नई दिल्ली: केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने शनिवार को मनीष सिसोदिया पर कटाक्ष करते हुए कहा कि दिल्ली के उपमुख्यमंत्री ने अपना नाम बदलकर ‘मनी श’ कर लिया होगा, यह आरोप लगाते हुए कि वह पैसे लेने और इसके बारे में चुप रहने में अच्छे हैं.
ठाकुर की टिप्पणी अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी सरकार की अब वापस ले ली गई दिल्ली आबकारी नीति में कथित नियमों के उल्लंघन के सिलसिले में सिसोदिया के आधिकारिक आवास पर सीबीआई द्वारा छापेमारी के एक दिन बाद आई है. भारतीय जनता पार्टी के नेता और केंद्रीय मंत्री ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को 24 घंटे के भीतर उनके सवालों के जवाब देने की चुनौती दी है.
‘मनीष जी, अगर आपकी शराब नीति सही थी, तो आपने इसे वापस क्यों लिया? यह ‘चोर की दाढ़ी में तिनका’ जैसा है… शराब व्यवसायियों के लिए एक सॉफ्ट कॉर्नर क्यों है? … मैं अरविंद केजरीवाल को अंदर आने की चुनौती देता हूं. राष्ट्र के सामने आएं और 24 घंटे के भीतर मुझे जवाब दें.’ केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा.
ठाकुर ने आगे आरोप लगाया कि हालांकि मनीष सिसोदिया कथित शराब घोटाले में नंबर एक आरोपी हैं, अरविंद केजरीवाल इसके सरगना थे.
उन्होंने कहा, ‘शराब घोटाले के नंबर 1 आरोपी मनीष सिसोदिया (दिल्ली के उप मुख्यमंत्री और आप नेता) हैं, लेकिन सरगना अरविंद केजरीवाल (दिल्ली के सीएम) हैं. आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस ने स्पष्ट रूप से दिखाया कि उनके घोटाले के बाद उनके चेहरे का रंग कैसे चला गया था. वह किसी भी सवाल का जवाब नहीं दे पाए.’
ठाकुर की टिप्पणी तब आई जब सिसोदिया ने आज कहा कि उन्हें जल्द ही गिरफ्तार किया जा सकता है यह कहते हुए कि शराब का मुद्दा या आबकारी नीति सिर्फ उन्हें निशाना बनाने का एक बहाना है क्योंकि वह दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के अधीन मंत्री थे.
सिसोदिया ने आरोप लगाया कि उनके खिलाफ छापे हर तरह से राजनीतिक थे और दिल्ली की आबकारी नीति के कथित उल्लंघनों से उनका कोई लेना-देना नहीं था.
सिसोदिया ने आज राष्ट्रीय राजधानी में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘हो सकता है कि अगले 3-4 दिनों में सीबीआई-ईडी मुझे गिरफ्तार कर ले. मैं डरूंगा नहीं, आप हमें तोड़ नहीं सकते. 2024 का चुनाव आप वर्सेज बीजेपी के बीच होगा.
उन्होंने कहा, ‘उनका मुद्दा शराब/आबकारी घोटाला नहीं है. उनकी समस्या अरविंद केजरीवाल हैं. मेरे खिलाफ पूरी कार्यवाही, मेरे आवास और कार्यालय पर छापे, अरविंद केजरीवाल को रोकने के लिए हैं. मैंने कोई भ्रष्टाचार नहीं किया है. मैं सिर्फ अरविंद केजरीवाल का शिक्षा मंत्री हूं.’
यह बताते हुए कि दिल्ली की आबकारी नीति सबसे अच्छी नीति थी, सिसोदिया ने कहा, ‘आबकारी नीति जिसके कारण पूरा विवाद पैदा होता है, वह देश की सबसे अच्छी नीति है. हम इसे पारदर्शिता और ईमानदारी के साथ लागू कर रहे थे. अगर दिल्ली एलजी ने इस फैसले को विफल करने की साजिश न की होती तो इस नीति से दिल्ली सरकार को हर साल कम से कम 10,000 करोड़ रुपये मिल रहे होते.
इससे पहले शुक्रवार को, सिसोदिया ने कहा कि उन्होंने और उनके परिवार ने सीबीआई के साथ सहयोग किया था, जिसका उन्होंने दावा किया था कि केंद्र द्वारा ‘दुरुपयोग’ किया जा रहा था, उस दिन जब जांच एजेंसी ने एक मामले के संबंध में कई स्थानों पर छापे मारे थे. आप सरकार ने अब आबकारी नीति वापस ले ली है.
शुक्रवार को 14 घंटे की लंबी छापेमारी के बाद सीबीआई अधिकारियों के चले जाने के बाद पत्रकारों से बात करते हुए सिसोदिया ने कहा, ‘सीबीआई की टीम आज सुबह आई. उन्होंने मेरे घर की तलाशी ली और मेरा कंप्यूटर और फोन जब्त कर लिया. मेरे परिवार ने उनका सहयोग किया और सहयोग आगे भी जारी रहेगा. हमने कोई भ्रष्टाचार या गलत नहीं किया है. हम डरते नहीं हैं. हम जानते हैं कि सीबीआई का दुरुपयोग किया जा रहा है.’
सिसोदिया उन 15 लोगों में शामिल हैं जिनके खिलाफ सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की है. इस मामले में आबकारी अधिकारियों, शराब कंपनी के अधिकारियों, डीलरों के साथ कुछ अज्ञात लोक सेवकों और निजी व्यक्तियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है.
प्राथमिकी में कहा गया है कि ‘मामले में तथ्य प्रथम दृष्टया अपराधों के कमीशन का खुलासा करते हैं’ आरोपी के खिलाफ धारा 120-बी, 477 ए आईपीसी और भ्रष्टाचार रोकथाम अधिनियम 1988 की धारा 7 के तहत दंडनीय है.
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