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Thursday, 25 April, 2024
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अपने ‘भतीजे’ के खिलाफ चुनाव लड़ेंगे चाचा शिवपाल यादव

इस सीट से उनके चचेरे भाई और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव सांसद हैं. जल्द करेंगे ऐलान.

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लखनऊः यूपी की राजनीति में एक बार फिर चाचा-भतीजे की जंग देखने को मिल सकती है. ये जंग पूर्व सीएम मुलायम सिंह यादव के परिवार के सदस्यों के बीच होगी. दरअसल मुलायम सिंह के छोटे भाई व प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल यादव ने फिरोजाबाद से चुनाव लड़ने की बात कही है. उन्होंने कहा कि फरवरी के पहले सप्ताह में फिरोजाबाद में होनी वाली रैली के दौरान वह वहां से चुनाव लड़ने का ऐलान करेंगे. फिलहाल इस सीट से उनके चचेरे भाई और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव रामगोपाल यादव के बेटे अक्षय यादव सांसद हैं.

रामगोपाल व अक्षय को सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव का पूरा समर्थन है. शिवपाल का यह कदम सपा-बसपा का खेल बिगाड़ने की कोशिश के रूप में देखा जा रहा है. शिवपाल के ऐलान के बाद रामगोपाल यादव ने अपनी प्रतिक्रिया दी. उन्होंने कहा कि लोकतंत्र में किसी को कहीं से भी लड़ने का अधिकार है. शिवपाल लड़ें, मुझे ऐतराज नहीं है.

सम्मान की लड़ाई लड़ रहा हूं: शिवपाल

शिवपाल यादव ने कहा कि फिरोजाबाद की जनता चाहती है कि मैं वहां से चुनाव लड़ूं, इसलिए मैं फिरोजाबाद से चुनाव लड़ूंगा. मैं समाजवादी पार्टी में कोई पद नहीं चाहता था, मुझे बस सम्मान चाहिए था. मुझे षड्यंत्र के जरिए पार्टी से बाहर कर दिया गया. एक जनसभा को सम्बोधित करते हुए शिवपाल यादव ने कहा कि फिरोजाबाद के नेता हरिओम यादव का उन पर इस बात के लिए बहुत दबाव है कि वह फिरोजाबाद संसदीय सीट से चुनाव लड़ें. बता दें कि हरिओम यादव समाजवादी पार्टी के नेता हैं. कई बार विधायक रहे हैं और सैफई परिवार के करीबी रिश्तेदार भी हैं. वह समाजवादी पार्टी से बगावत कर शिवपाल यादव का खुला समर्थन कर रहे हैं.

पुरानी है चाचा-भतीजे की जंग

चाचा-भतीजे की जंग काफी पुरानी है. यह लड़ाई एक अहम की लड़ाई हो गई. इस पूरे झगड़े में मुलायम के चचेरे भाई रामगोपाल अखिलेश यादव के साथ थे. वह लगातार उनका समर्थन करते रहे. इस दौरान विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद भी सपा का पारिवारिक झगड़ा कायम रहा. अखिलेश यादव से विवाद के चलते शिवपाल यादव परिवार में अलग-थलग पड़ गए. भतीजे से विवाद के बीच शिवपाल ने कभी अपने बड़े भाई मुलायम पर हमला नहीं किया. मुलायम ने भी शिवपाल को मनाने की हरसंभव कोशिश की. लेकिन सीधे तौर वह शिवपाल के समर्थन में कभी नहीं आए. इस कारण शिवपाल ने अलग पार्टी बना ली. हालांकि उन्होंने ये भी घोषणा की कि जिस सीट से मुलायम सिंह यादव लड़ेंगे वह वहां अपना उम्मीदवार नहीं उतारेंगे. मुलायम सिंह यादव के मैनपुरी से चुनाव लड़ने की पूरी संभावना है, लेकिन सियासी गलियारों में फिरोजाबाद सीट की जंग की चर्चा अधिक है.

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