scorecardresearch
Saturday, 2 November, 2024
होमराजनीतिराज्यसभा चुनाव से पहले मायावती को बड़ा झटका, BJP से अंदरखाने सांठ-गांठ की सुगबुगाहट के बीच बागी हुए 7 विधायक

राज्यसभा चुनाव से पहले मायावती को बड़ा झटका, BJP से अंदरखाने सांठ-गांठ की सुगबुगाहट के बीच बागी हुए 7 विधायक

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने कहा है कि मौजूदा स्थितियां देखकर तो ऐसा लग रहा है कि बीएसपी का बीजेपी में विलय होने वाला है. यही कारण है कि बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव अपना 9वां उम्मीदवार नहीं उतारा है.

Text Size:

लखनऊ: राज्यसभा चुनाव से पहले बीएसपी के 7 विधायकों ने अपनी ही पार्टी के खिलाफ बगावत कर दी है. बुधवार सुबह बीएसपी विधायक असलम राईनी, हाकिम लाल बिंद, मुजतबा सिद्दीक़ी, असलम अली और हरगोविंद भार्गव ने निर्वाचन अधिकारी से मिलकर गौतम का पर्चा ख़ारिज करने की मांग की है. इसके बाद इन्होंने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव से मिलकर सपा जॉइन करने के संकेत भी दे दिए हैं. बीएसपी की विधायक सुषमा पटेल और वंदना सिंह के भी अखिलेश यादव से मुलाकात की खबर है. ऐसे में राज्यसभा चुनाव से पहले मायावती को बड़ा झटका लगा है.

बीएसपी से जुड़े सूत्रों की मानें तो 10वीं राज्यसभा सीट पर बीजेपी के साथ बीएसपी के ‘अंदरखाने सांठ-गांठ’ से खफा होकर इन विधायकों ने पार्टी छोड़ने का मन बना लिया है. पिछले कई दिनों से ये विधायक सपा के संपर्क में थे. समाजवादी पार्टी के एमएलसी उदयवीर सिंह ने विधायकों के अखिलेश यादव से मिलने की पुष्टि की है. उन्होंने कहा है कि वे पार्टी की ताजा गतिविधियों से नाराज होकर मिलने आए थे.

दरअसल 9 नवंबर को होने वाले इस चुनाव के लिए बीजेपी ने 8 और सपा ने एक उम्मीदवार उतारा है. वहीं 10वीं सीट के लिए जरूरी संख्या न होने के बावजूद बीएसपी के रामजी गौतम ने नामांकन भर दिया है जिसके बाद सपा और कांग्रेस इसे बीएसपी और बीजेपी का आंतरिक गठबंधन एक्सपोज होना बताने लगे हैं. मंगलवार को नामांकन खत्म होने से पहले  वाराणसी के व्यापारी प्रकाश बजाज ने निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर नामांकन कर दिया जिन्हें समाजवादी पार्टी समर्थन कर रही है.

वहीं, समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि सपा का निर्दलीय को समर्थन देना बीजेपी और बीएसपी के ‘आंतरिक गठबंधन’ को एक्सपोज़ करना ही है. इसी कारण प्रकाश बजाज का नामांकन कराया गया है. वह पिछले कई दिनों से समाजवादी पार्टी के संपर्क में थे. बीजेपी ने इस सीट पर उम्मीदवार नहीं उतारा है जिस कारण उस पर बीएसपी का साथ देने का आरोप लग रहा है. वहीं बीजेपी के प्रति मायावती के नरम तेवर भी इस ओर इशारा कर रहे हैं.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय लल्लू ने कहा है कि मौजूदा स्थितियां देखकर तो ऐसा लग रहा है कि बीएसपी का बीजेपी में विलय होने वाला है. यही कारण है कि बीजेपी ने राज्यसभा चुनाव अपना 9वां उम्मीदवार नहीं उतारा है.अब वे वोटिंग के दौरान बीएसपी को समर्थन करती नजर आएगी. वहीं बीजेपी खुलकर बीएसपी का समर्थन की बात करने से बच रही है लेकिन यूपी के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा है कि बीएसपी और बीजेपी के बीच इसको लेकर आपसी समझ बन गई है.


यह भी पढे़ं: UP उपचुनाव में सातों सीट पर प्रचार में जुटे CM योगी, अखिलेश वर्चुअली संभाल रहे मोर्चा, प्रियंका और मायावती नदारद


10 सीटों पर होने हैं राज्यसभा चुनाव

दरअसल यूपी से इस बार 25 नवंबर को 10 राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं, जिसको लेकर होने वाले चुनाव के लिए मंगलवार तक आवेदन करने थे. बीजेपी ने 8 उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की जिनमें केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, अरुण सिंह, पूर्व डीजीपी बृजलाल, नीरज शेखर, हरिद्वार दुबे, गीता शाक्य, बीएल शर्मा और सीमा द्विवेदी को उम्मीदवार बनाया गया, जबकि समाजवादी पार्टी ने इकलौते उम्मीदवार के तौर पर राम गोपाल यादव को उतारा. वहीं बीएसपी की ओर से रामजी गौतम ने नामांकन दाखिल किया है. समीकरणों के हिसाब से बीएसपी के 8 व सपा का एक उम्मीदवार निर्विरोध चुन लिए जाएंगे, लेकिन 10वीं सीट पर बीएसपी और निर्दलीय कैंडिडेट के बीच वोटिंग होना लगभग तय है.

