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Thursday, 25 April, 2024
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ठाकरे परिवार के विवियन रिचर्ड्स उद्धव के छोटे बेटे तेजस को लेकर क्यों तेज हो गई सुगबुगाहट

उद्धव का दाहिना हाथ माने जाने वाले पदाधिकारी ने शिवसेना के मुखपत्र सामना में पूरे पेज का एक विज्ञापन देकर 26 वर्षीय तेजस ठाकरे के राजनीति में कदम रखने की तैयारियों पर अटकलें तेज कर दी हैं.

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मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के छोटे बेटे तेजस ठाकरे के शनिवार को 26 साल के होते ही अचानक इसकी अटकलें तेज हो गई हैं कि वह अपने बड़े भाई 30 वर्षीय आदित्य ठाकरे की तरह ही राजनीति में कदम रख सकते हैं.

उद्धव के दाहिने हाथ माने जाने वाले और उनके ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी मिलिंद नार्वेकर की तरफ से शिवसेना के मुखपत्र सामना में एक पूरे पेज के विज्ञापन ने इन अटकलों को हवा दी.

वैसे तो यह विज्ञापन तेजस को जन्मदिन की बधाई देने वाला है लेकिन किसी शानदार राजनीतिक अभियान से कम नहीं लगता है, जिसमें तेजस का बड़ा-सा फोटो लगा है. साथ में महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, तेजस की मां रश्मि ठाकरे और ऊपर बाईं ओर आदित्य ठाकरे की छोटी तस्वीरें हैं और दाहिनी तरफ ऊपर शिवसेना का लोगो है. जन्मदिन की बधाई के लिहाज से विज्ञापन बहुत ही प्रभावशाली था, जिसमें लिखा था, ‘ठाकरे परिवार के विवियन रिचर्ड्स (वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर) को जन्मदिन की बहुत-बहुत शुभकामनाएं.’

नार्वेकर, जो शिवसेना के सचिव भी हैं, की तरफ से ट्विटर पर तेजस को जन्मदिन की एक और बधाई दिए जाने के साथ ही अटकलों ने जोर पकड़ा जिसमें कहा गया था, ‘एक घाव दो टुकड़े’ इस वाक्यांश को ऐसे साहसिक और त्वरित फैसले लेने वाले व्यक्ति के लिए मुहावरे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है.

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ठाकरे परिवार और महाराष्ट्र की राजनीति से वाकिफ लोगों के लिए ये विज्ञापन हैरान करने वाले थे. यद्यपि उद्धव और आदित्य ठाकरे सरकार और पार्टी दोनों में ही शीर्ष पद संभाल रहे हैं, तेजस की रुचियां अब तक अन्य ही चीजों में रही हैं.

वन्यजीव और फोटोग्राफी के प्रति उत्साही—जो शौक उनके पिता के भी हैं—तेजस को पश्चिमी घाटों के साथ-साथ मुंबई के संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान और आरे कॉलोनी में समय बिताना पसंद है. वैसे तो तेजस को लो प्रोफाइल रहना पसंद है लेकिन पिछले कुछ वर्षों में कभी-कभार उन्हें राजनीतिक आयोजनों में देखा गया है.


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संरक्षणवादी

दशकों से ठाकरे परिवार के आवास मातोश्री आते-जाते रहने वाले शिवसेना के पदाधिकारी तेजस को ‘विनम्र’ और ‘मितभाषी’ बताते हैं.

अपना नाम न छापने की शर्त पर शिवसेना के एक शीर्ष पदाधिकारी ने कहा, ‘वह बस एक पल के लिए मीटिंग रूम में झांकता है, ‘जय महाराष्ट्र’ कहता है, और हममें से जिन कुछ लोगों को वह आते-जाते देखता रहा है, उनसे अभिभादन और थोड़ी बहुत बातचीत करता है, इससे ज्यादा कुछ नहीं. वह बहुत ज्यादा बातूनी नहीं है.’

उन्होंने कहा, ‘कभी-कभार उद्धव साहब की तरफ से उसका जिक्र किए जाने के दौरान ही हमने सुना है कि निर्णय क्षमता और नेतृत्व के मामले वह काफी मजबूत है. लेकिन, मैंने उसे कभी राजनीति पर चर्चा करते नहीं सुना. उनकी रुचि हमेशा से वन्यजीवन, विभिन्न प्रजाति की मछलियों, केकड़ों आदि में रही है.’

