नई दिल्ली: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान द्वारा रविवार को नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को सोमवार सुबह 11.30 बजे तक इस्तीफा सौंपने के आदेश के बाद विवाद का दौर शुरू हो गया है. राज्य के मुख्यमंत्री पिनराई विजयन ने खुद सामने आकर राज्यपाल के इस कदम की आलोचना की है और कहा है कि खान राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ (आरएसएस) के एजेंड के तौर पर काम कर रहे हैं.
सीएम विजयन ने कहा कि राज्यपाल के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है. उन्होंने उन पर संविधान और लोकतंत्र के विरुद्ध काम करने का आरोप लगाया.
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल का कदम लोकतांत्रिक रूप से निर्वाचित सरकार और अकादमिक रूप से स्वतंत्र माने जाने वाले विश्वविद्यालयों की शक्तियों का अतिक्रमण है.
खान के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से इस्तीफा मांगकर राजनीतिक तूफान खड़ा करने के एक दिन बाद विजयन ने कहा कि यह एक ‘असामान्य’ कदम है. मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि राज्यपाल राज्य के ‘विश्वविद्यालयों को नष्ट’ करने की मंशा से काम कर रहे हैं.
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘राज्यपाल ने ही इन नौ विश्वविद्यालयों में कुलपतियों की नियुक्ति की थी और अगर ये नियुक्तियां गैरकानूनी थीं तो पहली जिम्मेदारी खुद राज्यपाल की है.’
उन्होंने कहा कि कुलाधिपति को कुलपतियों का इस्तीफा मांगने का कोई अधिकार नहीं है.
भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) नेता सीताराम येचुरी ने भी इस खान की आलोचना करते हुए चेतावनी दी कि इस फैसले को अदालत में चुनौती दी जाएगी क्योंकि संविधान राज्यपाल को ऐसा कोई आदेश जारी करने की अनुमति नहीं देता है.
उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा, ‘वे वहां आरएसएस कार्यकर्ताओं को नियुक्त करना चाहते हैं और उच्च शिक्षा प्रणाली को नियंत्रित करना चाहते हैं ताकि वे शिक्षण संस्थानों में हिंदुत्व की विचारधारा का प्रचार कर सकें. इसे अदालत में चुनौती दी जाएगी क्योंकि संविधान राज्यपाल को ऐसा कोई आदेश जारी करने की अनुमति नहीं देता है.’
येचुरी ने आगे कहा कि राज्यपाल को ऐसा निर्देश देने का कोई अधिकार नहीं है. यह मनमाना, अवैध और राजनीति से प्रेरित है वे केरल की उच्च शिक्षा प्रणाली को नियंत्रित और नष्ट करना चाहते हैं.
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क्या है मामला
दरअसल, रविवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने राज्य के नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से सोमवार सुबह तक इस्तीफा देने को कहा था.
उन्होंने यह निर्देश विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) के नियमों के विपरीत एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति की नियुक्ति को रद्द करने के सुप्रीम कोर्ट के हालिया आदेश के बाद दिया है.
राज्यपाल की ओर से रविवार को केरल राजभवन ने एक ट्वीट में कहा कि नौ कुलपतियों में एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के कुलपति भी शामिल हैं.
विश्वविद्यालयों के नामों की एक सूची के साथ ट्वीट में कहा गया है, ‘2022 की सिविल अपील संख्या 7634-7635, 2021 की (एसएलपी (सी) संख्या 21108-21109) में माननीय सुप्रीम कोर्ट के दिनांक 21.10.22 के फैसले को बरकरार रखते हुए, माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने नौ विश्वविद्यालयों के कुलपतियों को इस्तीफा देने का निर्देश दिया है: पीआरओ, केरल राजभवन.’
राजभवन ने कहा कि विश्वविद्यालयों के कुलाधिपति खान ने यह भी निर्देश दिया कि इस्तीफे सोमवार को सुबह 11.30 बजे तक उनके पास पहुंच जाएं.
शीर्ष अदालत ने एपीजे अब्दुल कलाम प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय की कुलपति डॉ. राजश्री एम एस की नियुक्ति को यह कहते हुए रद्द कर दिया था कि विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के अनुसार, राज्य द्वारा गठित खोज समिति को कुलपति पद के लिए इंजीनियरिंग विज्ञान क्षेत्र के प्रतिष्ठित लोगों के बीच से कम से कम तीन उपयुक्त व्यक्तियों के एक पैनल की सिफारिश करनी चाहिए थी, लेकिन इसके बजाय उसने केवल एक ही नाम भेजा.
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