बता दें कि 28 अक्टूबर को राज्यसभा के लिए नामांकन पत्रों की जांच की होगी. 2 नवंबर तक नाम वापस लिए जा सकेंगे. 9 नवंबर को सुबह 9 बजे से शाम 4 बजे तक मतदान होगा. उसी दिन शाम पांच बजे से मतगणना होगी और परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे.

यूपी विधानसभा में मौजूदा सदस्य संख्या के आधार पर जीत के लिए एक उम्मीदवार को 36 वोटों की आवश्यकता होगी.

BSP-BJP की ‘अंडरस्टैंडिंग’ एक्सपोज़ करने की कोशिश

बसपा से जुड़े सूत्रों का ये भी कहना है कि रामजी गौतम के पहले निर्विरोध चुने जाने के चांस थे लेकिन अंतिम समय एक निर्दलीय उम्मीदवार के नामांकन करने से अब 10वीं सीट पर वोटिंग करानी पड़ेंगी. वहीं, समाजवादी पार्टी से जुड़े सूत्रों का कहना है कि वोटिंग होने से बीजेपी और बसपा का ‘अंदरूरनी गठबंधन’ सामने आना चाहिए.


यह भी पढ़ें : UP उपचुनाव में सातों सीट पर प्रचार में जुटे CM योगी, अखिलेश वर्चुअली संभाल रहे मोर्चा, प्रियंका और मायावती नदारद


समाजवादी पार्टी की वरिष्ठ नेता व प्रवक्ता जूही सिंह के मुताबिक, पार्टी की ओर से अभी कुछ भी आधिकारिक तौर पर नहीं कहा गया है, लेकिन ये तो तय है कि सपा बीएसपी कैंडिडेट का समर्थन नहीं करेगी. बाकि की रणनीति वोटिंग के दिन तय की जाएगी. वहीं यूपी कांग्रेस के प्रवक्ता सुरेंद्र राजपूत का कहना है कि भले ही कांग्रेस के पास महज 7 विधायक हैं लेकिन ये तय है कि वे बीएसपी कैंडिडेट का समर्थन नहीं करेगी बाकि आगे की रणनीति अभी तय नहीं की गई है.

बीजेपी यूपी के प्रवक्ता नवीन श्रीवास्तव का कहना है हमारे पास 8 उम्मीदवारों को जिताने के ही नंबर थे इसलिए हमने 8 ही घोषित दिए. 10वीं सीट पर होने वाले चुनाव में हम किसका साथ देंगे ये आलाकमान निर्णय लेगा फिलहाल इससे ज्यादा हम कुछ नहीं सार्वजनिक कर सकते. नवीन के मुताबिक, पार्टी अभी अपने पत्ते नहीं खोलेगी.

बीजेपी पर नरम दिखीं मायावती

पिछले कई महीनों से बसपा सुप्रीमो मायावती बीजेपी से ज्यादा कांग्रेस पर अटैकिंग दिख रही हैं. जिस कारण कांग्रेस ने उन्हें बीजेपी का अघोषित प्रवक्ता करार दे दिया. उन्होंने हाथरस कांड समते तमाम बलात्कार के मामलों में योगी सरकार पर तो सवाल उठाए लेकिन मोदी सरकार के प्रति उनका नरम रुख ही दिखा.

कांग्रेस से जुड़े सूत्रों की माने तो मध्यप्रदेश उपचुनाव में बसपा कांग्रेस के वोट काटने का पूरा प्रयास कर रही है. दूसरी ओर बीजेपी उसके उम्मीदवार को यूपी से राज्यसभा पहुंचाकर रिटर्न गिफ्ट देने के प्रयास में है. कांग्रेस के एक वरिष्ठ नेता के मुताबिक,बीजेपी का साथ देना मायावती की मजबूरी बन गया है. उन पर तमाम मामलों में जांच फिर से शुरू हो सकती है. इस डर से वह अक्सर बीजेपी की ओर नरम हो जाती हैं.वे बीजेपी की खिंचाई के वक्त शब्दों के चयन पर काफी नरम दिखती हैं. वहीं कांग्रेस पर हमेशा अटैकिंग मोड में नजर आती हैं जिस कारण यूपी के सियासी गलियारों में इस बात की चर्चा तेजी से है कि आखिर बीजेपी और बीएसपी के बीच कुछ तो खिचड़ी पक रही है.

share & View comments