लंबे समय से पार्टी से जुड़े लोगों ने बताया कि तेजस 19 वर्ष की उम्र में जब आर्ट्स के द्वितीय वर्ष के छात्र थे, तब उन्होंने सह्याद्री के मीठे पानी में केकड़ों की पांच नई प्रजातियों का पता लगाया था. उनमें से एक गुबर्नटोरियाना ठाकरेई का नाम उनके नाम पर ही रखा गया था.

2018 में उन्होंने 11 नई प्रजातियों और पश्चिम घाट में मीठे पानी में रहने वाले केकड़ों की एक नई प्रजाति का पता लगाया. अगले वर्ष, उन्होंने तमिलनाडु के पूर्वी घाटों में ‘हेमिडैक्टाइलस ठाकरेई’ की खोज की, जिसे आमतौर पर ‘ठाकरे के बौने गेको’ के रूप में जाना जाता है.

उसी वर्ष, तेजस उस टीम का हिस्सा रहे जिसने एक नई कैट स्नेक प्रजाति की खोज की—125 वर्षों में पहली बार ऐसी खोज गई थी. इसे बाद में उनके नाम पर ‘बोइगा ठाकरे’ या ठाकरे कैट स्नेक कहा गया.

अक्टूबर 2020 में तेजस और उनकी टीम ने सह्याद्री क्षेत्र या पश्चिमी घाट में मछली की एक नई प्रजाति खोजी, जिसका नाम ‘हिरण्यकेशी लोच’ रखा गया. हालांकि, तेजस ने इसकी खोज में अहम भूमिका निभाई थी, लेकिन मछली की इस प्रजाति का नाम हिरण्यकेशी नदी के नाम पर रखा गया था जिसमें इसे पाया गया था.

आरे बचाओ अभियान में अहम भूमिका

तेजस के एक साथी वन्यजीव खोजी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘तेजस पश्चिमी घाट क्षेत्र को इतनी अच्छी तरह जानते हैं कि वहां की कोई भी जानकारी उनके बाएं हाथ का काम है. वह बेहद विनम्र हैं और कभी भी अपनी ठाकरे पहचान को लेकर घमंड नहीं दिखाते हैं. जब भी वह जमीनी स्तर पर काम कर रहे होते हैं तो जंगल के आसपास के गांव में ही रहते हैं, वहीं खाते-पीते हैं और स्थानीय निवासियों के साथ काफी बातचीत करते हैं.

तेजस के एक साधारण स्वभाव का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि ‘आरे कॉलोनी में भी वह अपनी कार एक जगह पार्क कर देते थे और बहुत ही सीमित संख्या में सुरक्षा गार्डों के साथ घंटों घूमा करते थे. उन्होंने अक्सर ही जमीनी हालात पर जानकारियां जुटाकर और मुद्दों को संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान में वन विभाग के अधिकारियों के संज्ञान में लाकर उन्हें हैरत में डाल दिया.’

पिछले वर्ष तेजस ने केकड़ों, मकड़ियों, मछलियों और सांपों की कम-ज्ञात प्रजातियों पर शोध का समर्थन करने के लिए एक गैर-लाभकारी संगठन ठाकरे वन्यजीव फाउंडेशन की स्थापना की. उनके सहयोगी ने बताया, ‘अभी तेजस का पूरा ध्यान ठाकरे वाइल्डलाइफ फाउंडेशन पर केंद्रित है. ऐसा नहीं लगता कि राजनीति उनके एजेंडे में है.’

यद्यपि वह सक्रिय तौर पर शिवसेना के साथ काम नहीं कर रहे हैं, इसके बावजूद तेजस के काम को ठाकरे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार की तरफ से लिए गए कुछ नीतिगत फैसलों का आधार माना जाता है. गोरेगांव स्थित आरे कॉलोनी के पारिस्थितिकी तंत्र पर उनका शोध मेट्रो कार शेड को ग्रीन स्पेस से वैकल्पिक स्थान पर स्थानांतरित करने के राज्य सरकार के महत्वपूर्ण फैसले में एक बड़ा फैक्टर रहा था. इस निर्णय में शामिल रहे एक शहरी विकास विशेषज्ञ ने अक्टूबर 2020 में दिप्रिंट को यह जानकारी दी थी.

