नई दिल्ली: एआईएडीएमके के महासचिव ई पलानीस्वामी ने तमिलनाडु के पूर्व मुख्यमंत्री ओ पनीरसेल्वम को पार्टी से निष्कासित किए जाने पर रोक लगाने की याचिका को मद्रास हाई कोर्ट द्वारा खारिज करने को ‘धर्म की जीत’ बताया.
जस्टिस आर. महादेवन और न्यायमूर्ति मोहम्मद शफीक की खंडपीठ ने पनीरसेल्वम को पार्टी से निष्कासित करने के मामले में भी हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया.
ईपीएस ने कहा, “न्याय और धर्म ने जीत पा ली है. मद्रास हाई कोर्ट ने एआईएडीएमके की सामान्य परिषद के रिसोल्यूशन को मान लिया है. यह फैसला न्याय, धर्म और सत्य की जीत है. न्याय हमारी ओर था इसलिए ऐसा फैसला आया.”
आगे उन्होंने कहा कि एआईएडीएमके को 2024 के आगामी लोकसभा चुनाव में भी बड़ी जीत हासिल होगी और वे एनडीए का हिस्सा हैं.
पीठ ने पनीरसेल्वम और उनके सहयोगियों आर. वैथिलिंगम, पॉल मनोज पांडियन और जेसीडी प्रभाकर द्वारा एकल न्यायाधीश के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका को खारिज कर दिया. इस आदेश में अदालत ने अन्नाद्रमुक सामान्य परिषद की ओर से 11 जुलाई 2022 को पारित प्रस्तावों में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था.
सामान्य परिषद अन्नाद्रमुक की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है.
पार्टी ने पलानीस्वामी को अपना अंतरिम महासचिव चुनने के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी, इसके अलावा उनके प्रतिद्वंद्वी पनीरसेल्वम और उनके समर्थकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया था.
इसके बाद पलानीस्वामी को इस साल मार्च में पार्टी का महासचिव चुना गया जो पार्टी में शीर्ष पद होता है.
अन्नाद्रमुक तमिलनाडु की मुख्य विपक्षी पार्टी है और पलानीस्वामी वर्तमान में राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष हैं.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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