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Sunday, 21 December, 2025
होमराजनीति'संसद और सड़कों पर कड़ा विरोध करेंगे': MNREGA के नाम बदलने पर मल्लिकार्जुन खड़गे का BJP पर हमला

‘संसद और सड़कों पर कड़ा विरोध करेंगे’: MNREGA के नाम बदलने पर मल्लिकार्जुन खड़गे का BJP पर हमला

इस कानून के तहत केंद्रीय और राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषदों के साथ-साथ राष्ट्रीय और राज्य स्तर की संचालन समितियां भी बनाई जाएंगी, जो इसके क्रियान्वयन की निगरानी करेंगी.

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नई दिल्ली: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सोमवार को संसद में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) की जगह नया विधेयक पेश किए जाने के बाद सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी पर तीखा हमला बोला. उन्होंने इसे MGNREGA को खत्म करने की “बीजेपी-आरएसएस की साजिश” बताया.

एक्स पर एक पोस्ट में खड़गे ने आरोप लगाया कि यह कदम ग्रामीण रोजगार की इस प्रमुख योजना को कमजोर करने और अंततः खत्म करने की बड़ी कोशिश का हिस्सा है.

खड़गे ने एक्स पर लिखा, “यह सिर्फ महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम का नाम बदलने की बात नहीं है. यह MGNREGA को खत्म करने की बीजेपी-आरएसएस की साजिश है. संघ के शताब्दी वर्ष में गांधी का नाम मिटाना दिखाता है कि वे लोग कितने खोखले और पाखंडी हैं, जो मोदी जी की तरह विदेश की धरती पर बापू को फूल चढ़ाते हैं. जो सरकार गरीबों के अधिकारों से घबराती है, वही MGNREGA पर हमला करती है.”

कांग्रेस चुप नहीं बैठेगी, इस पर जोर देते हुए खड़गे ने कहा कि पार्टी गरीबों और मजदूरों के खिलाफ किसी भी फैसले का संसद के भीतर और बाहर विरोध करेगी.

पोस्ट में कहा गया, “कांग्रेस पार्टी इस घमंडी सरकार के गरीबों और मजदूरों के खिलाफ किसी भी फैसले का संसद में और सड़कों पर जोरदार विरोध करेगी. हम सत्ता में बैठे लोगों को करोड़ों गरीबों, मजदूरों और कामगारों के अधिकार छीनने नहीं देंगे.”

यह बयान ऐसे समय आया है, जब केंद्र सरकार ने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी विधेयक (MGNREGA) की जगह विकसित भारत – गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण): VB-G RAM G बिल, 2025 पेश किया है. यह दो दशक पुरानी MGNREGA की जगह एक आधुनिक, बुनियादी ढांचे पर केंद्रित और डिजिटल रूप से संचालित वैधानिक प्रणाली लाने का प्रस्ताव करता है, जो विकसित भारत 2047 के विजन के अनुरूप है.

विकसित भारत–गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल, 2025 का उद्देश्य ग्रामीण विकास को विकसित भारत 2047 के विजन से जोड़ना है. इसमें सशक्तिकरण, विकास, समन्वय और संतृप्ति पर जोर देकर समृद्ध और मजबूत ग्रामीण भारत बनाने की बात कही गई है.

इस विधेयक के तहत सार्वजनिक कार्यों को एकत्र कर विकसित भारत राष्ट्रीय ग्रामीण अवसंरचना स्टैक बनाया जाएगा. इसमें जल सुरक्षा, मुख्य ग्रामीण अवसंरचना, आजीविका से जुड़े प्रोजेक्ट और जलवायु-लचीली पहल को प्राथमिकता दी जाएगी. इसका उद्देश्य कृषि के व्यस्त मौसम में पर्याप्त कृषि श्रमिक उपलब्ध कराना और एकीकृत व संतृप्ति आधारित योजना के लिए विकसित ग्राम पंचायत योजनाओं को संस्थागत रूप देना भी है.

इन योजनाओं को पीएम गति शक्ति से जोड़ा जाएगा. यह भू-स्थानिक प्रणालियों पर आधारित डिजिटल पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर और जिला व राज्य स्तर की योजना व्यवस्थाओं से संचालित होंगी.

विधेयक में आधुनिक डिजिटल शासन ढांचे का प्रावधान है. इसमें बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण, जीपीएस और मोबाइल आधारित निगरानी, रियल-टाइम डैशबोर्ड, सक्रिय खुलासे और योजना, ऑडिट व धोखाधड़ी जोखिम कम करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस टूल शामिल हैं.

विधेयक में प्रमुख परिभाषाओं में वयस्क सदस्य (एक वर्ष या उससे अधिक आयु), परिवार, ब्लॉक, कार्यान्वयन एजेंसियां, अकुशल शारीरिक श्रम और विकसित ग्राम पंचायत योजना शामिल हैं.

इस कानून के तहत केंद्रीय और राज्य ग्रामीण रोजगार गारंटी परिषदों के साथ-साथ राष्ट्रीय और राज्य स्तर की संचालन समितियां भी बनाई जाएंगी, जो इसके क्रियान्वयन की निगरानी करेंगी.


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