मुंबई: सोमवार को सुबह 11 बजे बृहनमुंबई म्यूनिसिपल कॉरपोरेशन (बीएमसी) के अधिकारी केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे के समुद्र के किनारे पर बने बहुमंजिला बंगले में पहुंची है. आरोप है कि जुहू स्थित इस बंगले को बनाने के दौरान नियमों का ध्यान नहीं रखा गया.
बंगले के बाहर रिपोर्टर और तमाशबीनों की भीड़ जुटी है. इसे देखते हुए पुलिस के जवानों को सुरक्षा में लगाया गया है.
शिवसेना और राणे परिवार के बीच राजनीतिक दुश्मनी का इतिहास पुराना है. यह जांच भी उसी दुश्मनी का नतीजा है.
बीजेपी नेता राणे पर तटीय विनियमन क्षेत्र (सीआरजेड) के नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है. बीएमसी को शिकायत मिली है कि राणे ने अनुमति से ज़्यादा मंजिल के बंगले का निर्माण किया है. राणे ने सभी आरोपों का खंडन किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि बांद्रा में उद्धव ठाकरे के नए बंगले के निर्माण में नियमों की अनदेखी की गई है.
साल 2020 में बीएमसी ने फिल्म अभिनेत्री कंगना रनौत के कार्यालय की जांच के बाद उसे बुलडोजर चलाकर गिरा दिया था. बीएमसी पर शिवसेना का कब्जा है. इस घटना के बाद, रनौत और शिवसेना के नेताओं के बीच लंबे समय तक तीखी बहस चली थी.
जब बीएमसी की टीम पुलिसकर्मियों के साथ जुहू स्थित बंगले ‘आदिश’ में पहुंची उस समय राणे बंगले में मौजूद थे. बीएमसी सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों ने कुछ दस्तावेजों और तस्वीरों की जांच-पड़ताल की. मुंबई के जुहू इलाके को पॉश माना जाता है.
बीएमसी ने स्थानीय कार्यकर्ता, संतोष दौंडकर की शिकायत के बाद कार्रवाई की है. दौंडकर का आरोप है कि आठ मंजिला बंगले के निर्माण के दौरान सीआरजेड के नियमों का उल्लंघन किया गया है.
दौंडकर ने दिप्रिंट से कहा, “मैं 2017 से ही बार-बार बीएमसी को शिकायत भेज रहा हूं. अब तक कुछ भी नहीं हुआ था और महामारी की वजह कार्रवाई करने में थोड़ी देरी हुई.’
राणे ने लगाए गए आरोपों से इनकार करते हुए मीडियाकर्मियों से कहा, ‘मैंने बंगला बनाते समय उस समय के सभी नियमों का पालन किया है और कभी भी किसी नियम का उल्लंघन नहीं किया है. इसके बावजूद, शिवसेना, खास तौर पर मातोश्री (महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का निवास) ने मुझे नोटिस भेजा है.
यह बंगला मुंबई के पश्चिमी उपनगरीय क्षेत्र के पश्चिमी सिविक वार्ड (के) में है.
दिप्रिंट ने फोन कॉल और टेक्स्ट मैसेज भेजकर जांच के नतीजे और आगे की कार्रवाई की योजना जानने के लिए वार्ड के सहायक नगर आयुक्त (एएमसी) पृथ्वीराज चौहान से संपर्क करने की कोशिश की. लेकिन रिपोर्ट के प्रकाशित होने तक एएमसी की ओर से कोई जवाब नहीं आया है.
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बंगले के बाहर बीएमसी ने नोटिस चिपकाया
इससे पहले शुक्रवार को भी बीएमसी के अधिकारी केन्द्रीय मंत्री के बंगले पर पहुंचे थे. हालांकि, उस समय राणे परिवार का कोई सदस्य वहां पर मौजूद नहीं था. इसके बाद अधिकारियों ने वहां पर नोटिस चिपका दिया था. दिप्रिंट के पास उस नोटिस की कॉपी है.
यह नोटिस मुंबई म्युनिसिपल कॉरपोरेशन (एमएमसी) एक्ट 1888 के सेक्शन 488 के तहत बंगला के मालिक के नाम से जारी किया किया गया है. नोटिस पर संबंधित अधिकारी का हस्ताक्षर है.
