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Saturday, 16 November, 2024
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सोनभद्र हिंसा के पीड़ितों को सीएम योगी देंगे 18-18 लाख मुआवजा

सीएम ने घटना के लिए कांग्रेस की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए इसमें समाजवादी पार्टी के नेता के शामिल होने का दावा किया और मामले को राजनीतिक साजिश बताया.

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नई दिल्ली : सोनभद्र हिंसा में मारे गये पीड़ितों के लिए प्रियंका गांधी के धरना देने के बाद मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है. रविवार को सीएम योगी आदित्यनाथ खुद सोनभद्र पहुंचकर पीड़ित परिवारों से मुलाकात की. इसके बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस कर पीड़ित परिवारों के लिए मुआवजे का ऐलान किया व हत्याकांड के लिए कांग्रेस और सपा को जिम्मेदार ठहराया.

सीएम ने घटना के लिए कांग्रेस की नीतियों को जिम्मेदार ठहराते हुए इसमें समाजवादी पार्टी के नेता के शामिल होने का दावा किया और मामले को राजनीतिक साजिश बताया.

उन्होंने कहा कि इस मामले की तह में देखें तो कांग्रेस नेताओं का पाप शामिल हैं. जिन्होंने यह पाप किया, उनकी समाजवादी पार्टी से आर्थिक साझेदारी रही है. उन पर सख्त कार्रवाई भी की गई है. साथ सीएम ने कहा कि मृतकों के परिजनों को 18-18 लाख और घायलों को ढाई-ढाई लाख रुपये मुआवजा देंगे. वहीं इससे पहले मुख्यमंत्री ने मृतकों के परिजन को 5-5 लाख मुआवजा देने की घोषणा की थी.

कांग्रेस को घेरते हुए सीएम ने कहा कि सोनभद्र में आदिवासियों की जमीन कांग्रेस के तत्कालीन एमएलसी के ट्रस्ट के नाम 1955 में की गई. गठित कमेटी इसका जांच करेगी. 1989 में ट्रस्ट की जमीन परिवार के लोगों के नाम की गई. यह घटना कांग्रेस इन पापों से हुई है. हम इसे सामान्य घटना समझ रहे थे.

तीन सदस्यीय कमिटी करेगी जांच, आरोपी सपा से जुड़ा

सीएम ने कहा कि घटना की जांच के लिए अपर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित तीन सदस्यीय कमिटी रिपोर्ट देगी. कांग्रेस ने सोनांचल में जमीनों की डकैती डाली है. कांग्रेस आदिवासी विरोधी है. दोषी बख्शे नहीं जाएंगे. सीएम योगी ने कहा कि घटना का आरोपी यज्ञदत्त समाजवादी पार्टी का कार्यकर्ता है. उसका भाई बीएसपी का नेता है. ये सब मिलकर अभी तक सत्ता का दुरुपयोग करते रहे हैं.

प्रियंका ने कसा तंज

प्रियंका ने ट्वीट कर इधर योगी पर तंज कसा. प्रियंका ने लिखा, ‘उम्भा गांव के पीड़ितों की आवाज जब कांग्रेस के हजारों कार्यकर्ताओं, न्यायपसंद लोगों ने उठाया, तब यूपी सरकार को भी लगा कोई गंभीर घटना हुई है. आज जो घोषणाएं हुईं हैं, उन्हें जल्द अमल में लाया जाय. आदिवासियों को जमीन का मालिकाना मिले और सबसे जरूरी कि गांव के लोगों को पूरी सुरक्षा’

 

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