उनकी भविष्यवाणी से ज्यादा बेहतर प्रदर्शन कर लेगी तो वे ट्विटर छोड़ देंगे.
दिसंबर में किशोर ने ट्वीट किया था, ‘समर्थन करने वाली सारी मीडिया द्वारा बढ़ाचढ़ा कर पेश करने के बाद भी वास्तव में बीजेपी को डबल डिजिट का आंकड़ा पार करने में संघर्ष करना पड़ेगा. इस ट्वीट को नोट करके रख लीजिए और अगर बीजेपी इससे कुछ भी बेहतर करती है तो यहां से हट जाऊंगा.’
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आठ चरणों में होंगे पश्चिम बंगाल में चुनाव
बता दें कि पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से शुरू होकर आठ चरणों में चुनाव संपन्न होंगे. 16वीं विधानसभा का कार्यकाल 30 मई को खत्म हो रहा है. कुल 7,34,07,832 मतदाता 17वीं विधानसभा के लिए अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करेंगे.
एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए मुख्य चुनाव अधिकारी सुनील अरोरा ने बताया, ‘पश्चिम बंगाल में आठ चरणों में चुनाव आयोजित किया जाएगा. पहले चरण में 30 विधानसभा सीटों के लिए 27 मार्च को चुनाव कराए जाएंगे.’
इसी तरह से दूसरे चरण में भी चार जिलों के तीस विधानसभा सीटों के लिए 1 अप्रैल से चुनाव करवाए जाएंगे. तीसरे चरण में तीन जिलों में 31 विधानसभा सीटों पर 6 अप्रैल को और चौथे चरण में 10 अप्रैल को पांच जिलों में 33 विधानसभा सीटों के लिए मतदान करवाए जाएंगे.
वहीं पांचवें चरण में 17 अप्रैल को 6 जिलों के 45 विधानसभा सीटों के लिए और छठें चरण में 22 अप्रैल को चार जिलों के 43 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव होगा.
सातवें चरण में 26 अप्रैल को 36 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव करवाए जाएंगे जबकि आठवें और अंतिम चरण में 29 अप्रैल को 35 विधानसभा सीटों के लिए चुनाव करवाए जाएंगे.
बंगाल में होगा त्रिकोणीय मुकाबला
इस बार पश्चिम बंगाल में टीएमसी, कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन और बीजेपी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है. जहां ममता बनर्जी तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने की तैयारी में हैं वहीं बीजेपी ने 294 विधानसभा सीटों में से 200 सीटों पर कब्जा जमाने का लक्ष्य बना रखा है.
कांग्रेस और लेफ्ट ने चुनावपूर्व गठबंधन कर लिया है और सीट के बंटवारे को लेकर भी सहमति हो गई है. वे हाल ही में प्रभावशाली अल्पसंख्यक नेता अब्बास सिद्दीकी द्वारा बनाई गई इंडियन सेक्युलर फ्रंट के साथ भी संपर्क में हैं.
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