नोटिस में कहा गया है, ‘मैं इसके जरिए यह नोटिस देता हूं कि 18/02/22 को और इस तरीख के बाद, संबधित सेक्शन के प्रावधानों का पालन करते हुए, मैं अपने सहयोगियों और मजदूरों के साथ आदिश बंगले सीएसटी नंबर 997 और 997-ए मुंबई 400049 के अहाते में किसी भी तरीके से और कभी भी आ सकता हूं…. जिस अहाते का ऊपर जिक्र किया गया है उसका निरीक्षण करने के लिए, उसकी नाप लेने और उसकी फोटोग्राफी लेने के लिए. कृपया नोटिस के मुताबिक, आखिरी बार जिस योजना के लिए अनुमति दी गई थी उससे जुड़े दस्तावेज़ या इस स्ट्रक्चर के आधिकारिक दस्तावेजों के साथ मौजूद रहें.’
भवन निर्माण में उल्लंघन का आरोप
दौंडकर की ओर से की गई शिकायत में कहा गया है कि बंगला निर्माण के दौरान सीआरजेड के नियमों का उल्लंघन हुआ है. पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की ओर से सिर्फ़ चार मंजिला इमारत बनाने की ही अनुमति ली गई थी. लेकिन, नियमों को ताक पर रखकर इसे आठ मंजिल का बना दिया गया. इस शिकायत की कॉपी दिप्रिंट के पास है.
नियमों के मुताबिक समुद्र के 200 मीटर के दायरे में कोई भी निर्माण कार्य नहीं किया जा सकता है. आरोप है कि यह बंगला 200 मीटर से कम दूरी पर बनाया गया है.
साल 2017 में दौंडकर ने महाराष्ट्र कोस्टल जोन मैनेजमेंट अथॉरिटी के पास शिकायत की थी. अथॉरिटी ने बाद में इसे म्युनिसिपल कमिश्नर को भेज दिया.
दौंडकर ने दिप्रिंट से कहा, ‘इसके बावजूद भी कुछ नहीं हुआ. मैं लगातार रिमाइंडर भेजता रहा. इसके बाद महामारी आ गई और इस बीच तीन अधिकारियों का तबादला हो गया.’
इस बीच राणे और शिवसेना के बीच जुबानी जंग जारी है
नोटिस मिलने के बाद, सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्री राणे ने मीडिया के सामने शिवसेना पर हमला किया.
उन्होंने मातोश्री-2 के निर्माण के दौरान नियमों की अनदेखी का आरोप लगाया. यह बंगला महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बांद्रा के अपने पुराने बंगले मातोश्री के बगल में बनाया है. राणे ने कहा कि वह पहले ही इस मामले की शिकायत प्रशासन से कर चुके हैं.
अगस्त 2021 ने राणे ने कहा था कि सीएम उद्धव ठाकरे को यह पता नहीं है कि भारत कब आजाद हुआ, अगर ‘मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता’. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया था. हालांकि, उन्हें उसी दिन जमानत पर रिहा कर दिया गया था.
राणे के बेटे नितेश राणे पर हत्या का प्रयास करने का मामला दर्ज है. इसी महीने स्थानीय कोर्ट से उन्हें जमानत मिली है. नितेश विधायक हैं.
बीएमसी की ओर से नोटिस मिलने के बाद राणे ने शुक्रवार को ट्वीट किया कि उन्हें, ‘पता चला है कि प्रवर्तन निदेशालय विभाग का नोटिस मातोश्री के चार लोगों के लिए तैयार है.’
शिवसेना के राज्यसभा सांसद संजय राउत ने मीडियाकर्मियों से कहा कि राणे को शिवसेना को धमकी देना बंद कर देना चाहिए, चाहे वह केन्द्रीय मंत्री ही क्यों न हो. हम आपके ‘बाप’ हैं.
एक पुरानी, कड़वी दुश्मनी
राणे-शिवसेना की यह दुश्मनी 17 साल पहले शुरू हुई जब 2005 में बालासाहेब ठाकरे ने अपने बेटे उद्धव ठाकरे को अपना राजनीतिक उत्तराधिकारी चुना. इसके बाद वह दर्जन भर विधायकों के साथ कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
जब राणे ने 2017 में कांग्रेस पार्टी छोड़ी तब वे बीजेपी की देवेन्द्र फडनवीस सरकार में शामिल होना चाहते थे. लेकिन, उद्धव ने इसका जोरदार विरोध किया था. 2014 से 2019 तक शिवसेना और बीजेपी साथ थे.
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री रह चुके राणे ने महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष पार्टी का गठन किया था.
विधानसभा चुनाव के बाद शिवसेना और बीजेपी अलग हो गए. इसके बाद साल 2019 में उन्होंने अपनी पार्टी का विलय बीजेपी में कर दिया.
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