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Sunday, 12 May, 2024
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उद्धव के राम मंदिर के लिए ई-भूमि पूजन के सुझाव पर भड़की वीएचपी, कहा- ‘हिंदुत्व की राजनीति वाली शिवसेना का ये कैसा पतन’

5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या जाकर राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे. पीएम के अयोध्या आने को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं.

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नई दिल्ली: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के राम मंदिर निर्माण के लिए भूमि पूजन का कार्यक्रम वीडियो कॉन्फ्रेंस से करने के सुझाव वाले बयान पर विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) ने उसे आड़े हाथों लिया है.

वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार का कहना है कि उद्धव ठाकरे का वक्तव्य देखकर आश्चर्य हुआ है जिसमें उन्होंने श्रीराम जन्मभूमि के लिए भूमि पूजन को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कराने का सुझाव दिया.

गौरतलब है कि शिवसेना के मुखपत्र सामना में रविवार को प्रकाशित हुए एक साक्षात्कार में सीएम ठाकरे ने कहा था कि राम मंदिर निर्माण के लिए ‘ई-भूमि पूजन’ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हो सकता है.

उन्होंने कहा था, ‘यह खुशी का कार्यक्रम है और लाखों लोग इस समारोह में शामिल होना चाहते हैं. क्या हम कोरोना वायरस को फैलने की इजाजत दे सकते हैं.’

उन्होंने कहा था, ‘यह एक सामान्य मंदिर नहीं है. आज हम लोग कोविड-19 जैसी महामारी से लड़ रहे हैं. धार्मिक समागम प्रतिबंधित किए गए हैं. मैं समारोह के लिए अयोध्या जा सकता हूं ​लेकिन लाखों रामभक्तों का क्या. आप उन्हें कैसे रोकेंगे.’

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5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अयोध्या जाकर राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमि पूजन करेंगे. पीएम के अयोध्या आने को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं.


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‘शिवसेना का ये कैसा पतन’

वीएचपी अध्यक्ष ने कहा कि यह सुझाव केवल एक अंधे विरोध करने की भावना से आया है. यह शिवसेना का कैसा पतन है जिसे कभी बाला साहब ठाकरे ने प्रखर हिंदुत्व की राजनीति के लिए गढ़ा था.

आलोक कुमार ने आगे कहा कि भूमि पूजन भवन निर्माण के पहले एक आवश्यक और पवित्र रस्म है. भूमि को खोदने से पहले पृथ्वी मां की पूजा की जाती है, उनसे आशीर्वाद मांगा जाता है और वहां नीव खोदने की अनुमति ली जाती है. यह काम दिल्ली में बैठ कर विडियो कॉन्फ्रेंसिंग से नहीं किया जा सकता.

कुमार ने कहा कि कोरोना की सारी सावधानियां बरतते हुए देश सामान्य जीवन जीने की ओर बढ़ रहा है. थोड़े समय पहले ही सर्वोच्च न्यायालय ने जगन्नाथ रथ यात्रा निकालने की अनुमति दी थी. अमरनाथ यात्रा के स्थगित होने के बावजूद उस यात्रा की सारी धार्मिक रीती-रिवाजों को निभाया गया है.

उन्होंने कहा कि विश्व हिन्दू परिषद ने हमेशा स्पष्ट किया है कि भूमि पूजन के कार्यक्रम में केवल 200 लोग रहेंगे. सुरक्षा एवं स्वास्थ्य के सारे निर्देशों का पालन किया जायेगा.

उन्होंने कहा कि इस स्थिति में सार्वजानिक स्वास्थ्य के बारे में ठाकरे की चिंता विरोध करने के लिए रचा गया ढोंग मात्र है.


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1 टिप्पणी

  1. You should always reply that while expressing your views, many people were present during the review meeting of this composition policy, then they too have started taking it in their hands and appearing in the role of AAP

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