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Monday, 25 November, 2024
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UP में योगी सरकार के ‘ठाकुरवाद’ को लेकर आम आदमी पार्टी के सर्वे पर विवाद, दर्ज हुई FIR

आप के इस सर्वे की भनक लगते ही यूपी प्रभारी व राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ लखनऊ में एफआईआर दर्ज कर ली गई. संजय के मुताबिक, सर्वे में 63 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ठाकुरों के लिए काम कर रही है एक जाति की सरकार चल रही है.

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लखनऊ : बीते दिनों उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान करने वाली आम आदमी पार्टी(आप) अब यूपी में अपनी सियासी जमीन मजबूत करने में जुट गई. यूपी में धमाकेदार एंट्री के लिए आप ने योगी सरकार के जातिवाद पर एक टेलीफोनिक सर्वे कराया, जिसको लेकर विवाद छिड़ गया. दरअसल आप का दावा है कि उनके सर्वे में 63 प्रतिशत फीसदी लोगों ने माना है कि योगी सरकार जातिवादी है और ठाकुरवाद चरम पर है.

आप के इस सर्वे की भनक लगते ही यूपी प्रभारी व राज्यसभा सांसद संजय सिंह के खिलाफ लखनऊ में एफआईआर दर्ज कर ली गई. संजय के मुताबिक, ‘सर्वे में 63 प्रतिशत लोगों ने कहा है कि उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ठाकुरों के लिए काम कर रही है. एक जाति की सरकार चल रही हैं.’

उन्होंने आगे कहा, ’28 प्रतिशत लोगों ने कहा कि योगी सरकार ठाकुरों के लिए काम नहीं कर रही है. वहीं, 9 प्रतिशत लोगों ने जवाब देने से मना कर दिया.’

दिप्रिंट से बातचीत में संजय सिंह ने कहा, ‘यूपी में ये उन पर बीते छह महीने के भीतर 10वीं एफआईआर है. हम इस तरह के सर्वे आगे भी कराएंगे.’

संजय सिंह के मुताबिक, ‘यूपी में योगीराज में दलितों पर ब्राह्मणों पर शोषितो पर लगातार अत्याचार और अन्याय हो रहा है. ये बात सिर्फ मैं या आम आदमी पार्टी नही कह रही है. बल्कि बीजेपी के विधायक राधा मोहनदास अग्रवाल ने आरोप लगाया कि योगी सरकार ठाकुरवादी सरकार है.’

विधायक देवमणि द्विवेदी ने आरोप लगाया कि यूपी में ब्राह्मणों के साथ अत्याचार और अन्याय हो रहा है. लोग कहते थे कि सीएम योगी केवल ठाकुरों के लिए काम करते हैं. दूसरी जातियों के साथ अन्याय होता है, दूसरी जाति के साथ अनदेखी होती है. मैंने ये बात सार्वजनिक रूप से कही तो एफआईआर दर्ज करा दी गई.

बता दें कि इस सर्वे के खिलाफ लखनऊ में आईटी एक्ट और जातिगत भावना भड़काने के आरोप में FIR दर्ज हुई है.

उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री श्रीकांत शर्मा ने इस विषय पर कुछ भी बोलने से इनकार कर दिया है.


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सर्वे और क्या बोली भाजपा

आप के यूपी प्रवक्ता वैभव महेश्वरी के मुताबिक अभी कुल 68 हजार लोगों के बीच ये टेलीफोनिक सर्वे हो हुआ है.

इस सर्वे में पूछा गया है, ‘यूपी में कई लोग कहने लगे हैं कि अखिलेश यादव ने जैसे यादव समाज के लिए काम किया और जैसे मायावती ने दलितों के लिए काम किया, वैसे योगी जी सिर्फ और सिर्फ ठाकुर समाज के लिए काम कर रहे हैं. क्या आप इस बात से सहमत हैं, अगर सहमत हैं तो एक दबाएं और सहमत नहीं हैं तो दो दबाएं.’

सर्वे के दौरान यह भी कहा गया था कि आपके जवाब को गोपनीय रखा जाएगा. जब प्रिंट ने आप पार्टी से इस सर्वे के बारे में जानकारी चाही तो फर्म ने बताने से मना कर दिया. आप के उत्तर प्रदेश के प्रवक्ता वैभव महेश्वरी ने बताया, ‘ यह राजस्थान की कंपनी है लेकिन हम उसका नाम नहीं बता सकते हैं क्योंकि उन्हें सरकार द्वारा धमकी दी जा सकती है.’ यह सर्वे अगस्त माह के आखिरी सप्ताह (24-30 अगस्त) में किया गया था.

इस सर्वे को 10 लाख लोगों तक पहुंचाने का लक्ष्य था. उन्होंने कहा, ‘हमें ये करने से रोका जा रहा है.’

बीजेपी के यूपी प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव का कहना है, ‘आम आदमी पार्टी की ‘हिट एंड रन’ की आदत है. ये आरोप लगाकर भागने वाली पार्टी है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘जातिवादी मानसिकता होने के कारण ही इस तरह के सर्वे करा रही है, जबकि आप का यूपी में खुद का कोई बेस नहीं है.’


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यूपी को लेकर आप की प्लानिंग

यूपी में आम आदमी पार्टी ने 2022 विधानसभा चुनाव से पहले इस साल के अंत में प्रस्तावित पंचायत चुनाव लड़ने का फैसला किया है. हालांकि, कोरोना के कारण ये चुनाव टलकर अप्रैल 2021 में होने की उम्मीद है.

पार्टी के प्रवक्ता वैभव महेश्वरी का कहना है कि यूपी में विपक्ष के लिए बहुत बड़ा स्पेस खाली है, हम उसी को भरने का प्रयास कर रहे हैं.

उन्होंने यह भी कहा कि  पार्टी की ओर से प्रदेश के सभी जिलों में ‘कोरोना सहायता टीम’ बनाई गई है. यह टीम गांव-गांव जाकर ऑक्सिमीटर उपलब्ध करा रही है और उनके इलाज में मदद कर रही है.

इस अभियान को आप विधायक दिलीप पांडेय माॅनिटर कर रहे हैं. इसके जरिए गांव-गांव में लोगों का डाटाबेस भी इकट्ठा हो रहा है. इसके अलावा पार्टी ने कांग्रेस के कई स्थानीय नेताओं को भी शामिल किया जो यूपी कांग्रेस के मौजूदा हालातों को देखते हुए पार्टी छोड़कर चले गए.

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