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Saturday, 20 April, 2024
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कैप्टन अमरिंदर, सिद्धू, चन्नी, बादल, धामी, हरीश रावत समेत दिग्गजों ने गंवाई अपनी सीट

दिलचस्प है कि पंजाब में वर्तमान मुख्यमंत्री के साथ पहले के भी सभी मुख्यमंत्री अपनी सीट नहीं बचा पाए हैं. चन्नी के अलावा कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला शहरी क्षेत्र, सुखबीर बादल जलालाबाद से चुनाव हार गए हैं.

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नई दिल्ली: 5 राज्यों के विधानसभा चुनाव 2022 इस लिहाज से भी अहम है कि इसमें अपनी-अपनी पार्टियों के दिग्गजों ने भी शिकस्त खाई है. कैप्टन अमरिंदर सिंह, प्रकाश और सुखबीर सिंह बादल, उत्तराखंड से कांग्रेस पार्टी से सीएम रह चुके हरीश रावत, नवोजत सिंह सिद्धू, पंजाब के मौजूदा सीएम चरणजीत सिंह चन्नी चुनाव हार गए हैं.

कैप्टन अमरिंदर से पटिलाया की अर्बन सीट से चुनाव हारे हैं. उन्हें आम आदमी पार्टी के अजीत पाल सिंह ने हराया है. अजित सिंह अकाली दल से आम आदमी पार्टी को ज्वाइन किया था. उन्होंने कैप्टन को 19 हजार 667 वोटों के भारी मतों से मात दी है.

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने अपनी हार को स्वीकार करते हुए ट्वीट किया है, ‘मैं पूरी विनम्रता से लोगों के फैसले को स्वीकार करता हूं. लोकतंत्र की जीत हुई है. पंजाबियों ने जातिगत और पंथ से ऊपर उठकर और मतदान करके पंजाबियत की सच्ची भावना दिखाई है. पंजाब आप और भगवंत मान को शुभकामनाएं.’

कैप्टन ने 2017 में बड़े अंतर से जीती थी सीट

पंजाब लोक कांग्रेस की नई पार्टी बनाकर चुनाव लड़ने वाले कैप्टन अमरिंदर सिंह ने 2017 में पटियाला शहर सीट से 52 हजार 407 वोट से भारी अंतर से जीता था. उन्होंने आम आदमी पार्टी के डॉक्टर बलबीर सिंह को चुनाव हराया था.

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गौरतलब है कि 2017 में कांग्रेस की जीत के बाद सीएम बनने वाले कैप्टन को कांग्रेस ने पिछले साल सितंबर में मुख्यमंत्री पद से हटाकर दलित नेता चरणजीत सिंह चन्नी को मुख्यमंत्री बनाया था. इसके बाद कैप्टन ने नाराज होकर पार्टी को अलविदा कह दिया था और पंजाब लोक कांग्रेस के नाम से अलग पार्टी बना ली थी और यह चुनाव उन्होंने बीजेपी के साथ मिलकर लड़ा है. लेकिन आम आदमी पार्टी की आंधी में इस बार पंजाब के कई दिग्गज अपनी सीट हार गए, जिसमें कैप्टन भी शामिल हैं.


यह भी पढ़ें: पंजाब में सिद्धू, कैप्टन और चन्नी जैसे दिग्गजों की साख दांव पर, अगर हारे तो मुश्किल में आ सकता है राजनीतिक करियर


चरणजीत सिंह चन्नी दो जगह से हारे

गौरतलब है कि आप की ऐसी आंधी चली कि कांग्रेस मौजूदा मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी भी जो कि दो सीटों भदौर और चमकौर साहिब से चुनाव लड़ा था हार गए हैं. दोनों ही जगह उन्हें आप के उम्मीदवारों ने शिकस्त दी. चन्नी को भदौर से मोबाइल रिपेयरिंग की दुकान में नौकरी करने वाले लाल सिंह ने चुनाव हराया है.

