मुंबई: 22 अरब डॉलर के वेदांत-फॉक्सकॉन सेमीकंडक्टर प्लांट के रूप में करोड़ों रुपए के निवेश के अवसर को खोने के बाद सांत्वना के रूप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाराष्ट्र को ‘इसी तरह की या इससे भी अच्छी परियोजना’ का वादा किया है.
मुंबई में मंत्रालय (महाराष्ट्र सरकार मुख्यालय) में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए राज्य उद्योग मंत्री उदय सामंत ने कहा कि मोदी ने मंगलवार को फोन पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से बातचीत की और उनसे राज्य को इसके समान या इससे बेहतर परियोजना दिए जाने का वादा किया.
सामंत ने कहा, ‘कल ही सीएम ने पीएम से फोन पर बात की और इस परियोजना पर चर्चा की. पीएम ने यह भी कहा कि शायद यह स्थिति इसलिए पैदा हुई क्योंकि उद्योगपति को पिछले कुछ महीनों में अपेक्षित प्रतिक्रिया नहीं मिली थी.
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने ‘महाराष्ट्र के लोगों से वादा किया है कि आने वाले कुछ दिनों में महाराष्ट्र में इसके समान या इससे भी बेहतर निवेश आएगा …
सामंत ने यह भी कहा कि वेदांत-फॉक्सकॉन उद्यम के लिए महाराष्ट्र का 38,831 करोड़ रुपए का प्रोत्साहन पैकेज, जिसे शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार ने जुलाई में मंजूरी दी थी, अन्य राज्यों के प्रस्तावों से ‘बेहतर’ था.
तालेगांव औद्योगिक क्षेत्र में संयंत्र स्थापित करने के लिए 30 प्रतिशत तक की पूंजीगत सब्सिडी के अलावा, प्रस्ताव में अन्य प्रोत्साहनों के साथ 1 रुपए प्रति यूनिट की बिजली टैरिफ सब्सिडी भी शामिल है.
सामंत ने बुधवार को संवाददाताओं से कहा कि राज्य सरकार भारतीय खनन की बड़ी कंपनी वेदांता ग्रुप और ताइवान की विनिर्माण कंपनी फॉक्सकॉन के साथ चर्चा करेगी कि उन्होंने इसके बावजूद गुजरात को क्यों चुना.
मंगलवार को वेदांता-फॉक्सकॉन ने सेमीकंडक्टर निर्माण और डिस्प्ले फेब्रिकेशन प्लांट स्थापित करने के लिए 1.5 लाख करोड़ के संयुक्त उद्यम के लिए गुजरात सरकार के साथ एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए थे.
यह समझौता महाराष्ट्र सरकार के लिए एक झटका था, क्योंकि वो पिछले सात सालों से होन हाई प्रिसिजन इंडस्ट्री कंपनी लिमिटेड को राज्य में लाने का प्रयास कर रही थी. इस कंपनी को उसके ट्रेड नाम फॉक्सकॉन – प्लांट के नाम से जाना जाता है.
एमओयू के बाद से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के महागठबंधन वाले एमवीए और बीजेपी व एकनाथ शिंदे के गठबंधन वाली मौजूदा सरकार के बीच एक-दूसरे पर आरोप लगाने का राजनीतिक खेल शुरू हो गया.
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‘एमवीए ने पैकेज को अंतिम रूप नहीं दिया’
करोड़ों के निवेश को हाथ से निकल जाने के लिए शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार की आलोचना करते हुए, शिवसेना विधायक आदित्य ठाकरे ने दावा किया कि पूर्व एमवीए प्रशासन ने सौदे को 95 प्रतिशत तक फाइनलाइज कर दिया था. सिर्फ कागजी कार्रवाई को अंतिम रूप देना बाकी था.
लेकिन सामंत ने संवाददाताओं से कहा कि उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पूर्व सरकार ने औपचारिक रूप से कागज पर वेदांत-फॉक्सकॉन संयुक्त उद्यम को कोई इंसेंटिव पैकेज नहीं दिया था.
सामंत बताते है, ‘5 जनवरी 2022 को उन्होंने (वेदांत-फॉक्सकॉन) केंद्र को एक पत्र भेजा, जिसकी एक प्रति राज्य (महाराष्ट्र) को भेजी गई थी. इस पत्र में कहा गया था कि हम इस निवेश को स्थापित करना चाहते हैं और महाराष्ट्र सहित चार राज्यों की ओर देख रहे हैं. साथ ही उन्होंने पूछा था कि आप हमें क्या पैकेज दोगे.’
सामंत ने 30 जून को पद संभालने वाले सीएम शिंदे का बचाव करते हुए कहा, ‘जो लोग हमारी आलोचना कर रहे हैं, उनके पास चीजों को अंतिम रूप देने के लिए छह महीने का समय था.’
सामंत ने आगे कहा कि ‘इन छह महीनों में यहां और देश के बाहर केवल बैठकें (सरकारी अधिकारियों और वेदांत-फॉक्सकॉन के बीच) हुईं.’
उन्होंने एमवीए गठबंधन पर निशाना साधते हुए कहा, ‘लेकिन ये लोग इस धारणा के साथ काम कर रहे थे कि यह कंपनी महाराष्ट्र नहीं आने वाली है.’
सामंत ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री के रूप में कार्यभार संभालने के बाद शिंदे ने उद्योग विभाग के अधिकारियों को बेस्ट पैकेज की पेशकश देने का निर्देश दिया था. उन्होंने बताया कि डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने भी वेदांत रिसोर्सेज के अध्यक्ष अनिल अग्रवाल से मुलाकात की थी, ताकि परियोजना के लिए महाराष्ट्र की प्रतिबद्धता को दोहराया जा सके.
सामंत ने कहा, ‘ तब उनसे (फडणवीस) कहा गया कि अगर आप ऐसा चाहते हैं, तो आज तक हमें इंसेंटिव पैकेज क्यों नहीं दिया गया. आज तक आपने समझौता ज्ञापन को भी अंतिम रूप नहीं दिया है. सिर्फ चर्चा हुई है.’
उन्होंने कहा कि इस बैठक के बाद 15 जुलाई को राज्य सरकार की एक उच्च शक्ति समिति की बैठक हुई और औपचारिक रूप से वेदांत-फॉक्सकॉन के लिए जमीन, बिजली, पानी आदि पर रियायतों के साथ 38,831 करोड़ रुपये के पैकेज की घोषणा की.
सामंत ने कहा, ‘उन्होंने हमें एक पत्र दिया, जिसमें कहा गया था कि वे इसमें दिलचस्पी रखते हैं. और अभी आठ दिन पहले, उद्योग विभाग ने उन्हें महाराष्ट्र में परियोजना के साथ आगे बढ़ने के बारे में एक पत्र भेजा था.’
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