माना जाता है कि पश्चिमी घाट में सात वनों को संरक्षित क्षेत्र का टैग देने के राज्य सरकार के निर्णय में भी इस क्षेत्र पर तेजस के बुनियादी कार्य और रिसर्च की अहम भूमिका रही है.


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राजनीति की छाया

तेजस के राजनीति में कदम रखने की अटकलें पहले भी सामने आई थीं—जब उन्होंने दिसंबर 2016 में अपने पिता के साथ शिवसेना की शाखाओं का दौरा किया और फिर जब 2019 के विधानसभा चुनावों से पहले वह अहमदनगर जिले के संगमनेर में एक रैली में मुख्यमंत्री के साथ पहुंचे थे.

संगमनेर में वह जैसे ही मंच पर पहुंचे, भीड़ ने जयकारा लगाया, ‘कौन आला रे कौन आला, शिवसेना चा वाघ आला.

हालांकि, मुख्यमंत्री ने अपने संबोधन के दौरान छोटे बेटे के राजनीति में आने की अटकलों पर विराम लगा दिया. उन्होंने मजाकिया लहजे में ही कहा, ‘वह एक ऐसे इंसान हैं जो जंगलों में घूमते हैं. वह जानते हैं कि हमारे पास कोई जंगली जानवर नहीं है. वे दूसरी तरफ हैं.’

2019 के बाद से तेजस के राजनीति में आने की अटकलें कभी तेज नहीं हुईं.

उसी साल सिंधुदुर्ग जिले के कंकावली में उद्धव ठाकरे की एक चुनावी रैलियों में से एक के दौरान पत्रकारों ने पिता-पुत्र से एक तस्वीर के लिए पोज देने का आग्रह किया. इस पर शिवसेना प्रमुख ने मजाक में कहा कि उन्हें अपने बेटे के साथ एक ही फ्रेम में रहना पसंद नहीं है क्योंकि तेजस उनसे कई इंच लंबा है और उन्हें ‘इसके लिए एक स्टूल पर खड़ा होना होगा.’

तेजस सितंबर 2019 में शिवसेना के एक कार्यक्रम में मौजूद थे. जब आदित्य ने वर्ली से अपनी उम्मीदवारी की घोषणा की तो वह अपने भाई को गर्मजोशी से गले लगाते हुए कैमरे में कैद हो गए. 2019 के विधानसभा चुनाव के लिए वर्ली निर्वाचन क्षेत्र से नामांकन पत्र दाखिल करने के लिए जाने के दौरान भी वह आदित्य के साथ थे.

2020 में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की बैठक में जहां उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चुना गया था, तेजस अपने पूरे परिवार के साथ मौजूद थे. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में अपने पिता के शपथ ग्रहण समारोह में भी उन्होंने हिस्सा लिया, बाद में अपने माता-पिता और भाई के साथ मुंबई के प्रसिद्ध सिद्धिविनायक मंदिर गए.

राजनीतिक विश्लेषक हेमंत देसाई ने दिप्रिंट से कहा, ‘तेजस के जन्मदिन पर मिलिंद नार्वेकर का विज्ञापन विशुद्ध रूप से चाटुकारिता हो सकता है या फिर ऐसा भी हो सकता है कि यह सुगबुगाहट शुरू करने का एक हथकंडा हो, जिससे तेजस के सक्रिय राजनीति में प्रवेश करने को लेकर आने वाली प्रतिक्रिया से स्थिति का आकलन किया जा सके.’

उन्होंने कहा, ‘उचित समय आने पर उद्धव ठाकरे को इस बारे में सोचना ही होगा. आखिरकार जब पार्टी संभालने की जिम्मेदारी की बात आती है तो हमेशा एक से भले दो होते हैं.

अभी तक, तेजस या उनके परिवार के सदस्यों की तरफ से इस बारे में कोई स्पष्ट बयान नहीं आया है कि क्या वह पारिवार के रास्ते पर चलेंगे और निकट भविष्य में राजनीति में कदम रखने वाले हैं.

(इस लेख को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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