चेन्नई: एआईएडीएमके के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री के.ए. सेंगोट्टैयन, जिन्होंने हाल ही में पार्टी नेतृत्व पर नाराजगी जताई थी, अब पार्टी के सभी अलग हो चुके नेताओं के एकीकरण की बात कर रहे हैं. उन्होंने पार्टी नेतृत्व को एकजुट होने के लिए 10 दिन की समयसीमा दी है.
शुक्रवार को इरोड जिले में पत्रकारों से बात करते हुए सेंगोट्टैयन ने कहा कि एआईएडीएमके अब और बंटवारे बर्दाश्त नहीं कर सकती, अगर वह 2026 में सत्ता में लौटना चाहती है.
उन्होंने कहा, “पार्टी कमजोर नहीं होनी चाहिए. हमें सभी (नेताओं) को जोड़ना चाहिए, हमें पार्टी को मजबूत करना चाहिए. भूलना और माफ करना हमारे नेताओं ने हमें सिखाया है. तभी हम चुनाव जीत सकते हैं और लोगों की सत्ता परिवर्तन की इच्छा पूरी कर सकते हैं.”
सेंगोट्टैयन ने अलग हो चुके नेताओं के एकीकरण की समयसीमा भी तय की. उन्होंने कहा, “सभी को दस दिनों के भीतर एकजुट करना होगा. अगर ऐसा नहीं हुआ, तो मैं समान सोच वाले लोगों को साथ लाऊंगा.”
पूर्व एआईएडीएमके नेताओं वी.के. शशिकला, टी.टी.वी. दिनाकरन और ओ. पन्नीरसेल्वम का नाम लिए बिना उन्होंने जोर दिया कि यह तय करना उनका काम नहीं है कि किसे जोड़ा जाए. यह जिम्मेदारी महासचिव की है.
उन्होंने कहा, “यह मेरा फैसला नहीं है कि किसे एकजुट किया जाए. यह महासचिव का फैसला है. लेकिन मैं एकता के लिए जोर दूंगा, क्योंकि तभी एआईएडीएमके अपनी ताकत वापस पा सकती है.”

यह पहली बार नहीं है जब सेंगोट्टैयन ने पार्टी को लेकर असहजता जताई हो. फरवरी में भी उन्होंने पार्टी के कामकाज पर असंतोष जताया था. उन्होंने कोयंबटूर में ई.के. पलानीस्वामी के सम्मान समारोह के निमंत्रण पत्र से पूर्व मुख्यमंत्री एम.जी. रामचंद्रन और जे. जयललिता की तस्वीरें गायब होने पर नाराजगी जताई थी.
उन्होंने एआईएडीएमके महासचिव पलानीस्वामी पर आरोप लगाया कि वे असहमत नेताओं को वापस लेने के लिए तैयार नहीं हैं. उन्होंने कहा, “हम छह पूर्व मंत्रियों ने महासचिव से मुलाकात की और उनसे उन लोगों को वापस लेने का अनुरोध किया जो पार्टी छोड़ गए थे. लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया. वे तो मेरे साथ पार्टी की जिम्मेदारियों पर चर्चा करने के लिए भी तैयार नहीं हैं.”
जुलाई 2024 में सेंगोट्टैयन पांच अन्य मंत्रियों के साथ ईपीएस के घर गए थे और उनसे सभी अलग हो चुके नेताओं को जोड़ने का अनुरोध किया था. लेकिन ईपीएस ने इस प्रस्ताव को ठुकरा दिया था. सेंगोट्टैयन ने यह भी याद दिलाया कि 2009 में जयललिता ने एक बार ईपीएस को पार्टी पदों से हटा दिया था.
उन्होंने चिंता जताई कि पूर्व मुख्यमंत्री और एआईएडीएमके सुप्रीमो जे. जयललिता की मौत के बाद पार्टी बिखर गई है.
उन्होंने कहा, “अम्मा की मौत के बाद पार्टी में कई समस्याएं आईं. दो बार अवसर मेरे पास आए, लेकिन मैंने एकता को चुना. 2017 से हम सिर्फ हार ही देख रहे हैं. 2019 लोकसभा चुनाव, 2021 विधानसभा चुनाव, 2022 और 2024 स्थानीय निकाय चुनाव, हम हर चुनाव हारे. सिर्फ एकता ही जीत ला सकती है.”
सेंगोट्टैयन के इरोड में पत्रकारों से बात करने के बाद, अलग हो चुके नेता ओ. पन्नीरसेल्वम ने भी अपने जिले थूनी में पत्रकारों से मुलाकात की. उन्होंने कहा कि सेंगोट्टैयन ने हजारों एआईएडीएमके कार्यकर्ताओं की भावनाएं व्यक्त की हैं.
उन्होंने कहा, “मैं भी यही चाहता हूं. मैं भगवान से प्रार्थना करूंगा कि सभी एआईएडीएमके नेता फिर से एक हो जाएं.”
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