नई दिल्लीः तीन दिनों से दिल्ली में डेरा जमाए उत्तराखंड के मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने शुक्रवार को, पिछले चौबीस घंटों के भीतर दूसरी बार भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के अध्यक्ष जे पी नड्डा से मुलाकात की.
नड्डा के आवास पर उनसे मुख्यमंत्री की लगभग आधे घंटे की यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब रावत के भविष्य को लेकर तमाम तरह की अटकलें लगाई जा रही हैं.
हालांकि, नड्डा से मुलाकात के बाद रावत ने मीडिया को बताया, ‘पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष से मिलना हुआ और आगामी चुनाव को लेकर बातचीत हुई है. हमें किस तरह विकास करना है और केंद्र की योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए बहुत सारे काम हम लोग किए हैं, उनको जनता तक ले जाने की बात हुई.’
आगे उन्होंने कहा, ‘चुनाव को लेकर बातचीत हुई कि कैसी तैयारियां हैं, क्या करना है. विपक्ष जनता के सामने कहीं है नहीं. केंद्र जो तय करेगा और जो रणनीति हमारे सामने रखेगा उस रणनीति को लेकर हम आगे बढ़ेंगे, काम करेंगे.’
बता दें कि पौड़ी से लोकसभा सांसद रावत ने इस वर्ष 10 मार्च को मुख्यमंत्री का पद संभाला था. अपने पद पर बने रहने के लिए 10 सितम्बर तक उनका विधानसभा सदस्य निर्वाचित होना संवैधानिक बाध्यता है.
प्रदेश में फिलहाल विधानसभा की दो सीटें, गंगोत्री और हल्द्वानी रिक्त हैं जहां उपचुनाव कराया जाना है. चूंकि राज्य में अगले ही साल फरवरी-मार्च में विधानसभा चुनाव होना प्रस्तावित है और इसमें साल भर से कम समय बचा है, ऐसे में कानून के जानकारों का मानना है कि उपचुनाव कराए जाने का फैसला निर्वाचन आयोग के विवेक पर निर्भर करता है.
उत्तराखंड में अटकलें लगाई जा रही हैं कि रावत गढ़वाल क्षेत्र में स्थित गंगोत्री सीट से उपचुनाव लड़ सकते हैं.
मुख्यमंत्री रावत बुधवार को अचानक दिल्ली पहुंचे थे. बृहस्पतिवार को देर रात उन्होंने नड्डा और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी.
भाजपा विधायक गोपाल सिंह रावत का इस वर्ष अप्रैल में निधन होने से गंगोत्री सीट रिक्त हुई है जबकि कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा हृदयेश के निधन से हल्द्वानी सीट खाली हुई है. हालांकि, अभी तक चुनाव आयोग ने उपचुनाव की घोषणा नहीं की है.
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