नई दिल्ली: महाराष्ट्र में जारी राजनीतिक संकट के बीच, शिवसेना नेता संजय राउत ने मंगलवार को असम में डेरा डाले हुए बागी विधायकों को ‘जाहिल’ (अशिक्षित) करार दिया, जो ‘चलते हुई लाश’ की तरह हैं.
राउत ने इमाम अली के हवाले से एक ट्वीट में कहा, ‘जहालत’ एक तरह की मौत है और ‘जाहिल’ (अशिक्षित) लोग मरे हुए लोगों की तरह हैं.’ राउत का यह कमेंट ऐसे समय में आया है जब पहले ही उन पर बागी विधायकों के लिए अपनी पिछली ‘जीवित लाशों’ वाली टिप्पणी को लेकर सवाल खड़े हो चुके हैं. राउत ने इस पर कहा था कि महाराष्ट्र में भाषण का यह सामान्य तरीका है और उनका इरादा किसी की भावना को आहत करने का नहीं था.
राउत ने सोमवार को मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा था, ‘उनके शरीर जीवित हैं, लेकिन उनकी आत्मा मर चुकी है, यह महाराष्ट्र में बोलने का एक तरीका है. मैंने क्या गलत कहा? जो 40 साल तक एक पार्टी में रहते हैं और फिर भाग जाते हैं. , उनकी आत्मा मर चुकी है, उनके पास कुछ नहीं बचा है, ये डॉ राम मनोहर लोहिया द्वारा कही गई पंक्तियां हैं. मैं किसी की भावना को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता था, मैंने बस सच कहा.’
रविवार को, शिवसेना नेता ने पार्टी के बागी विधायकों को ‘जीवित लाश’ कहा था और कहा था कि इनकी ‘आत्माएं मर चुकी हैं.’
इस बीच, पार्टी के बागी विधायकों पर हमला करते हुए, शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे ने उन पर पार्टी को ‘धोखा देने’ का आरोप लगाया और कहा, ‘शिवसेना से गंदगी निकल गई है.’
मुंबई में शिवसैनिकों को संबोधित कर रहे ठाकरे ने कहा कि जब असम राज्य के कुछ हिस्सों में बाढ़ से जूझ रहा था तब पार्टी के बागी गुवाहाटी में ‘आनंद’ ले रहे थे.
ठाकरे ने यह भी दावा किया कि एकनाथ शिंदे के बागी खेमे में मौजूद 15 से 20 विधायक शिवसेना के संपर्क में हैं और उन्होंने पार्टी से उन्हें गुवाहाटी से मुंबई वापस लाने का आग्रह किया है.
उन्होंने कहा कि विद्रोही समूह के नेता एकनाथ शिंदे को मई में मुख्यमंत्री पद की पेशकश की गई थी लेकिन उन्होंने नाटक किया.
इस बीच, एमवीए सरकार के सामने संकट के बीच राज्य की राजनीतिक स्थिति पर चर्चा करने के लिए भारतीय जनता पार्टी की महाराष्ट्र इकाई की एक कोर कमेटी की बैठक सोमवार को हुई.
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