उन्होंने एक ट्वीट कर कहा कि वो विनम्रता से पंजाब के लोगों का आदेश स्वीकार करते हैं. उन्होंने आम आदमी पार्टी और उसके सीएम चेहरे भगवंत मान को बधाई दी. चन्नी ने कहा कि वो उम्मीद करते हैं कि ‘आम आदमी पार्टी लोगों की उम्मीदें पूरा करेगी.’

कांग्रेस नेता चन्नी अभी सितंबर में ही पंजाब के सीएम बने थे.

नवजोत सिंह सिद्धू और विक्रम मजीठिया भी हारे

वहीं कांग्रेस में अक्सर बगावत करने वाले नवजोत सिंह सिद्धू भी अमृतसर में चुनाव हार गए हैं. उन्हें भी आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार ने ही हराया है. इस सीट पर सिद्धू और विक्रम मजीठिया की बीच फाइट मानी जा रही थी लेकिन आम आदमी पार्टी की जीवन ज्योति ने दोनों नेताओं को हराया. उन्हें 39 हजार 679 वोट मिले. उन्होंने 32 हजार 929 वोट पाने वाले सिद्धू को 6 हजार 750 तो 25 हजार 188 वोट पाने वाले विक्रम मजीठिया को 14 हजार 491 वोटों से हराया.

बता दें कि सीएम चन्नी और सिद्धू के बीच सब कुछ सामान्य नहीं था. दोनों के बीच लगातार ठनती रही है.

पूर्व डिप्यूटी सीएम सुखबीर बादल भी चुनाव हारे

दिलचस्प है कि पंजाब में वर्तमान मुख्यमंत्री के साथ पहले के भी सभी मुख्यमंत्री अपनी सीट नहीं बचा पाए हैं. चन्नी के अलावा कैप्टन अमरिंदर सिंह पटियाला शहरी क्षेत्र, सुखबीर बादल जलालाबाद से चुनाव हार गए हैं.

शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के संरक्षक प्रकाश सिंह बादल, पंजाब के सबसे लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने वाले, लंबी सीट से चुनाव हार गए, जबकि उनके बेटे और पार्टी प्रमुख सुखबीर सिंह बादल जलालाबाद से चुनाव हार गए. सुखबीर के बहनोई बिक्रम सिंह मजीठिया अमृतसर पूर्व से हार गए, जबकि चचेरे भाई मनप्रीत सिंह बादल, जो निवर्तमान कांग्रेस सरकार में वित्त मंत्री थे, बठिंडा अर्बन में पीछे चल रहे थे.

उत्तराखंड के वर्तमान और पूर्व सीएम दोनों चुनाव हारे

उत्तराखंड के बीजेपी वर्तमान सीएम पुष्कर सिंह धामी खटीमा से अपनी सीट हार गए हैं. कांग्रेस के भुवन चंद्र कापड़ी ने मात दी है. कापड़ी ने उन्हें 6 हजार मतों से हराया है. हालांकि पार्टी राज्य में जीती है तो ज्यादा संभावना है कि एक बार उन्हें फिर से सीएम बनाया जाए. भाजपा सूत्रों का भी कहना है कि वह हारने पर भी मुख्यमंत्री के रूप में बने रहेंगे.

गौरतलब है कि पुष्कर सिंह धामी ने चुनाव से 6 महीने पहले उत्तराखंड में सत्ता संभाली थी.

वहीं कांग्रेस के सीएम चेहरा और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत भी अपनी सीट नहीं बचा पाए हैं. वह कुमाऊं के लालकुआं सीट से चुनाव लड़े लेकिन हार गए हैं. उन्हें बीजेपी के मोहन सिंह बिष्ट ने चुनाव हराया है. बिष्ट ने उन्हें 14 हजार के बड़े अंतर से हराया है. ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस से बगावत कर चुनाव लड़ीं संध्या डालाकोटी उनके मतों में बड़ी सेंधमारी की.


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