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Monday, 23 December, 2024
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राजनीति में, एफआईआर ईनाम है और जेल दूसरे घर की तरह है: यूपी कांग्रेस प्रमुख लल्लू

गिरफ्तारी के बाद पार्टी के साथ ना देने की बात को अजय लल्लू गलत बताया है और कहा कि अभिषेक मनु सिंघवी जैसे बड़े वकील ने मामला हैंडल किया. प्रियंका जी ने लेख लिखा, राहुल जी ने ट्वीट किया. तमाम वरिष्ठ नेताओं ने मेरा साथ दिया है.

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लखनऊ: योगी सरकार और कांग्रेस के बीच पिछले महीने श्रमिकों को उनके घर छोड़ने के लिए छिड़े बस विवाद में यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को फर्जीवाड़े के आरोप में जेल जाना पड़ा था. बस डिटेल्स व डॉक्यूमेंट्स में हेराफेरी के मामले में लल्लू को 16 जून को जमानत मिली है.

बुधवार शाम जेल से लौटे लल्लू ने कहा, ‘वे जेल से डरने वाले नेता नहीं है.’

उन्होंने दिप्रिंट से खास बातचीत में कहा, ‘ये कोई पहली बार नहीं था कि जब मैं जेल गया हूं.’

उनका कहना है, ‘अब तक 21 बार जेल जा चुका हूं. यूपी की राजनीति में उन्हें मुकदमे इनाम लगते हैं और जेल दूसरा घर.

दिप्रिंट से बातचीत में उन्होंने कई अहम बातें कहीं-

फर्जी मुकदमे में फंसाया गया

अजय कुमार लल्लू का कहना है कि उन्हें योगी सरकार ने फर्जी मुकदमे में फंसाया. यही कारण था कि हाईकोर्ट ने उनकी जमानत के वक्त कहा कि ये मामला तो ट्रायल कोर्ट में ही सुलझ जाना चाहिए था.

लल्लू के मुताबिक, कांग्रेस पार्टी की ओर से श्रमिकों की मदद के लिए योगी सरकार को प्रस्ताव दिया था. वह प्रस्ताव शब्द पर जोर देते हुए कहते हैं, ‘कोई अगर मदद के लिए हाथ बढ़ाता है तो उसके खिलाफ ये सरकार एफआईआर दर्ज करा देती हैं.’

वह बोलते हैं ‘ये कैसा लोकतंत्र है, जिसकी हत्या आए दिन ये सरकार कर रही है. मुझे झूठे मुकदमे में फंसाया गया. कोई बताए मेरा क्या दोष था. सिर्फ यही था कि मैं उस पार्टी का प्रदेश अध्यक्ष हूं जिसने श्रमिकों की मदद के लिए हाथ आगे बढ़ाया. एक हजार बसों का प्रस्ताव भेजा.’

बसों के डॉक्यूमेंट फर्जी नहीं थे

योगी सरकार की ओर से 463 बसों को फर्जी बताया गया था. इस पर अजय लल्लू का कहना है कि 1032 बसों के डॉक्यूमेंट राजस्थान सरकार के आरटीओ ने सही पाए हैं. इस बात की पुष्टि वहां के डिप्टी सीएम सचिन पायलट ने भी की है.

लल्लू के मुताबिक, ये मुद्दा बस से ज्यादा मंशा का था. सरकार की मंशा नहीं थी कि कांग्रेस की ओर से मुहैया कराई गई बसों को उपयोग में लिया जाए इसीलिए पहले हां बोलकर फिर राजनीति शुरू कर दी. बसों के बिल वाली बात पर भी सरासर झूठ बोला गया. यहां के परिवहन विभाग की ओर से ही राजस्थान परिवाहन विभाग से कोटा से बच्चों को लाने के लिए मदद मांगी गई और बिल भेजने की बात भी कही गई.

फिर जब उन्होंने बिल भेजा तो यूपी सरकार कहने लग गई कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार छोटे दिल की है. उन्हें नहीं पता कि कांग्रेस पार्टी कितने बड़े दिल की है. लॉकडाउन में दिन-रात हमारे कार्यकर्ता सेवा में लगे रहे जबकि भाजपाई घर पर बैठे रहे.


यह भी पढ़ेंः यूपी बस विवाद में अजय लल्लू की गिरफ़्तारी पर कांग्रेस ने की विरोध की खानापूर्ति, इस पर उठ रहे सवाल


ये कहना गलत है कि पार्टी ने साथ नहीं दिया

अजय लल्लू जब जेल में थे तो पार्टी के अंदर एक खेमे में शुरुआत में ये सवाल उठ रहे थे कि उनकी गिरफ्तारी पर बड़े नेता चुप क्यों हैं. वहीं ये भी कहा गया कि मामले में एफआई प्रियंका गांधी के निजी सचिव संदीप सिंह के खिलाफ भी हुई तो गिरफ्तारी केवल लल्लू की क्यों हुई.

पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी का ट्वीट भी लगभग एक सप्ताह बीत जाने के बाद आया. वहीं यूपी के कई बड़े नेताओं ने इस मामले पर कई दिन तक चुप्पी साधी रखी. लल्लू इससे आहत नहीं हैं.

उनका कहना है कि ये बात गलत है कि पार्टी ने साथ नहीं दिया. ‘अगर साथ नहीं दिया होता तो मैं रिहा कैसे होता.’

वह आगे कहते हैं, ‘अभिषेक मनु सिंघवी जैसे बड़े वकील को इस मामले को हैंडल करने के लिए लगाया गया. प्रियंका जी ने मेरे लिए लेख लिखा. राहुल जी ने ट्वीट किया. तमाम वरिष्ठ नेताओं ने मेरा साथ दिया.’

लल्लू ने कहा, ‘मैं राहुल गांधी का सिपाही हूं.’

अजय लल्लू ने दिप्रिंट से बातचीत में बार बार राहुल गांधी पर विश्वास जताया और कहा ‘उन्होंने भरोसा जताते हुए मुझे 2017 में यूपी में सीएलपी लीडर बनाया था. ऐसे में कोई ये कैसे सोच सकता है कि वह मेरे साथ नहीं हैं.’

‘यूपी के संगठन के वरिष्ठ नेताओं का भी मुझे समर्थन प्राप्त है. कई जगह मेरी गिरफ्तारी के विरोध में प्रदर्शन हुए जिसमें 69 मुकदमे हमारे कार्यकर्ताओं पर अलग-अलग जगह लिखे गए. पूरा संगठन मेरे साथ है. मुझे मुकदमों से डर नहीं लगता. 21 बार जेल जा चुका हूं अब यूपी की राजनीति में मुकदमे इनाम और जेल दूसरा घर लगता है.’

सरकार के दावों की पोल खोलेंगे

आगे की रणनीति बताते हुए लल्लू ने कहा कि अब सरकार के दावों की पोल खोलनी है. ये सरकार जो लॉकडाउन के दौरान लोगों को सुविधाएं पहुंचाने का दावा करती है इसकी हकीकत बतानी है. सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखते हुए हमारे कार्यकर्ता गांव-गांव जाकर जमीनी हकीकत देखेंगे और फिर उसे जनता के सामने रखेंगे.

लल्लू के मुताबिक, इस दमनकारी सरकार के खिलाफ हमें प्रोटेस्ट करना पड़े तो भी करेंगे. फिर से जेल जाना पड़े तो भी जाएंगे. हम हार मानने वालों में नहीं है.

‘जहां एक ओर दूसरे विपक्षी दल सपा, बसपा घर पर बैठे हैं वहीं कांग्रेस पार्टी सड़क पर संघर्ष करती दिख रही है. चाहे सोनभद्र में दलित उत्पीड़न का मामला हो या उन्नाव में विधायक कुलदीप सेंगर, शाहजहांपुर में चिन्मयानंद कांड हो या डीएचएफएल घोटाला हो, हर मुद्दे को कांग्रेस ने पहले उठाया. इसी कारण योगी सरकार कांग्रेस के नेताओं को फर्जी मुकदमों में जेल भेजवा रही है.


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प्रियंका गांधी के चेहरे पर लड़ेंगे चुनाव, डिजिटल कनेक्ट भी बढ़ाएंगे

2022 यूपी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर अजय लल्लू ने कहा कि यूपी में हमारी नेता प्रियंका गांधी हैं. हम उनके चेहरे पर चुनाव लड़ेंगे, उनके नेतृत्व में लड़ेंगे.

लल्लू के मुताबिक, लॉकडाउन के इस दौर में प्रियंका गांधी डिजिटल मीडियम के जरिए कार्यकर्ताओं से लगातार संवाद कर रही हैं. हालात बेहतर होने पर वह जल्द ही यूपी आएंगी भी.

लल्लू के मुताबिक, आने वाले दिनों में कांग्रेस एक तरफ जमीन पर तो संघर्ष करती दिखेगी ही साथ ही डिजिटल प्लेटफॉर्म के जरिए भी अपनी पहुंच बढ़ाएगी. लल्लू के मुताबिक, 2022 चुनाव बिना किसी गठबंधन के लड़ा जाएगा.

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