scorecardresearch
शुक्रवार, 9 मई, 2025
होमराजनीति2022 विधानसभा चुनाव की दशा-दिशा तय करेंगे UP उपचुनाव के नतीजे, योगी की साख दांव पर

2022 विधानसभा चुनाव की दशा-दिशा तय करेंगे UP उपचुनाव के नतीजे, योगी की साख दांव पर

पिछले 3 नवंबर को अमरोहा की नौगावां सादात, बुलंदशहर की बुलंदशहर सदर, फीरोजाबाद की टूंडला, उन्नाव की बांगरमऊ, कानपुर की घाटमपुर, देवरिया की देवरिया सदर और जौनपुर की मल्हनी सीट पर उपचुनाव हुए थे.

Text Size:

लखनऊ: यूपी में विधानसभा की सातों खाली सीटों पर 3 नवंबर को हुए उपचुनाव के नतीजे आ रहे हैं. ये सातों सीटें 2022 में होने वाले यूपी विधानसभा की दशा-दिशा तय करेंगे. सीएम योगी आदित्यनाथ की साख भी इस चुनाव में दांव पर है, जैसा कि उन्होंने हर सीट पर जनसभा की थी.

पिछले 3 नवंबर को अमरोहा की नौगावां सादात, बुलंदशहर की बुलंदशहर सदर, फीरोजाबाद की टूंडला, उन्नाव की बांगरमऊ, कानपुर की घाटमपुर, देवरिया की देवरिया सदर और जौनपुर की मल्हनी सीट पर उपचुनाव हुए थे. मतों की गिनती सुबह 8 बजे से शुरू हो चुकी है. चुनाव आयोग से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, दोपहर बाद तक सभी नतीजे आ जाएंगे.

इन सीटों पर कुल 88 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक यूपी के उपचुनाव में कुल 53.62 फीसद मतदान हुआ था. सबसे अधिक 61.50 फीसद मतदान अमरोहा की नौगावां सादात सीट पर हुआ है. यह सीट पूर्व क्रिकेटर व कैबिनेट मंत्री चेतन चौहान के निधन के बाद खाली हुई थी.

वहीं सबसे कम 49.42 प्रतिशत मतदान कानपुर की घाटमपुर सीट पर हुआ है. बता दें कि यह सीट मंत्री कमल रानी वरुण के निधन के कारण खाली हुई थी.


यह भी पढ़ें: कैसे अखिलेश की सपा, बसपा और कांग्रेस पार्टी के बागियों के लिए फेवरेट डेस्टिनेशन बन गई है


विपक्ष को भी काफी उम्मीदें

यूपी के विपक्षी दल खासतौर से समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को इन उपचुनावों से काफी उम्मीदें हैं. कांग्रेस बांगरमऊ और घाटमपुर सीट से उम्मीद लगाए बैठी है तो सपा को मल्हनी, देवरिया और घाटमपुर से काफी उम्मीदें हैं. बता दें कि बांगरमऊ सीट कुलदीप सिंह सेंगर के रेप व मर्डर के मामले में दोषी साबित होने के बाद खाली हुई थी. इस सीट पर त्रिकोणीय मुकाबले की उम्मीद है. वहीं देवरिया सीट पर चारों प्रमुख दल (बीजेपी, कांग्रेस सपा व बसपा) ने ब्राह्मण कैंडिडेट को टिकट दिया है.

बता दें कि पिछले सितंबर माह में हुए हाथरस रेप कांड के बाद ये उपचुनाव हो रहे हैं. इस कांड को विपक्षी दल लगातार मुद्दा बनाए हुए हैं. ऐसे में ये उपचुनाव योगी के लिए साख का विषय बन गया है.

share & View comments