पटना: जदयू के राष्ट्रीय संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष उपेंद्र कुशवाहा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर हमला बोला. कुशवाहा पिछले कई दिनों से नीतीश कुमार से नाराज है और उनपर हमलावर हैं. उन्होंने कहा, ‘मैं जदयू में नहीं आया, नीतीश कुमार ने मुझे फोन करके बुलाया. लेकिन पार्टी में शामिल होने के बाद पिछले दो साल में मेरी एक भी बात नहीं सुनी गई. अब कह रहे है कि मैं अपने मन से जदयू में शामिल हुआ था.’
उन्होंने कहा, ‘हम दोनों के पास संतान हैं. नीतीश कुमार कसम खाकर कहें कि हम झूठ बोल रहे हैं.’
उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि नीतीश कुमार का कॉल डिटेल की जांच हो तो सब पता चल जाएगा.
कैसे कमजोर हुई जदयू
कुशवाहा ने जदयू को कमजोर होने के लिए नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, ‘जदयू कैसे कमजोर हुई इसपर मैंने नीतीश कुमार से बातचीत की थी. उन्हें पार्टी के कमजोर होने के सारे कारणों से रूबरू करवाया था. लेकिन बीते दो साल में उन्होंने एक बार भी इसपर मुझसे बातचीत नहीं की.’
Even if Nitish Kumar asks me to leave JD (U), I won’t. I have taken responsibility & will fight to save this party. I am disheartened with the current situation of JD(U): Upendra Kushwaha, National Parliamentary Board Chief, JD(U) pic.twitter.com/Sw5147FEq0
— ANI (@ANI) January 27, 2023
उन्होंने आगे कहा, ‘जब जब पार्टी पर संकट आया तब तब मेरी खोज हुई. 2009 में जब पार्टी काफी कमजोर थी तब मुझे बुलाया गया. उस चुनाव में जदयू की भयंकर हार हुई थी. पार्टी जब 2020 के विधानसभा चुनाव में सिर्फ 43 सीट पर सिमट गई तो फिर मुझे याद किया गया.’
नहीं छोडूंगा जदयू
जदयू छोड़ने के सवाल पर उपेंद्र कुशवाहा ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती देते हुए कहा कि वह जदयू नहीं छोड़ेंगे. उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री के कहने पर भी मैं जदयू नहीं छोडूंगा. हम आए-गए नेता नहीं हैं. जेडीयू को बचाने की लड़ाई लड़ेंगे. मुख्यमंत्री के मंत्रीमंडल में ही कई ऐसे नेता हैं, जो दूसरी पार्टी से जदयू में शामिल हुए हैं. उनमें से कुछ लोगों ने कई बार पार्टी भी बदली है. मैं पार्टी क्यों छोडूंगा.‘
उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के आसपास कुछ नेता है जो उन्हें अपने हिसाब चला रहे हैं. नीतीश कुमार को अपनी मर्जी से काम करना चाहिए. उन्हें अपने और पराए लोगों की पहचान करनी चाहिए.
उन्होंने नीतीश कुमार को सलाह दी कि अभी बात कर ले तो ठीक हो जाएगा, वरना पार्टी को और नुकसान पहुंच सकता है.
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बिना हिस्सा लिए नहीं जाऊंगा
सीएम पर हमला करते हुए उपेंद्र कुशवाहा ने कहा, ‘नीतीश कुमार कहते है कि जिसको जहां जाना है जाए. हम ऐसे कैसे चले जाएंगे. बिना हिस्सा लिए नहीं जाऐंगे. मुझे पार्टी से अपना हिस्सा चाहिए. मैं आगे भी जदयू को मजबूत करने का काम करूंगा, मैने पार्टी में खून पसीना बहाया है.’
इससे पहले भी कुशवाहा ने ट्वीट कर कहा था, ‘ऐसे बड़े भाई के कहने से छोटा भाई घर छोड़कर जाने लगे तब तो हर बड़का भाई अपने छोटका को घर से भगाकर बाप-दादा की पूरी संपत्ति अकेले हड़प ले. ऐसे कैसे चले जाएं अपना हिस्सा छोड़कर?’
पिछले साल जदयू में कराया था रालोसपा का विलय
उपेंद्र कुशवाहा ने पिछले साल मार्च में अपनी पार्टी का विलय जदयू में कर दिया था. इसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा उन्हें जदयू के संसदीय बोर्ड का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था. जदयू में कुशवाहा द्वारा अपनी पार्टी के विलय करने पर नीतीश कुमार ने उनकी जमकर तारीफ भी की थी. नीतीश कुमार ने कहा था, ‘उपेंद्र कुशवाहा के साथ बड़ी संख्या में लोग हैं. हमें यह बताते हुए खुशी हो रही है कि अब हम मिलकर काम करेंगे.’
उपेंद्र कुशवाहा पहली बार 2004 में विधानसभा चुनाव जीते थे और नीतीश कुमार ने उन्हें कई वरिष्ट नेताओं को पीछे छोड़ते हुए नेता प्रतिपक्ष बनाया था. साल 2013 में कुशवाहा ने नीतीश से नाता तोड़ लिया और अपनी अलग पार्टी रालोसपा बनाई. 2014 को लोकसभा चुनाव में कुशवाहा ने एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ा और बिहार में चार सीटों पर जीत हासिल की. नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में उन्हें शिक्षा राज्य मंत्री भी बनाया गया था.
2017 में बीजेपी से मतभेद होने के बाद उपेंद्र कुशवाहा एनडीए से अलग हो गए और महागठबंधन का हिस्सा बनें. 2019 के लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी पांच सीटों पर चुनाव लड़ी, लेकिन एक भी जीत नहीं सकी. खुद कुशवाहा काराकाट और उजियारपुर लोकसभा सीट से चुनाव हार गए. 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के बाद वो दोबारा जदयू के साथ आए और मार्च 2021 में अपनी पार्टी का विलय जदयू में कर दिया.
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